प्रयागराज (ब्यूरो)। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने ओईआर पॉलिसी 2016 में ही बना ली थी, जिसका मौजूदा परिवेश में रिवाइज होना बहुत जरूरी है। कुलपति प्रोफेसर सिंह के इन प्रयासों से विश्वविद्यालय के शिक्षकों के अंदर नई आशा का संचार हुआ है। ओईआर पॉलिसी में दक्ष होकर वह देश के अन्य विश्वविद्यालयों से बेहतर कर सकते हैं।
मुख्य वक्ता डॉ बरनाली रॉय चौधरी, असिस्टेंट प्रोफेसर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस मुक्त विश्वविद्यालय, कोलकाता ने कार्यशाला में मुक्त शैक्षणिक संसाधनों के प्रयोग निर्माण और उपयोग पर विशेष रुप से सभी की सैद्धांतिक और व्यावहारिक जानकारी दी। प्रोफेसर जे पी यादव, डॉ मीरा पाल, डॉ धर्मवीर सिंह, योगाचार्य अमित सिंह, डॉ संजय सिंह, शिक्षा विद्या शाखा आदि ने विचार व्यक्त किए। संचालन डॉ ज्ञान प्रकाश यादव एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ आर जे मौर्या ने किया। आख्या डॉ गौरव संकल्प एवं डॉ अरविंद कुमार मिश्रा ने प्रस्तुत की।