प्रयागराज (ब्यूरो)। इसे कहते हैं एक तीर से दो निशाना। उत्तर प्रदेश सरकार अब पैसे भी कमाएगी और किचन भी संभालेगी। अब सरकारी राशन की दुकानों पर किराना का सामान भी मिलेगा। इसके लिए शासनादेश जारी कर दिया गया है। उम्मीद लगाई जा रही है कि प्रदेश सरकार की इस कवायद से किराना में महंगाई पर रोक लगने की उम्मीद है।
सरकारी राशन की दुकानों से गेहूं, चावल, नियमित रूप से दिया जाता है। इसके अलावा दाल, तेल, चीनी, नमक आदि समय समय पर सरकारी व्यवस्था के अनुसार वितरित किया जाता है। लेकिन अब इन दुकानों पर किराना एवं अन्य दैनिक उपयोग की चीजों का बिक्री होगी। इसके लिए 35 वस्तुओं की सूची जारी की गई है जो सरकारी राशन की दुकानों से मिल सकेंगी।
जन-जन तक पहुंचने की कवायद
प्रदेश सरकार के पास सरकारी राशन की दुकानों का पूरे प्रदेश में नेटवर्क है। एक जिले में सौ से अधिक राशन की दुकानें हैं। इन राशन की दुकानों पर अगर किराना की अन्य जरुरी चीजें मिलने लगें तो जाहिर सी बात है कि आम लोग वहां से सामान जरुर लेंगे। ऐसे में सरकार इस शासनादेश के जरिए आम लोगों तक सीधे पहुंच जाएगी। जैसा की पूर्व में कई खाद्य वस्तुओं को मुफ्त में सरकार मुहैया कराती रही है। ऐसे राशन की दुकानों का व्यापक प्रचार हो चुका है। अब नई कवायद से सरकार की जन-जन तक पहुंचने की कवायद पूरी हो जाएगी।
सरकार का बढ़ेगा राजस्व
प्रदेश सरकार के इस राशानदेश से जहां एक ओर राशन दुकान संचालकों की आय बढ़ेगी वहीं, सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी। हालांकि सरकार ने अपनी राजस्व वृद्धि की नीति का खुलासा नहीं किया है। हालांकि चर्चा है कि राशन की दुकान की आय का हिस्सा सरकार आय के तौर पर जमा होगा।
2019 में बन गई थी रुपरेखा
इस शासनादेश की रूपरेखा 2019 में बन गई थी। मगर इसे जारी करने में प्रदेश सरकार को साढ़े चार साल लग गए। ये बात समझ से परे है। खैर इस शासनादेश में कहा गया है कि इसके जरिए राशन दुकान संचालकों की आय बढग़ी।
ये तो अभी शुरुआत है
जानकारों की मानें तो इस शासनादेश के कई मायने निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि प्रदेश सरकार ने वतर्मान में सरकारी राशन की दुकानों को छोटी किराना की दुकानों के रूप में तब्दील करने की कोशिश की है। ये कवायद सफल हुई तो आने वाले समय में सरकार किराना के सामानों की सप्लाई पीपीपी मॉडल पर कर सकती है। जिससे सरकार का काफी हद तक किराना सामाग्री के मूल्यों पर नियंत्रण हो जाएगा।
क्वालिटी से नहीं होगा खिलवाड़
सरकारी राशन की दुकानों पर संचालक ऐसे ही कोई सामान नहीं बेंच सकेंगे। जिन सामानों की सूची जा जारी की गई है उन सामानों की जांच के लिए खाद्य औषधि प्रशासन के अफसरों को भी जिम्मेदारी दी गई है। एक समिति बनाई जाएगी जिसमें औषधि प्रशासन के अधिकारी सदस्य के रूप में रहेंगे। जो की समय समय पर दुकानों पर बिकने वाली वस्तुओं की क्वालिटी चेक करेंगे।
किचन तक पहुंचेगी सरकार
इस शासनादेश को गौर करें तो जिन वस्तुओं की बिक्री की सूची जा की गई है। वह वस्तुएं लगभग हर घर की जरुरत की हैं। और इन वस्तुओं को लोग खरीदते हैं। ऐसे में मूल्यों पर नियंत्रण रहे तो इस योजना की ओर लोगों का झुकाव जरुर होगा। ऐसे में किचन आम लोगों के किचन तक पहुंच जाएगी।
इस योजना के लाभ
सरकार को महंगाई पर नियंत्रण में होगी सुविधा
आम लोगों को सस्तेदरों पर मिल सकेगा किराना का सामान
दैनिक उपभोग की लगभग हर चीज मिलेगी
सरकार को ज्यादा लोगों तक अपना संदेश पहुंचाने में होगी आसानी
कम आय वाले लोगों को होगी सुविधा
इस योजना का नुकसान
यदि सरकार सस्ते दर पर सामान बिक्री की कवायद करेगी यानि कैंटीन सिस्टम चलाएगी। जिसमें सरकार टैक्स में छूट दे सकती हो तो व्यापारी इसका विरोध कर सकते हैं। क्योंकि एक राशन की दुकान पर सैकड़ों लोगों का कार्ड होता है। ऐसे में यदि एक मोहल्ले के सैकड़ों लोग अपनी दैनिक उपभोग की वस्तुओं को एक ही दुकान से लेने लगें तो अन्य गैर सरकारी किराना की दुकानों का खासा नुकसान होगा। ऐसे में व्यापारी वर्ग विरोध कर सकता है।