प्रयागराज (ब्यूरो)। पुलिस अधिकारियों ने अपने पिछले अनुभवों से सीख लेते हुए यह बदलाव किया है। बीते शुक्रवार को जिस तरीके से जुमे की नमाज के बाद उपद्रव करने वालों ने हिंसा, आगजनी और पथराव की घटनाओं को अंजाम दिया उसके बाद उस वक्त काम कर रही दंगा नियंत्रण टीम की सक्रियता की समीक्षा की गई है। समीक्षा के बाद समझ में आया कि पुरानी टीम का अनुभव और नेतृत्व क्षमता पर्याप्त नहीं है। इससे आगे सोचना होगा। माना जा रहा है कि बदलाव इसी को देखते हुए किया गया है। बता दें कि पुरानी दंगा नियंत्रण टीम में अलग-अलग जिलों से 20 इंस्पेक्टर दरोगा शामिल किए गए थे। जिन्हें आईटी एक्ट और दूसरे मुकदमों की विवेचना का काम सौंपा गया था। पुरानी दंगा नियंत्रण टीम में शामिल रहे इंस्पेक्टर दरोगा को वापस उनके जनपद भेज दिया गया है।

नौ बजे से टीमें लग जाएंगे सभी
शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हालात पूरी तरह नियंत्रण में रहे इसके लिए अधिक अनुभवी और कुशल तेजतर्रार छवि वाले पुलिस अधिकारियों और दरोगा को प्रयागराज बुलाकर उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है। ऐसे मौकों पर मोर्चे में सबसे आगे रहने वाले पुलिस कर्मियों को इस बार बुलाया गया है जो क्राइम और लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को बखूबी संभाल सकते हैं। शुक्रवार को सुबह 9 बजे से यह नया दंगा नियंत्रण दस्ता इन संवेदनशील इलाकों में मोर्चा संभाल लेगा।

लोकल पब्लिक से इनपुट
पुलिस प्रशासन ने अपनी सुरक्षा की रणनीति में अन्य बदलाव करते हुए जिले के एसओजी व साइबर पुलिस स्टेशन में तैनात पुलिस कर्मियों को अटाला, करेली और चौक जैसे संवेदनशील इलाकों में तैनाती दी है। इनमें से कुछ पुलिसकर्मी सादे वर्दी में रहकर काम करेंगे। ये लोग लोकल पब्लिक से भी जानकारियां जुटा रहे हैं। उनसे बराबर संपर्क कर हर मोहल्ले व गली की स्थिति में उछल-कूद मचाने वाले लोगों के बारे में भी जानकारी जुटा रहे है। इससे साफ है कि एडीजी जोन इस बार कोई चूक नहीं होने देना चाहते हैं।

जोन के अलग-अलग जिलों से जुमे की नमाज के दौरान और उसके बाद सुरक्षा व्यवस्था संभालने के लिए तेजतर्रार अधिकारियों और पुलिस के जवानों की टीमें शुक्रवार को लगाई गई हैं। इस टीम में शामिल अफसर और पुलिसकर्मी आज ही यहां पहुंच चुके हैं।
प्रेम प्रकाश
एडीजी जोन प्रयागराज