प्रयागराज ब्यूरो । आरटीई यानी राइट टू एजूकेशन के तहत शहर के नामचीन स्कूलों में एडमिशन पाना आसान नही है। हर साल की तरह इस बार भी गिनती के बच्चों को शिक्षा के अधिकार के तहत एडमिशन मिला है। हालांकि कोशिश तो इससे कई गुना बच्चों ने की थी लेकिन सफलता प्राप्त नही हो सकी। अधिकारियों का कहना है कि किसी न किसी कारण के चलते आवेदन रिजेक्ट कर दिए गए।
साढ़े चार हजार ने जताई थी इच्छा
हर साल की तरह इस बार भी हजारों की संख्या में बच्चों ने शिक्षा के अधिकार के तहत स्कूलों में एडमिशन के लिए आवेदन किया था। इस बार आवेदनों की संख्या 4472 बताई जा रही है। लेकिन शिक्षा विभाग ने इनमें से 1834 फार्म को तत्काल रिजेक्ट कर दिया गया। अधिकारियों का कहना है कि फार्म भरने में कई जगह गलत जानकारी दी गई थी जिसके चलते उसे स्वीकार करना आसान नही था। इसलिए फार्म को रिजेक्ट कर दिया गया। फार्म रिजेक्ट करने का अधिकार बीएसए और बीईओ के पास था। फार्म के साथ इनकम सर्टिफिकेट भी लगाना था। इसको लेकर भी कमियां सामने आने पर आवेदन को रिजेक्ट कर दिया गया है।
टॉप के स्कूलों में सबको चाहिए दाखिला
शिक्षा के अधिकार के तहत शहर के टॉप स्कूलों में सभी एडमिशन चाहते हैं। इसलिए अधिकतर बच्चों के फार्म में स्कूलों के नाम लिख दिए जाते हैं। लेकिन जब यह फार्म स्कूलों के पास जाते हैं तो वहां पर सीट कम होने की वजह से रिजेक्ट कर दिया जाता है। स्कूलों का कहना है कि हमारे यहां निर्धारित सीटों पर एडमिशन होने के बाद हमें फार्म रिजेक्ट करना पड़ता है। बता दें कि आरटीई के तहत लाटरी सिस्टम द्वारा एडमिशन दिया जाता हे। ऐसे में कई फार्म रिजेक्ट होने की श्रेणी में आ जाते हैं। जानकारी के मुताबिक बच्चों में सबसे ज्यादा पतंजलि ग्रुप, टीपीएस और गोल्डन जुबली आदि स्कूलों का क्रेज रहता है।
क्या है आरटीई?
शिक्षा का अधिकार क्या है? यह अधिकार 6 से 14 साल के बच्चों को फ्री शिक्षा की गारंटी देता है।
धारा छह के तहत बच्चा पड़ोस के किसी भी स्कूल में दाखिल ले सकता है। अगर कोई बच्चा साल की आयु पर किसी स्कूल में प्रवेश नही ले सका तो वह बाद में अपनी उम्र के अनुसार कक्षा में दाखिला ले सकता है। निजी व विशेष श्रेणी वाले स्कूल को भी आर्थिक रूप से निर्बल समुदाय के बच्चों के लिए पहली कक्षा में 25 फीसदी स्थान आरक्षित करने होंगे।
वर्जन
फार्म तो चार हजार से अधिक बच्चों ने भरा था लेकिन इनकी जांच के दौरान कमी पाए जाने पर फार्म को रिजेक्ट करना पड़ा। जिनके फार्म सही थे उनको एडमिशन दे दिया गया है और इसकी सूची अप्रूवल के लिए प्रशासन के पास भेजी गई है। कई बच्चों द्वारा एक स्कूल में एडमिशन को लेकर उन्हे फार्म को रिजेक्ट करना पड़ा।
प्रवीण कुमार तिवारी, बीएसए प्रयागराज