प्रयागराज (ब्यूरो)।रात ही नहीं दिन में भी सड़कों पर बाइक व पैदल एवं साइकिल सवारों के लिए खौफ का पर्याय बने स्ट्रीट डॉग से अब डरने की जरूरत नहीं है। डेंजर हो चुके स्ट्रीट डाग की संख्या को घटाने का नगर निगम पशु चिकित्सा एवं कल्याण अफसरों ने तरीका खोज लिए है। रोड पर घूम रहे इस तरह के डॉग का वैक्सीनेशन तो किया ही जाएगा, एक्सपर्ट नसबंदी भी करेंगे। इसके लिए करेली एरिया के सम्सनगर में बनाया जा रहा एबीसी सेंटर कम्प्लीट हो चुका है। बारह जुलाई यानी बुधवार को महापौर उमेशचंद्र गणेश केसरवानी द्वारा इस सेंटर का शुभारंभ किया जाएगा। स्ट्रीट डाग की नसबंदी व वैक्शीनेशन के लिए हरियाणा की एक संस्था के जरिए टेंडर लिया गया है। स्ट्रीट डॉग पर इस तरह नगर निगम करीब 2.87 करोड़ रुपये खर्च करेगा।
35
हजार से ज्यादा स्ट्रीट डॉग शहर में घूम रहे
2.87
करोड़ की लागत से नगर निगम बनवाएगा सम्सनगर
1150
रुपये खर्च होंगे एक डॉग की नसबंदी पर
एबीसी सेंटर का पूरा काम देखेगी एजेंसी
टेंडर लेने वाली फर्ज इस एबीसी सेंटर का पूरा काम देखेगी। स्ट्रीट डॉग की कैचिंग से लेकर रिलीजिंग तक का काम फर्म के लोग ही करेंगे। नगर निगम के अधिकारी कार्यों व शिकायतों के निस्तारण की मानीटरिंग करेंगे। नगर निगम से प्राप्त आंकड़ों को सच मानें तो शहर क्षेत्र में स्ट्रीट डॉग की तादाद करीब 35 हजार है। इनमें से 25 हजार डॉग नर शेष मादा प्रजाति के है। स्ट्रीट डॉग की संख्या को कम करने के लिए नसबंदी कराई जाएगी। बताते हैं कि एक डॉग की नसबंदी पर करीब 1150 रुपये खर्च होंगे। इस तरह सभी डॉग की नसबंदी करने पर करीब दो करोड़ 87 लाख 50 हजार रुपये खर्च किए जाएंगे। यह पैसा नगर निगम टेंडर लेने वाली संस्था को देगा। संस्था के जिम्मेदार ही एबीसी सेंटर में सफाई से लेकर डॉक्टर व स्ट्रीट डॉग को पकडऩे सहित अन्य कार्य करेगी। यह टेंडर हरियाणा के डॉ। दिनेश नामक शख्स के जरिए लिया गया है।
यहां खौफ का पर्याय हैं स्ट्रीट डॉग
सम्सनगर करेली स्थित एबीसी सेंटर की बुधवार को ओपनिंग के बाद सबसे पहले कुछ चिन्हित स्थानों के डॉग की कैचिंग और वैक्सीनेशन एवं नसबंदी का काम शुरू होगा। बताते हैं कि इनमें सर्व प्रथम हॉस्पिटल, स्कूल, कॉलेज, रेलवे स्टेशन, मण्डी जैसे स्थानों पर एक्टिव स्ट्रीट डॉग को टॉरगेट किया जाएगा। इसके बाद उन स्थानों पर टीम काम करेगा जहां पर खतरनाक स्ट्रीट डॉग की संख्या अधिक है या लोग शिकायत करेंगे। अफसरों की मानें तो एक अनुमान के मुताबिक सबसे ज्यादा स्ट्रीट डॉग की संख्या व खौफ शहर के सिविल लाइंस, एसआरएन हॉस्पिटल, गोबर गली, राजापुर, बेली, बेली हॉस्पिटल व सामने की रोड पर, तेलियरगंज, रसूलाबाद, सलोरी व बघाड़ा, कटरा, दारागंज, चौक, जानसेनगंज, सुलेमसराय, मम्फोर्डगंज, मेंहदौरी, चकिया, काङ्क्षलदीपुरम, मुंडेरा, कर्नलगंज इलाके में एक्टिव हैं। इन इलाकों में इन्हें खौफ का पर्याय इस लिए कहा जारा है क्योंकि यात्रियों व छात्रों पर वह दौड़ाकर अटैक कर देते हैं।
स्ट्रीट डॉग का ट्रीटमेंट करने के लिए एबीसी सेंटर बनकर रेडी है। बुधवार से इसे चालू कर दिया जाएगा। स्ट्रीट डॉग की कैचिंग व रिलीजिंग से लेकर वैक्सीनेशन और नसबंदी तक का काम करने के लिए हरियाणा की एस संस्था द्वारा टेंडर लिया गया है। व्यवस्था चालू होने के दो तीन महीने बाद काफी हद तक लोगों को स्ट्रीट डॉग के डर से छुटकारा मिल जाएगा।
डॉ। विजय अमृतराज, पशुचिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी