प्रयागराज (ब्यूरो)। नैनी सेंट्रल में बंदियों की संख्या करीब चार हजार के आसपास है। बताते हैं कि इनमें ज्यादातर बंदी विभिन्न अदालतों में विचाराधीन हैं। कोविड काल के शुरू होने से लेक अब तक जेल में परिजनों की मिलाई को लेकर सख्ती बरती जा रही थी। जेल में बंद विचाराधीन बंदियों से मिलने में भी नियमों की वजह से लोग परेशान हो रहे थे। इससे सिर्फ मिलाई के लिए पहुंचने परिजनों को ही नहीं बंदी भी अंदर परेशान होते थे। क्योंकि अभी कोविड का बहुत खतरा नहीं रहा, लिहाजा जेल में मिलाई के नियमों में कुछ संशोधन किए हैं। नए नियमों में विचाराधीन बंदियों से जेल में मुलाकात के नियमों को सरल किया गया है। मतलब यह कि अब परिजन हफ्ते में तीन बार उससे आराम से मिल सकते हैं। जबकि पहले ऐसा नहीं था। एक दो मिलने में ही लोगों को पसीने छूट जाया करते थे। क्योंकि कोविड के दौरान आए आदेशों के अधीन लोगों को उन बंदियों से मिलवाया जा रहा था।
नए नियम व शर्तें
विचाराधीन बंदियों से सप्ताह में तीन बार उनके अपने मुलाकात कर सकते हैं।
अब एक व्यक्ति तीन बार मुलाकात करे या लोग अलग-अलग हों रोका नहीं जाएगा
जबकि सिद्ध दोष बंदियों के लिए मुलाकात के नियमों में सख्ती की गई है
सिद्ध दोष बंदियों से महीने में सिर्फ एक बार ही मुलाकात जेल में कराई जाएगी
परिजन या मुलाकात महीने में एक बार सिद्ध दोष बंदी को पत्र लिख सकते हैं
यह पत्र उस बंदी तक जेल प्रशासन उसकी बैरक तक पहुंचा जा दिया जाएगा
पत्र नहीं लिखने की दशा में बंदी से एक अतिरिक्त मुलाकात का मौका दिया जाएगा
अतिरिक्त मुलाकात का यह मौका वरिष्ठ जेल अधीक्षक के आदेश पर ही मिलेगा
मुलाकात में बंदी को पूर्व की तरह तीन परिजनों से मिलने की अनुमति दी जाएगी
मुलाकात के लिए पहुंचने वालों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा
इस नए आदेश में कहा गया है कि बाकी के अन्य नियम व शर्तें यथावत रहेंगी
शीर्ष अफसरों द्वारा जो भी आदेश मिलाई कराने को लेकर भेजे गए हैं उस पर पूरा अमल कराया जाएगा। इसे लेकर सुरक्षा के तहत पर्याप्त फोर्स लगाई जाएगी।
पीएन पांडेय, वरिष्ठ जेल अधीक्षक