हेल्थ वर्कर्स ही नहीं लगवा रहे कोरोना वैक्सीन
तीसरे राउंड में भी 66 फीसदी आए आगे
ऐच्छिक होने के चलते अधिकारी नही बना पा रहे दबाव
गुरुवार को कोरोना वैक्सीनेशन का तीसरा राउंड शुरू हो गया। इसमें लगातार दो दिन के भीतर 16753 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जानी है। लेकिन पहले दिन ही महज 66 फीसदी ने केंद्रों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इसे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भले ही अपनी उपलब्धि बता रहे हों लेकिन टीका नही लगवाने वाले 34 फीसदी विभाग के लिए चिंता का सबब बने हुए हैं। यह एक तिहाई कौन लोग हैं जो वैक्सीन को लेकर जागरुक नही हैं और लाख कोशिशों के बाद केंद्र तक नही पहुंचे। वैक्सीनेशन ऐच्छिक होने के चलते खुद शासन-प्रशासन यह सवाल नही पूछ पा रहा है।
मंशा पर लगातार फेर रहे पानी
सरकार देश में शत प्रतिशत कोरोना वैक्सीनेशन करना चाहती है। इसको लेकर बकायदा प्लान बनाए गए हैं। फर्स्ट फेज में हेल्थ वर्कर्स को शामिल किया गया। जिससे वैक्सीन को लेकर जागरुकता फैले और अधिक से अधिक हेल्थ वर्कर वैक्सीन लगवाकर समाज को आगे आने केलिए प्रेरित करें। लेकिन ऐसा नही हो रहा है। पहले राउंड में 16 जनवरी को 425 लोगों ने वैक्सीन लगवाई थी जो कुल लक्ष्य का 71 फीसदी था। दूसरे राउंड में 22 जनवरी को 61 फीसदी केंद्रों तक पहुंचे थे। यह संख्या 3121 थी। गुरुवार को 66 फीसदी यानी 4508 लोगों ने वैक्सीन लगवाई है।
किए जा रहा नार्म्स का पालन
इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अपने तर्क हैं। अधिकारी यह तो मान रहे हैं कि हेल्थ वर्कर्स के आगे नही आने से दूसरे और थर्ड फेज में पब्लिक सेक्टर को वैक्सीनेशन के लिए तैयार करना आसान नही होगा। लेकिन वह नियमों से बंधे हुए हैं। लाभार्थियों को मैसेज भेजा जा रहा है और उनको वैक्सीन से जुड़ी जानकारियां भी दी जा रही हैं। बावजूद इसके हर राउंड में 30 फीसदी या इससे अधिक लाभार्थी छूट जा रहे हैं जो चिंता की बात है। इसके अलावा प्राइवेट हॉस्पिटल्स और नर्सिग होम्स द्वारा पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई अपने कर्मचारियों की जानकारी में भी कमियां होने के आरोप लग रहे हैं। बताया जा रहा है कि इनमें दर्ज मोबाइल ंनबर गलत होने से मैसेज नही पहुंच रहे हैं।
हम किसी को वैक्सीनेशन के लिए फोर्स नही कर सकते हैं। प्राइवेट हॉस्पिटल या नर्सिग होम्स द्वारा पोर्टल पर अपने कर्मचारियों की दी गई जानकारियों में भी कमी है। जिससे उन तक मैसेज नही पहुंच रहे हैं। आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ता भी ठीक प्रकार से रुचि नही ले रही हैं।
डॉ। प्रभाकर राय, सीएमओ प्रयागराज