पुलिस ने कहा, दो मार्च को कसारी मसारी में मिलने की आयी थी सूचना, दाखिल करा दिया गया
उमेश पाल हत्याकांड में आया नया मोड़, छह मार्च को फिर होगी कोर्ट में सुनवाई

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। उन्हें दो मार्च को ही बाल संरक्षण गृह खुल्दाबाद में दाखिल करा दिया गया है। कोर्ट ने इस रिपोर्ट के आधार पर सुनवाई की नई तिथि 6 मार्च मुकर्रर कर दी है। उधर, खुल्दाबाद स्थित बाल संरक्षण गृह की तरफ से कोई ऑफिशियल कोई भी बात करने से बचता रहा। अफवाह उड़ी कि शनिवार की शाम पांच बजे तक उन्हें कोर्ट में दाखिल नहीं किया गया है। बाल संरक्षण गृह जिला प्रोबेशन अधिकारी के अंडर में रन करता है। वह फोन पर बात करने से भी कतराते रहे। उन्होंने कई बार पूरी पूरी रिंग जाने के बाद भी न तो इसे रिसीव किया और न ही कॉल बैग किया।

कानून की बारीकियों से हो रहा है खेल
उमेश पाल व उसके दो गनर को 24 फरवरी की शाम सुलेम सराय एरिया में गोली मार दी गयी थी। उमेश पाल और उनके एक गनर ने घटना के दिन ही दम तोड़ दिया। दूसरे गनर की मौत लखनऊ में इलाज के दौरान हो गयी। इस मामले में किसी भी नामजद आरोपिता को पुलिस ने अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है। नामजद किये गये लोगों में अतीक और उसके भाई अशरफ का नाम भी शामिल है। अतीक की पत्नी शाइस्ता भी नामजद है। उसके दो बेटे भी घटना में शामिल बताये गये हैं अलग बात है कि तहरीर में उन्हें सिर्फ अतीक का बेटा बताया गया है। अतीक के कुल पांच बेटे हैं। सबसे बड़ा उमर और दूसरे नंबर का अली पहले से ही जेल में बंद है। तीसरे नंबर के बेटे असद का नाम गोली चलाने वालों में शामिल बताया जा रहा है। आरोप है कि चौथे और पांचवें नंबर के बेटों एहजम और आबान को पुलिस ने घटना के दिन ही उठा लिया। नामजद होने के चलते फरारी काट रहीं अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन की तरफ से अधिवक्ता विजय मिश्रा ने 27 फरवरी को सीजेएम कोर्ट में एक आवेदन दाखिल किया। इसमें उमेश पाल हत्याकांड में दर्ज एफआईआर का रिफरेंस देते हुए छह बिन्दु कोर्ट के समक्ष रखे गये थे। ये बिन्दु अक्षरश: इस प्रकार थे प्रकीर्ण प्रार्थना पत्र द्वारा प्रार्थिनी शाइस्ता परवीन पत्नी अतीक अहमद निवासिनी 95सी चकिया थाना-खुल्दाबाद जिला-प्रयागराज निम्नलिखित निवेदित है
1. यह कि प्रार्थिनी उपरोक्त पते की स्थायी निवासिनी है एवं पूर्व सांसद अतीक अहमद की पत्नी है।
2. यह कि उपरोक्त अपराध संख्या के अन्तर्गत प्रार्थिनी व प्रार्थिनी के पूरे परिवार को अभियुक्त निरूपित किया गया है।
3. यह कि दिनांक 24.02.2023 को प्रार्थिनी के अवयस्क पुत्रों क्रमश: ऐजम अहमद व अबान अहमद पुत्रगण अतीक अहमद को थाना धूमनगंज की पुलिस द्वारा प्रार्थिनी के घर से शाम को 6 बजे विधि विरूद्ध तरीके से पकड़कर अपने साथ ले गयी।
4. यह कि आज दिनांक 27.02.2023 तक प्रार्थिनी के दोनों अवयस्क पुत्रों का पता नहीं चल पा रहा है ना ही थाना धूमनगंज की पुलिस द्वारा कोई जानकारी प्रदान की जा रही है।
5. यह कि प्रार्थिनी को डर है कि कहीं थाना धूमनगंज की पुलिस द्वारा प्रार्थिनी के दोनों अवयस्क पुत्र के साथ कोई अप्रिय घटना कारित न कर दी जाय।
6. यह कि थाना धूमनगंज की पुलिस द्वारा विधि विरूद्ध तरीके से उपरोक्त अवयस्क पुत्रों को निरूद्ध किया गया है।

2 मार्च को बताया कोई जानकारी नहीं
शाइस्ता परवीन की तरफ से अर्जी पर सीजेएम कोर्ट ने धूमनगंज पुलिस से आख्या मांगी थी। उमेश पाल अधिवक्ता भी थे। उनके परिवार वालों के लिए नौकरी, आर्थिक सहायता और हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत चल रहे थे। इसके बाद धूमनगंज थाने से 2 मार्च को आख्या कोर्ट को भेजी गयी। यह आख्या एसओ धूमनगंज की तरफ से नहीं थी। इसमें गोलमोल तरीके से जवाब दिया गया था। इसमें कहा किया था कि ऐजम अहमद और अबाना अहमद नाम का कोई भी व्यक्ति जीडी में दाखिल नहीं है। न थाने में बैठाये गये हैं और न ही पुलिस हिरासत में थाने में रखा गया है। इस केस के विवेचक एसओ धूमनगंज हैं, जो विवेचना में थाने से बाहर हैं। इससे कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिला तो शाइस्ता के वकीलों ने धूमनगंज पुलिस पर सवाल खड़ा कर दिया। इस पर कोर्ट ने 3 मार्च को सुनवाई की तिथि मुकर्रर कर दी। तीन को भी मामले में कुछ नहीं हुआ। 4 मार्च को एसओ धूमनगंज के हस्ताक्षर से आख्या सीजेएम कोर्ट में दाखिल की गयी। इसमें एसओ धूमनगंज की तरफ से जो विवरण दिया गया है वह अक्षरश: इस प्रकार है
1- इस प्रस्तर में किया गया कथन सत्य है कि आवेदिका शाइस्ता परवीन माफिया अतीक अहमद की पत्नी है, जो दिनांक 24 फरवरी 2023 को थाना धूमनगंज क्षेत्र में घटित तिहरे हत्या काण्ड की वादिनी द्वारा पंजीकृत कराए गए प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामित है।
2- इस प्रस्तर में किया गया कथन वादिनी द्वारा पंजीकृत कराए गए प्रथम सूचना रिपोर्ट से सम्बंधित है। अलग से किसी टिप्पणी की आवश्यकता नहीं है।
3- इस प्रस्तर में किया गया कथन असत्य एवं निराधार है। सत्ययता यह है कि दिनांक 24 फरवरी 2023 को थाना धूमनगंज क्षेत्र में घटित जघन्य हत्या के उपरांत आवेदिका सपरिवार अपने निवास स्थल से हट बढ़ गयी है।
4- इस प्रस्तर में कथन है कि आवेदिका के दो पुत्र क्रमश: ऐजम अहमद तथा अबान अहमद को चकिया कसारी मसारी क्षेत्र में मिलने की सूचना पर इन्हें नाबालिक मानते हुए बाल संरक्षण गृह में दिनांक 02 मार्च 2023 को दाखिल कराया गया है।
5- इस प्रस्तर का कथन पेशबंदी में गुमराह करने के उद्देश्य से किया गया है।
6- इस प्रस्तर में किया गया कथन गलत व निराधार है।

इस जवाब को वेरीफाई करने के लिए रिपोर्टर खुल्दाबाद स्थित बाल संरक्षण गृह पहुंचे तो वहां कोई स्पष्ट रूप से कुछ बताने वाला ही नहीं था। रजिस्टर मांगने पर नया रजिस्टर दिखा दिया गया जिस पर कोई पुराना डिटेल ही नहीं था। जिम्मेदार इस संबंध में ऑफिशियली कुछ भी बताने को तैयार ही नहीं हुए। अनऑफिशियली तो एक ने यह कह दिया कि उसके यहां ये दोनो दाखिल ही नहीं किये गये हैं। चंद मिनट बाद ही वह गायब हो गया। उसका नाम पता तक नहीं बताया गया।