प्रयागराज ब्यूरो फन और फिटनेस के इवेंट बाइकाथन-15 के आयोजन में महज 11 दिन शेष रह गए हैं। इसलिए बिना देरी किए आप भी इसका हिस्सा बन जाए। इसके लिए आपको फटाफट बाइकाथन का फार्म भरना है। प्रत्येक पार्टिसिपेंट को हमारी ओर से कैप और टीशर्ट प्रदान की जाएगी। रजिस्ट्रेशन के लिए आफलाइन और आनलाइन दोनो ंतरह से पंजीकरण की सूुविधा दी गई है। आप चाहें तो घर बैठे भी बाइकाथन का फार्म भर सकते हैं। फार्म हमारे दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के 7 पीडी टंडन रोड स्थित आफिस से भी कलेक्ट किया जा सकता है।

दस किमी लंबी होगी रैली

हर साल की तरह इस बार भी बाइकाथन में पार्टिसिपेंट को कुल दस किमी साइकिलिंग करनी होगी। यह रैली तीन सिंतंबर को अपने निर्धारित स्थल से सुबह सात बजे रवाना होगी। बाइकाथन के इस सीजन का प्रचार प्रसार रेड एफएम 93.5 पर भी किया जा रहा है। जिसमें आपको सभी जरूरी जानकारी प्राप्त हो सकेगी।

इस तरह से कराइए रजिस्ट्रेशन

बाइकाथन में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए ऑनलाइन भी आप्शन उपलब्ध है। इसके लिए ढ्ढहृश्वङ्गञ्जक्चढ्ढ्यश्व्रञ्ज॥ह्रहृ.ष्टह्ररू पर लागिन करना होगा। इवेंट के बारे मेें अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए मोबाइल नंबर ७३१११९२६८५ पर सुबह दस से शाम 6 बजे तक कॉल किया जा सकता है। इवेंट के दौरान पार्टिसिपेंट्स को रिफ्रेशमेंट भी दिया जाएगा। आप लकी ड्रा के जरिए आकर्षक प्राइज भी जीत सकते हैं।

आराम से चलाइए साइकिल

बता दें कि बाइकाथन का आयोजन किसी प्रकार की साइकिल रेस को प्रमोट नही करता है। यह केवल एक रैली और इसका मकसद लोगो ंको साइकिलिंग के लिए प्रेरित करना है। जिससे वह फिजिकली फिट रहें और पर्यावरण संरक्षण के बारे में भी सोसायटी को मैसेज दे सकें। इसमें भाग लेने वालों को 10 किमी के रूट को नार्मली साइकिल चलाकर पूरा करना है। इसमें रेस लगाकर नंबर लाने का कोई कांसेप्ट नही है।

हर वर्ग करता है पार्टिसिपेट

अब तक हुए बाइकाथन के 14 सीजन में सोसायटी के प्रत्येक वर्ग ने पार्टिसिपेट किया है। इनमें डॉक्टर्स, इंजीनियर, टीचर्स, आफिसर्स, प्रोफेशनल्स, व्यापारी, सीए आदि सभी शामिल रहे हैं। इन्होंने बड़ी संख्या में बाइकाथन में साइकिल चलाकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। साथ ही हमारे इस इवेंट को एप्रिशिएट भी किया। इस बार भी इन लोगों ने इवेंट में भाग लेने की इच्छा जताई है। उम्मीद है कि आप भी इस इवेंट का हिस्सा बनकर सोसायटी के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे।

पिताजी ने भेंट की थी साइकिल

साइकिल से प्रेम सभी को होता है। मुझे भी है। जब मैं कक्षा चार में था तब पिताजी ने मुझे साइकिल भेट की थी। उस समय इसका अलग ही क्रेज था। जिसके पास साइकिल होती थी वह खूब इंज्वाय करता था। मैंने भी गली-मोहल्ले में खूब साइकिल चलाई है। जब तक कॉलेज नही गया, स्कूलिंग पूरी साइकिल के जरिए की है। मैंने अपने बेटे को भी बचपन में भी साइकिल दिला दी है। वह रोजाना कई घंटे साइकिलिंग करता है। उसका उत्साह देख मुझे अच्छा लगता है। मुझे लगता है कि साइकिल चलाने से सेहत दुरुस्त रहती है साथ ही वातावरण को भी इससे सपोर्ट मिलता है।

बलवंत सिंह, डायरेक्टर, बत्रा डिफेंस एकेडमी जार्जटाउन