प्रयागराज ब्यूरो । अब झूंसी में रहकर पढ़ाई करने वाले छात्रों को रात में अघोषित बिजली कटौती के चलते रात में किताबें बंद करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यहां बेवजह विद्युत कटौती नहीं होगी। ऐसे में वहां रहने वाले छात्र शिद्दत से भरपूर पढ़ाई कर बिजली की रोशनी में कर सकेंगे। इतना ही नहीं, उन इलाकों में रहने वाले स्थानीय लोगों के लिए भी यह किसी बड़ी राहत से कम नहीं है। क्योंकि उनका एरिया महाकुंभ के लिए बनाए जा रहे 33 केवी के पांच फीडरों से कनेक्ट कर दिया जाएगा। इन फीडरों से कनेक्ट होते ही महाकुंभ के साथ उन मोहल्लों व इलाकों की बिजली आपूर्ति शानदार हो जाएगी। यह सारी बातें महाकुंभ से जुड़े विद्युत वर्क की समीक्षा बैठक में सोमवार को सामने आई हैं।

चालीस करोड़ की आएगी कुल लागत
दरअसल महाकुंभ 2025 के मद्देनजर 132/33 केवी उपकेंद्र का निर्माण किया जा रहा है। इसकी क्षमता करीब दो गुणे 40 बताई गई है। समीक्षा में रहे अफसरों की मानें तो दो नग ट्रांसमिशन लाइनें तीन अगस्त को ही उर्जीकृत हो चुकी हैं। कहा गया है कि दूसरे पॉवर ट्रासंफार्मर को भी अगले हफ्ते तक ऊर्जीकृत कर लिया जाएगा। इन सभी ट्रांसमिशन उपकेंद्रों एवं लाइनों के द्वारा महाकुंभ में आपूर्ति की जाएगी। उन सभी ट्रांसमिशन उपकेंद्रों से वितरण स्कंध के द्वारा निर्माणाधीन पांच नगर 33 केवी के फीडरों से न्यू झूंसी, उस्तापुर, हेतापट्टी, आवास विकास एवं कोहना वितरण उपकेंद्रों को भी जोड़ा जाएगा। इससे उन इलाकों की बिजली आपूर्ति व्यवस्था काफी अच्छी हो जाएगी। यह सभी 33 केवी के फीडरों का निर्माण इसी अगस्त के अंत तक पूर्ण होने की संभावना जताई गई है। झूंसी उपकेंद्र सहित नए हेतापट्टी उपकेंद्र भी दो ट्रांसमिशन उपकेंद्रों से भी जुड़ जाएंगे। दावा किया गया कि इससे उक्त क्षेत्रों में बढ़ती बिजली आपूर्ति की डिमांड को आसानी से पूरा किया जा सकेगा। आपूर्ति बेहतर हो जाने से उन इलाकों के लोगों को काफी राहत मिलेगी। इसके अतिरिक्त दो प्रेषण उपकेंद्र 132 केवी मिंटो पार्क व 132 केवी ओल्ड पॉवर हाउस को भी अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत प्रदान की जाएगी। इसके लिए करीब 4.5 किलोमीटर विद्युत केबिल बिछाई जाएगी।