एनसीजेडसीसी में चल शिल्प मेला के चौथे दिन पद्मश्री परवीन सुल्ताना ने बांधा समां
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PRAYAGRAJ: उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र में चल रहे राष्ट्रीय शिल्प मेला के अन्तर्गत मुक्ताकाशी मंच पर सांस्कृतिक संध्या की चौथी शाम प्रख्यात गायिका व पद्मश्री से सम्मानित बेगम परवीन सुल्ताना के नाम रही। उन्होंने अपनी गायिकी की शुरुआत में राग धनश्री पूरिया, विलंबित एक ताल में ख्याल गायन लागी मोरी लगन, लागी मोरी लगन की प्रस्तुति की तो श्रोता अपनी सीटों से उठ गए और जोरदार तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। इसके बाद बेगम परवीन ने पायलिया झंकार, भवानी दयानी महावाक्य वाणी का गायन कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। तबले पर पंडित विनोद लेले व हारमोनियम पर डॉ। विनय मिश्रा ने उनका साथ दिया।
भरतनाट्यम ने मोहा मन
सांस्कृतिक संध्या की दूसरी प्रस्तुति दिल्ली से आई रागिनी चंद्रशेखर के नाम रही। उन्होंने नृत्य की शुरुआत रागम नाटई में शुद्ध नृत्य आधा ताल में निबद्ध पुष्पाजंलि से की। इसके बाद भगवान शिव के अर्धनारीश्वर रूप को समर्पित राग शंकरा आदि ताल में जय-जय शंकर जय त्रिपुरारि पर आधारित व शुद्ध नृत्य से सुसज्जित भरतनाट्यम की प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया।
लोक नृत्यों की मनमोहक प्रस्तुति
मुक्ता काशी मंच पर मणिपुर से आए एस खोगेन्द्र सिंह व उनके साथियों ने युद्ध कला पर आधारित थागटा, थांग अहूम, तलवार व भाला से आक्रमण व प्रतिआक्रमण का रोमांच दिखाकर दर्शकों को अचंभित कर दिया। मध्य प्रदेश के कलाकारों ने जनजातीय नृत्य करमा तो उड़ीसा के जनजातीय कलाकारों ने मंदिरों का प्रख्यात नृत्य गोटीपुआ की मनमोहक प्रस्तुति की।