प्रयागराज ब्यूरो ।


523993
पर्यटक कुल 2021 में आए प्रयागराज
107
विदेशी पर्यटक ही आए 2021 में जनपद
523886
पर्यटक इंडियन 2021 में पहुंचे प्रयागराज
860552
पर्यटक कुल 2022 में आए प्रयागराज
120
विदेशी पर्यटक पहुंचे 2022 में जनपद
860462
भारतीय पर्यटक 2022 में आए प्रयागराज
50667356
इंडियन पर्यटक 2023 में पहुंचे जनपद
4266
विदेशी पर्यटक 2023 में आए प्रयागराज

गांवों में ऐतिहासिक व पौराणिक स्थलों के साथ नदी के किनारे वाले गांव भी किए जा रहे सर्च
शहर के शोर से तंग गांवों के पर्यटन परिवेश व कल्चर की को अधिक लाइक कर रहे बाहरी पर्यटक
क्कक्र्रङ्घ्रत्रक्र्रछ्व: शहर के आसपास व दूर ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन प्लेस की तलाश शुरू हो गई है। पर्यटन विभाग ऐसे स्थानों को सर्च करने में जुट गया है। चिन्हित स्थलों की फाइल बनाकर शासन को भेजी जाएगी। इसके बाद उन स्थानों के विकास का खाका तैयार होगा। ताकि गैर मुल्क से आने वाले पर्यटक प्रयागराज के ग्रामीण परिवेश का भी भ्रमण कर सकें। पूरी व्यवस्था चौबंद होने के बाद उन गांवों या स्थानों के बारे में प्रचार प्रसार भी किया जाएगा। विभाग का मानना है कि धीरे-धीरे पर्यटक अब शांति व स्वच्छ हवा की तलाश में गांवों को पसंद कर रहे हैं। ग्रामीण से इलाकों से सटे नदियों के किनारे भी पर्यटन को बढ़ावा देने की संभावनाओं की खोज शुरू हो गई है। विलेज पर्यटन प्लेस को सर्च करने का काम जल्द ही पूरा होने की संभावना है।

विलेज टूरिज्म को बढ़ाने की तैयारी
जिले में दर्जनों महत्वपूर्ण स्थल होने के बावजूद यहां पर्यटकों का आना काफी कम हो रहा है। जबकि पड़ोसी जनपद मीरजापुर, वाराणसी और चित्रकूट में देश ही नहीं विदेशी पर्यटकों का भी काफी संख्या में आवागमन बना रहता है। पड़ोसी जनपद में आने के बावजूद पर्यटक प्रयागराज क्यों नहीं आ रहे? यह सवाल पर्यटन विभाग को पिछले कई वर्षों से परेशान कर रहा है। उत्तर की तलाश में जुटा विभाग आखीरकार निचोड़ तक पहुंच ही गया। पता चला कि प्रयागराज के ऐतिहासिक व पौराणिक स्थलों की डीप जानकारी दूर तक नहीं है। यही वजह है कि विदेश तो दूर देश के लोग भी प्रयागराज नहीं आते हैं। इसी को देखते हुए अब पर्यटन विभाग जिले में पर्यटकों को बढ़ावा देने के लिए जोर लगा दिया है। सभी ऐतिहासिक व पौराणिक स्थलों के डेवलपमेंट का काम चल रहा है। ताकि महाकुंभ के साथ इन स्थलों की आभा दूर तक बिखेरी जा सके। इसी के साथ पर्यटन विभाग एक और प्रयास कर रहा है। इस नवाचार में ग्रामीण क्षेत्रों के पर्यटन स्थलों भी सर्च किए जा रहे हैं। अफसरों का मानना है कि इन स्थानों को भी पर्यटकों के लिहाज से डेवलप किया जाएगा। काम पूरा होने के बाद इसका प्रचार प्रसार भी किया जाएगा। क्योंकि शहरी चकाचौंद से ऊब चुके लोग अब ग्रामीण क्षेत्रों व नदियों के किनारे में शांति और स्वच्छ हवा की तलाश में जाना पसंद कर रहे हैं। पर्यटन विभाग के लोगों का मानना है कि जिले में कई ऐसे गांव व नदियों के किनारे बसे गांव हैं, जिसे पर्यटन के रूप में डेवलप किया जा सका है। इसी मंशा के साथ सर्च किए जा रहे गांवों की रिपोर्ट विभाग शासन को भेजेगा। मोहर लगने के बाद चिन्हित गांवों के उन स्थलों को डेवलप किया जाएगा, जो ऐतिहासिक या पौराणिक हैं। साथ ही नदियों के किनारे को भी विकसित किया जा जाएगा। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही ऐसे चिन्हित गांवों की फाइल जिले से पर्यटन विभाग को भेजी जाएगी।

विलेज टूरिज्म पर काम किया जा रहा है। कोशिश तो पूरी है कि सर्चिंग का काम जल्द पूरा हो जाय। ताकि फाइल समय से शासन को भेजी जा सके। जिले के कई ऐसे गांव हैं जहां पर्यटन के लिहाज से बेहतर काम हो सकता है और उसे देश ही नहीं विदेश के लोग भी पसंद करेंगे।
अपराजिता सिंह, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी