प्रयागराज ब्यूरो । यह लैब एजेंसी फाइनल होने के बाद अधिकतम 90 दिन में बनकर तैयार होगी। इस लैब में बहुत हाइटेक उपकरण लगाए जाएंगे। जिनसे पानी के सभी अवयवों की जांच की जा सकेगी। वर्तमान में भी जलकल विभाग की खुशरोबाग में लैब है लेकिन यह पुरानी है और इससे पानी उतनी अच्छी जांच नही हो पाती है। नई लैब भी खुशरोबाग में ही बनकर तैयार होगी।
लंबे समय से थी मांग
प्रयागराज में हाइटेक लैब की लंबे समय से मांग चल रही थी। क्योंकि यह गंगा की बेल्ट में बसा है और यहां पर लीवर के कैंसर के मरीज अधिक पाए जाते हैं। पानी में ऐसे अवयवों की जांच करने के बाद बीमारियों के मामले कम आएंगे और इससे जन मानस को फायदा होगा। इसके साथ ही पीलिया, हैजा, टाइफाइड जैसी पानी से होने वाली बीमारियों की संभावना भी कम हो जाएगी।
सीवर के पानी की भी होगी जांच
शहर में दर्जनों नालों का पानी शेाधित होकर सीधे गंगा में गिरता है। इस लैब में सीवर के शोधित पानी की भी जांच हो सकेगी। इससे गंगा में होने वाले प्रदूषण से बचाव हो सकेगा। साथ ही हजारों-लाखों श्रद्धालुओं की भावनाओं को भी बल मिलेगा। दूसरे शहरों के पानी की जांच भी यहां होगी। क्योंकि कई शहरों के बीच ऐसी हाईटेक लैब स्थापित की जा रही है।
बिना सुरक्षा किट सीवर सफाई पर कार्रवाई
सीवर सफाई के दौरान सुरक्षा किट के बिना सफाई करने वालों के खिलाफ अब कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए शिकायत नंबर जारी किया गया है। गैस मास्क, दस्ताना, गमबूट आदि के बिना सीवर लाइन की सफाई करने वालों की शिकायत करने के लिए जलकल की ओर से हेल्पलाइन नंबर पर काल करना होगा। शिकायत करने के चंद मिनट में जलकल की टीम पहुंचकर उस सफाई कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करेगी। पूर्व में ऐसी घटनाएं हुई हैं जिनमें सीवर सफाई में लोगों की लापरवाही से जान चली गई है।
लैब तो हमारे पास पहले से है लेकिन वह पुरानी है। यह हाइटेक लैब होगी। इसमें पानी की पहले से बेहतर जांच होगी। इससे कई लाभ होंगे। इसके अलावा दूसरे जिले के पानी की भी जांच की जा सकेगी।
कुमार गौरव, जीएम, जलकल विभाग प्रयागराज