प्रयागराज (ब्यूरो)। अभी तक दंत रोगियों को एलोपैथी और होमियोपैथी चिकित्सा पद्धाति से इलाज उपलब्ध हो रहा था। लेकिन अब यूनानी पद्धति से भी इलाज मिल सकेगा। कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो। अनवार अहमद कुरैशी ने बताया कि हमारे यहां डेंटल के कुल सात डॉक्टर मौजूद हैं। इनमें प्रोफेसर और रीडर शामिल हैं। एक बीडीएस डॉक्टर भी हैं। जो सर्जरी आदि का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि यूनानी में दांत की कई कारगर दवाएं हैं जिनसे रोगियों को निश्चित तौर पर लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि मरीजों को इलाज से पहले बेहोशी करने की प्रक्रिया भी पहले से काफी सरल हो गई है।
मंत्री ने की सराहना
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने यूनानी चिकित्सा पद्धति की सराहना की। उन्होंने कहा कि मैंने स्वयं इस विधि से उपचार कराया है और शत प्रतिशत लाभ मिलने के बाद इस विधा पर अपार विश्वास हुआ है। कोरोना काल के दौरान यूनानी पद्धति से तैयार हुआ काढ़ा मरीजों के बहुत काम आया था। इस कॉलेज को कोविड एल वन हॉस्पिटल बनाया गया था। जहां मरीजों को काढ़ा दिया जा रहा था। समारोह में यूनानी मेडिकल कॉलेज के तमाम कर्मचारी भी उपस्थित रहे।