प्रयागराज (ब्यूरो)। इस गैंग के सदस्यों ने एक कार को मोडीफाई कराकर उसे मोबाइल ब्लड बैंक बना दिया गया था। इसी कार में यह गैंग के शातिर नशेडिय़ों व गरीबों को पटाकर बुलाते थे और सात सौ से 1500 रुपये तक का भुगतान करके उनका खून निकाला करते थे। ब्लड यूनिट के पाउच पर शातिर ब्लड बैंक व एसआरएन हॉस्पिटल का फर्जी स्लिप चस्पा करके रखते थे ताकि किसी को शक न हो। ब्लड खराब न हो इसके लिए उन्होंने एक फ्रिज भी रखी हुई थी। गुर्गे डॉक्टर की डिमांड पर ब्लड के लिए भटक रहे तीमारदारों से सात से दस हजार रुपये में सौदा करते थे। डील होते ही वह आका यानी सरगना को फोन करते थे। गुर्गों का फोन आते ही सरगना द्वारा कार में निकाले गए ब्लड असुरक्षित ब्लड को जरूरत मंदों के हाथ बेच देता था। इस ब्लड का गैंग सिर्फ ग्रुप ही चेक करता था। बेचा गया यह ब्लड असुरक्षित इस लिए होता था क्योंकि इसकी कोई जांच नहीं होती थी। इनसे खरीदे गए ब्लड को तीमारदार ले जाकर मरीजों को चढ़वा दिया करते थे।
जार्जटाउन पुलिस के हत्थे चढ़े गुर्गे
यह पूरा खेल उस वक्त खुला जब गैंग का सरगना शान मोहम्मद उर्फ शानू पुत्र फिरोज जार्जटाउन पुलिस के हत्थे चढ़ा। वह आवास विकास कॉलोनी झूंसी का रहने वाला है। गैंग संचालित करने के लिए उसने अल्लापुर में किराए पर कमरा लेकर रहता था। खून के इस काले कारोबार का एसपी सिटी संतोष कुमार मीना ने खुलासा किया। जार्जटाउन थाने के इंस्पेक्टर बृजेश सिंह और सीओ शाहगंज सत्येंद्र तिवारी भी मौके रहे। एसपी सिटी ने बताया कि पूछताछ में गैंग के एक दर्जन गुर्गों का नाम प्रकाश में आया। प्रकाश में आए ब्लड के सौदागरों में झूंसी के ही आवास विकास कॉलोनी निवासी मोहम्मद इमरान पुत्र फिरोज अहमद, हनीफ उर्फ फिरोज पुत्र बेचू उर्फ सलामत हाल पता ससुराल मोहित्समगंज कोतवाली, संदीप कुमार उर्फ दीप पुत्र लल्लनराम निषाद निवासी महेवा डांडी थाना नैनी, दिनकर त्रिपाठी पुत्र रामलखन त्रिपाठी निवसी लखेसर शाहपुर थाना सिकरारा जिला जौनपुर, प्रभाकर पटेल पुत्र शिव कुमार पटेल निवसी मुश्तफाबाद थाना सरायइनायत, रजनीश कुमार पुत्र रामकिशुन यादव निवासी सीर गद्दोपुर थाना महाराजगंज जौनपुर यह यहां रहकर पढ़ाई करता है। आशीष यादव पुत्र स्व। राम कुमार यादव निवासी तवकलपुर थाना सोरांव, विमलेश यादव पुत्र भैयाराम यादव निवासी रामदास पट्टी बिहार थाना कुण्डा प्रतापगढ़, सचिन यादव पुत्र रामकेश यादव निवासी देवरिया थाना कप्तानगंज जिला आजमगढ़ व विशाल पाठक पुत्र सुनील पाठक निवासी देवरिया थाना कप्तानगंज जिला आजमगढ़, अनिल कुमार मिश्र पुत्र संगम लाल मिश्रा निवासी बाई का बाग थाना कीडगंज शामिल हैं। अभियुक्त संदीप कुमार उर्पु दीप पुत्र लल्लन राम निषाद निवासी नैनी महेवा डांडी पर पूर्व में कीडगंज और कैंट में आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
ब्लड बैंकों की फर्जी रसीद बरामद
जार्जटाउन पुलिस ने उस कार को भी बरामद कर लिया है जिसके अंदर शान ने खून निकालने का संसाधन डेवलप कर रखा था।
128 यूनिट ब्लड जब्त किया गया जिस पर टीबी सप्रू हॉस्पिटल का फेक रसीद लगा हुआ था।
टीबी सप्रू हॉस्पिटल की तीन कूट रचित ब्लड बैंक की सादी व 05 अदद इस्तेमाल की गई रसीद बुकलेट भी मिली
ब्लड बैंक, टीबी सप्रू व ब्लड बैंक मोती लाल नेहरू हॉस्पिटल के विभिन्न ब्लड ग्रुपों की कुल 350 ब्लड बैग की स्लिप
दो अदद ब्लड बैग के पैकेट में 10-10 यूनिट ब्लड बैग, 85 पीस प्रयोगशुदा ब्लड सैंपल की शीशी तथा आठ ब्लड सैंपल लेने की खाली शीशी भी बरामद हुई है
इसके पास विभिन्न अस्पतालों के 138 पर्चे जिस पर मरीज को चढ़ाने के लिए ब्लड की डिमांड डॉक्टर द्वारा की गई थी, मिले हैं
सरगना की प्रेमिका ने खोली पोल
गैंग के सरगना शान मोहम्मद उर्फ शानू की एक गर्ल फ्रेंड है। पति का साथ छूटने के बाद वह शान के सम्पर्क में आयी थी। करीब ढाई साल से दोनों में अफेयर चल रहा था और वे डेटिंग कर रहे थे। शानू इस रिलेशनशिप को लेकर सीरियस थी जबकि शान इसे टाइमपास के तौर पर ही ले रहा था। शान का व्यवहार शानू को खटक गया तो उसने शादी का प्रपोजल दिया। इसे शान ने सिरे से खारिज कर दिया। इससे नाराज चल रही शानू ने शान के सारे काले धंधे की खबर पुलिस से शेयर कर दी। इसी के चलते यह गैंग आसानी से बेनकाब हो गया। प्रेस कांफ्रेंस के समय एसपी सिटी ने इस वाकये का भी जिक्र किया।
कोरोना काल में खड़ा किया था गैंग
गैंग का सरगना शानू ने खून का बिजनेस 2019 में कोरोना कॉल से खड़ा किया था। तब से आज तक वह बेखौफ इस धंधे को करता रहा और किसी को भनक तक नहीं लगी। एक सवाल के जवाब में शानू ने कहा कि साथी सिर्फ कस्टमर खोजने का काम करते थे। कार में ब्लड निकालने और ग्रुप चेक करने का काम वह खुद करता था। बीए तक की पढ़ाई करने वाला शानू इस धंधे से पहले नैनी में एक पैथॉलाजी में काम किया करता था। जहां पर वह खून निकालने और उसका ग्रुप चेक करने का हुनर सीखा था। बताया कि अब तक वह 500 से भी अधिक यूनिट ब्लड का व्यापार कर चुका है।
गैंग के सरगना समेत गिरफ्तार किए गए सभी गुर्गों को जेल भेजा जा रहा है। ब्लड बैंक व हॉस्पिटल के आसपास सिविल पुलिस लगाकर जांच कराई जाएगी। जार्जटाउन पुलिस द्वारा किया गया यह काम काफी सराहनीय है।
संतोष कुमार मीना एसपी सिटी