- उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और शिक्षा निदेशालय चयनितों से झाड़ रहे पल्ला
एक तरफ बेरोजगारों युवाओं की फौज नौकरी की तलाश में भटक रही है। वहीं कुछ भर्ती संस्थाओं की मनमानी के कारण सैकड़ों की संख्या में चयनित अभ्यíथयों के सामने करियर का संकट बना है। यहां बात हो रही है एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 2018 के चयनित अभ्यíथयों की। जिनका लिखित परीक्षा में चयन के बाद महीनों बाद भी नियुक्ति पत्र नहीं मिल सका है। चयनित अभ्यर्थी लोक सेवा आयेाग और शिक्षा निदेशालय के चक्कर काटने को मजबूर हो रहे है। दोनों ही आफिसस में उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। दोनों ही संस्थाओं के अधिकारी सिर्फ अपना पल्ला झाडनेपर लगे है।
2018 से भर्ती का इंतजार
लोकसेवा आयोग ने एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती के लिए 15 विषयों में 10,768 पदों की भर्ती निकाली थी।
इसमें 13 विषयों के चयनितों को नियुक्ति मिल चुकी है।
लेकिन, पेपर लीक प्रकरण में फंसने के कारण हिंदी और सामाजिक विज्ञान के रिजल्ट देर से जारी हुए।
हिंदी में 1433 पदों के सापेक्ष 1400 व सामाजिक विज्ञान में 1854 के सापेक्ष 1851 अभ्यíथयों का चयन हुआ है। - आयोग ने दिसंबर 2020 में एजुकेशनल डाक्यूमेंट को वेरीफिकेशन शुरू किया। उसके बाद 1 फरवरी को हिंदी पुरुष, 2 फरवरी को हिंदी महिला, 6 फरवरी को सामाजिक विज्ञान पुरुष व 10 फरवरी को सामाजिक विज्ञान महिला चयनित अभ्यíथयों की फाइल शिक्षा निदेशालय भेजी गई। फाइल मिलने के बाद निदेशालय ने आयोग से साफ्ट कापी की मांग की।
- इस पर 10 मार्च को आयोग ने साफ्ट कापी निदेशालय को भेजा, परंतु उसमें कुछ त्रुटि थी। निदेशालय ने त्रुटि दूर करके साफ्ट कापी भेजने को कहा, लेकिन, आयोग अभी तक साफ्ट कापी नहीं भेज सका। दूसरी ओर निदेशालय ने प्रदेश के समस्त जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र भेजकर विद्यालय अधियाचन को पुष्टि करने को कहा है। यह काम भी पूरा नहीं हुआ।
एलटी समर्थक मोर्चा के संयोजक विक्की खान का कहना है कि चयन के बाद महीनों तक नियुक्ति न मिलना साबित करता है कि सरकार गंभीर नहीं है।