प्रयागराज (ब्यूरो)। विभिन्न बैंकों के साथ लोग डाक घर में भी अकाउंट खोलते हैं। इस अकाउंट में वह नियमित रुपयों को भी जमा करते और निकालते हैं। पहले कोई भी व्यक्ति अकेले अपने नाम से खाता खुलवा लेता था। उसे नामिनी डिप्यूट करने की जरूरत नहीं पड़ती थी। ऐसे में अकाउंट होल्डर की मौत के बाद जमा रुपयों के परिवार के कई दावेदार आ जाते हैं। ऐसे में विवाद की स्थिति की उत्पन्न हो जाती है। मरने वाले अकाउंट होल्डर के चार बच्चे हैं तो चारों दावेदारी ठोक देते थे। नतीजा यह होता था कि मामला कोर्ट तक पहुंच जाता था। डाक घर के अफसरों को भी कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पड़ते थे। इस हालात में बगैर वाद के क्लियर हुए पैसा कोई भी नहीं निकाल सकता था। विवाद में सारा पैसा अकाउंट में डंप पड़ा रह जाता था। ऐसी स्थितियों से बचने के लिए एक ठोस निर्णय लिया है। अब डाक घर में अकाउंट खोलने वालों के साथ कोई मुरव्वत नहीं बरतेगा। खाता खोलने का फार्म भरते समय ही नामिनी का नाम भी क्लियर करना होगा। बगैर नामिनी का नाम बताए अब डाक घर में किसी का भी खाता नहीं खुलेगा। नामिनी डिप्यूट करने के लिए भी कुछ नियम व सर्तें लागू की गई हैं।
नामिनी के नियम व मिलेंगे फायदे
डाक घर में खाता खोलने के लिए फार्म भरते समय एक नामिनी फार्म अलग से मिलेगा।
जिसे नामिनी बनाएंगे उसका आधार कार्ड और दो फोटो के साथ अपने रिलेशन भी बताने होंगे
कुनबे से हट कर किसी दूसरे को नामिनी डिप्यूट करने पर दिए गए कॉलम में कारण भी लिखना होगा
इसके बाद अकाउंट होल्डर की मौत के बाद नामिनी जब चाहे उसका मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर रुपये निकाल सकेगा
इस तरह मरने वाले अकाउंट होल्डर को जमा रुपयों के लिए बहुत परेशान नहीं होना पड़ेगा
डाक घर के अकाउंट होल्ड की मौत के बाद नामिनी के सिवाय कोई दूसरा व्यक्ति पैसा नहीं निकाल सकेगा
डाक घरों में अकाउंट खोलने के लिए लागू नामिनी व्यवस्था का सख्ती से पालन कराया जाएगा। बगैर नामिनी फार्म भरे अब किसी का खाता नहीं खोला जाएगा। ताकि अकाउंट होल्डर की मौत के बाद जमा रुपयों पर दावेदारी को लेकर कोई विवाद की स्थिति नहीं बने। नामिनी जो होगा वह रुपये आराम से निकाल सकेगा।
राकेश कुमार श्रीवास्तव सीनियर पोस्ट मास्टर डाक घर सिविल लाइंस