प्रयागराज (ब्यूरो)। सावन महीने में जौनपुर, आजमगढ़ और गोरखपुर व वाराणसी जाने का प्लान बना रहे हैं तो पहले यह पूरी खबर पढ़ लीजिए। क्योंकि इस रूट पर सफर करना आप की जेब पर भारी पडऩे वाली है। सिर्फ किराया ही नहीं प्रयागराज से इन जनपदों की दूरियां भी नौ से 18 किलो मीटर तक बढ़ जाएंगी। बढ़ी हुई इस दूरी से सफर में आप यानी यात्रियों की मुश्किलें बढऩे वाली है। चूंकि दूरी बढ़ जाएगी इसलिए गंतव्य तक पहुंचने में वक्त का भी बढऩा लाजमी है। ऐसी स्थिति में प्रयागराज से उन जनपदों का सफर करने के लिए एक्स्ट्रा समय लेकर ही घर से बस स्टैंड के लिए निकलियेगा। इस रूट पर सफर के लिए किराया भाड़ा के लिए पैसा संग यदि टाइम मैनेजमेंट बिगड़ा तो समय से गंतव्य तक पहुंच पाना मुश्किल हो जाएगा। काम कोर्ट, कचहरी या सरकारी विभागों को तब ताक यह सतर्कता आप को और भी बरतने की जरूरत है। खैर हम आप को इस तरह से आग क्यों कर रहे हैं उम्मीद है यह बात आप समझ गए हों। यदि मामला अब भी समझ में नहीं आया तो खबर आगे पढि़ए।
इसलिए ऊबाऊ हो जाएगा सफर
दरअसल मंगलवार से सावन का महीना शुरू हो रहा है। यह महीना भगवान शिव की पूजा और अराधना के लिए खास माना जाता है। सावन में करोड़ों शिव भक्त पैदल कांवड़ लेकर जलाभिषेक के लिए आते आते हैं। लाखों भक्त शास्त्री ब्रिज से होकर संगम और दशाश्वमेध गंगा घाट आते हैं। यहां स्नान के बाद वे कांवड़ में जल लेकर शिवालयों में जलाभिषेक के लिए रवाना होते हैं। हजारों भक्त यहां से पैदल ही काशी जाकर भगवान शिव को जल अर्पित करते हैं। महीना सावन का है तो शिव भक्तों का रेला सड़कों पर उतरना कोई नई बात नहीं है। यहां तक तो सब ठीक ठाक ही है। प्रयागराज से जौनपुर, आजमगढ़, गोरखपुर और वाराणसी जाने वाले यात्रियों के लिए समस्या यह है कि शास्त्री ब्रिज से कांवडिय़ों के जत्थे को देखते हुए प्रशासन ने रूट डायवर्ट कर दिया गया है। अब आप सोच रहे होंगे कि शास्त्री ब्रिज से रूट डायवर्ट का यात्रियों से क्या मतलब तो है? दरअसल मतलब यह है कि इसी शास्त्री ब्रिज से होकर रोडवेज की करीब 100 बसें वाराणसी, जौनपुर, गोरखुपर और आजमगढ़ के लिए आवागमन करती हैं। सावन तक ब्रिज से भारी और कामर्शियल वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है। हालांकि बसों के डायवर्जन का अभी कोई आदेश नहीं है। फिर भी प्लान है कि रविवार से मंगलवार की शाम तक बसों का भी इस रूट से आवागमन प्रतिबंधित रहेगा। इसके अतिरिक्त सावन के विशेष स्नान पर्वों पर भी बसों पर शास्त्री ब्रिज से डायवर्जन लागू होगा। ऐसी स्थिति में सारी बसों को शहर से तेलियरगंज होते हुए फाफामऊ से सहसों हंडिया होकर आवागमन करना होगा।
फाफामऊ रूट से बढ़ी दूरी व किराया
शास्त्री ब्रिज के बजाय फाफामऊ रूट से बसों के आवागमन करने पर प्रयागराज से गोरखपुर की दूरी करीब नौ और वाराणसी की दूरी 18 किलो मीटर बढ़ जाएगी।
जौनपुर और गोरखपुर की दूरी भी लगभग नौ किलोमीटर बढ़ेगी। दूरी गढऩे के कारण रोडवेज के द्वारा किराया बढ़ा दिया जाएगा। बसों के डायवर्ट होने की दशा में बढऩे वाले किराए की सूची रूट वार एआरएम ने तैयार कर ली है।
इस सूची पर गौर करें तो प्रयागराज से वाराणसी की दूरी शास्त्री ब्रिज से होकर 126 किलो मीटर और किराया 195 रुपये है। जब फाफामऊ होकर बसें वाराणसी जाएंगी तो दूरी बढ़ कर 144 किलो मीटर बढ़ जाएगी और किराया 225 रुपये प्रति सवारी हो जाएगा।
इसी तरह शास्त्री ब्रिज से होकर गोरखुपर की दूरी 288 किलो मीटर और किराया 403 है। सावन में शास्त्री ब्रिज से जब बसें डायवर्ट होकर फाफामऊ से होकर बसों को 297 किलो मीटर का सफर तय करना होगा और प्रति व्यक्ति को इस दूरी का बढ़ा हुआ किराया 415 रुपये देना होगा।
प्रयागराज से यूं तो शास्त्री ब्रिज से होकर आजमगढ़ जाने पर दूरी 178 किलो मीटर है। जिसका किराया 248 रुपये है। मगर यही बस जब फाफामऊ होकर जाएगी तो दूरी 187 किलो मीटर हो जाएगी और प्रति यात्री को 260 रुपये किराया देना होगा।
इतना ही नहीं, प्रयागराज से जौनपुर की शास्त्री ब्रिज से होकर दूरी 112 किलो मीटर और प्रति यात्री किराया 163 रुपये है। यही बसें जब फाफामऊ होकर जौनपुर जाएंगी तो दूरी 121 किलो मीटर होगी और किराया प्रति यात्री 163 रुपये से बढ़कर 175 रुपये हो जाएगा।
शास्त्री ब्रिज से होकर चार जिलों को कनेक्ट करने वाली बसों के डायवर्टन का कोई आदेश नहीं है। इतना जरूर है कि विशेष पर्वों व दिनों पर बसों को डायवर्ट
कर फाफामऊ रूट से चलाया जाएगा। इस रूट से बसों के चलने पर जौनपुर, आजमगढ़, गोरखपुर वाराणसी की दूरी बढ़ेगी। इस लिए बढऩे वाले किराए की सूची तैयार कर ली गई है। डायवर्जन की जरूर पडऩे पर आदेश आते ही बसें डायवर्ट कर दी जाएंगी। तैयारी कर ली गई है।
सीबी सिंह, एआरएम रोडवेज सिविल लाइंस
देखिए हम बसों को डायवर्ट कर देंगे तो कांवडि़ए कैसे आएंगे। इसलिए बसों को ब्रिज से डायवर्ट करने का बहुत प्लान या मकसद नहीं है। यदि इनकेस सोमवार या अन्य विशेष पर्वों पर जरूरत पड़ी तो बड़ी बसों को डायवर्ड किया जाएगा। वह फाफामऊ रूट से होकर चलेंगी। वक्त और मौके एवं स्थिति के आधार पर यह निर्णय उसी वक्त अफसरों के निर्देश पर तत्काल लिए जाएंगे।
अमित कुमार सिंह, ट्रैफिक इंचार्ज टीआई