प्रयागराज (ब्‍यूरो)। इसे राजनीतिज्ञों की दबंगई कही जाय या फिर शासन सत्ता तक पहुंच का असर। नगर निगम से परमीशन लिए बगैर तमाम राजनीतिज्ञ खुद के साथ अपनी पार्टी की होर्डिंग पूरे शहर में लगा रखे थे। बात राजनीतिक पार्टियों व नेताओं की थी, लिहाजा बात-बात पर आम लोगों से जुर्माना वसूल करने वाले नगर निगम के अफसर भी आंख बंद करके बैठे रहे। हाल ही में लागू हुई आचार संहिता के बाद ऐसी चुनाव आयोग का खौफ अफसरों के जेहन में कौंधने लगा। देखते ही देखते पूरे शहर की होर्डिंग खुद नगर निगम अपने खर्चे पर उतारने में जुट गया। आठ हजार से भी अधिक होर्डिंग पूरे शहर से विभाग के द्वारा उतारी गई। अब ऐसे नेताओं व उनकी पार्टियों की लगी होर्डिंग की रिपोर्ट प्रशासन को निकल भेजी गई है। मतलब यह कि अब ऐसी कोई होर्डिंग कहीं लगी हुई मिली तो सम्बंधित नेताओं व पार्टियों से जुर्माना वसूला जाएगा। यह काम भी नगर निगम के बजाय जिला निर्वाचन अधिकारी के जरिए किया जाएगा।

तब कोई पूछता भी नहीं था
शहरी क्षेत्र में कोई भी काम अपने मन से करने की स्वतंत्रता किसी को नहीं है। वाहन पार्किंग का मसला हो या फिर पाई-पाई जोड़कर घर बनवाने, दुकान लगाने से लेकर रोड किनारे कूड़ा फेकने और होर्डिंग लगाने तक के लिए परमीशन लेना अनिवार्य है। बगैर परमीशन के कोई भी करने वालों पर नगर निगम हो या पीडीए के लोग जुर्माना ठोकने से बाज नहीं आते। लोग अपने घर के छत तक पर यदि किसी की होर्डिंग लगा दें तो उसके लिए भी नगर निगम जुर्माने की पर्ची थमाने में देर नहीं करता। इन सब के बीच पूरे शहर में राजनीतिज्ञों के द्वारा बगैर परमीशन लिए खुद के साथ अपनी पार्टियों की होर्डिंग लगा रखे थे। हैरान करने वाली बात यह है कि इस राजनीतिक होर्डिंग को लगाने वालों के ऊपर जुर्माना लगाने की हिम्मत विभागीय अफसर नहीं कर सके। नेता जहां और जैसे चाहे अपने नाम की होर्डिंग टांग दिए। राजनीतिक पार्टियों के नेता बगैर परमीशन के होर्डिंग लगाकर प्रचार करते रहे और नगर निगम के अधिकारी आंख बंदकर करे एसी रूम में बैठे रहे। खैर इस उपेक्षा के पीछे अफसरों में राजनीतिज्ञों का खौफ को लोग एक बड़ा कारण मान रहे हैं। आचार संहिता लागू होते ही मानों नगर निगम के अफसरों की एक्स्ट्रा एनर्जी मिल गई। वह टीम लगाकर ऐसी सारी राजनीतिज्ञों की होर्डिंग को उतरवाने में जुट गए। पिछले चार पांच दिन पूर्व तक पूरे शहर से आठ हजार 373 होर्डिंग उतारकर एक जगह कूड़े की तरह डंप कर दी गई। विभागीय सूत्रों की मानें तो अब जिला निर्वाचन अधिकारी भेजी गई शहर में लगी होर्डिंग की रिपोर्ट निल बताई गई है। दबी जुबान नगर निगम के अफसर बताते हैं कि रिपोर्ट निल भेजे जाने के बाद जिस भी पार्टी या नेता की होर्डिंग लगी हुई मिली उससे जिला प्रशासन या जिला निर्वाचन अधिकारी के जरिए जुर्माना वसूल किया जाएगा।

नगर निगम को लाखों का चूना
पूरे शहर में लगाई गई आठ हजार 373 राजनीतिज्ञ होर्डिंग से नगर निगम को लाखों रुपये का चूना लगा है। यदि इतनी होर्डिंग लगाने के लिए नेता नगर निगम से परमीशन लिए होते तो उन्हें शुल्क के रूम में लाखों रुपया विभाग के खजाने में जमा करना पड़ता। खजाने में जमा किए गए इन पैसों का उपयोग विभाग शहर के विकास कार्यों पर करता। इस तरह इस होर्डिंग के पैसों से कोई भी एक बड़ा काम शहर के अंदर नगर निगम करा सकता है।

शहर में लगी राजनीतिज्ञ होर्डिंग की रिपोर्ट अब निल हो गई है। सारी होर्डिंग्स उतारी जा चुकी है। अब जहां भी ऐसी होर्डिंग दिखाई देगी सम्बंधित थाने की पुलिस भी उन पर एक्शन लेगी। प्रशासन व विभाग स्तर से जुर्माना लिया जाएगा।
अंबरीश कुमार बिन्द, अपर नगर आयुक्त