- यूपीआरटीयू ने एग्जाम पैटर्न में किया बड़ा बदलाव, नये सत्र से किया जायेगा लागू
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PRAYAGRAJ: कोरोना महामारी ने स्कूलों और कालेजों में कई बदलाव को बढ़ावा दिया। जिससे नई चीजों खासतौर पर टेक्नो फैंडली होने की दिशा में शैक्षणिक संस्थाएं तेजी से बढ़ रही है। इसी क्रम में यूपीआरटीओयू ने नए सेशन से अपने एग्जाम के पैटर्न में भी बड़ा बदलाव करने जा रहा है। जिससे परीक्षा की गोपनीयता बरकरार रहने के साथ ही परीक्षाओं के आयोजन में होने वाले खर्च में भी काफी कमी आयी। यूपीआरटीओयू की ओर से नए सत्र से प्रदेश के विभिन्न शहरों में बने अध्ययन केन्द्रों को डिजिटल क्वैश्चन पेपर भेजकर परीक्षाएं कराने की तैयारी शुरू हो गई है।
कैंपस को पेपर लेस बनाने की दिशा में होगा बड़ा कदम
यूपी गवर्नमेंट की ओर से सभी यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया गया था कि वह अपने कैंपस को पेपरलेस बनाने के लिए प्रयास करें। इसके बाद अब यूनिवर्सिटी नई पहले करते हुए एग्जाम के लिए क्वैश्चन नहीं कराने का निर्णय लिया है।
- यूनिवर्सिटी ऑनलाइन मोड में एग्जाम का क्वैश्चन पेपर तैयार करके उसे परीक्षा से एक दिन पहले अध्ययन केन्द्रों को उपलब्ध कराएगा।
- यूनिवर्सिटी की ओर से एक क्लिक पर सॉफ्टवेयर के जरिए एक साथ सभी अध्ययन केंद्रों को क्वैश्चन पेपर भेजा जाएगा।
- साथ ही एग्जाम शुरू होने से करीब 30 मिनट पहले सेंटर्स को पासवर्ड बताया जाएगा। जिससे वह प्रिंटआउट निकालकर परीक्षा करा सके। इससे पेपर लीक होने का खतरा भी नहीं होगा। - साथ ही पेपर की छपाई में आने वाला खर्च और पेपर को सेंटर्स तक भेजने में आने वाले खर्च को भी बचाया जा सकेगा।
- पूर्व में कार्य परिषद की बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया। वहां सर्वसम्मति से मंजूरी मिलने के बाद इस व्यवस्था को शुरू करने की कवायद तेज हो गई है।
- यूनिवर्सिटी के एग्जाम कंट्रोलर देवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस नई व्यवस्था का ट्रायल सíटफिकेट, डिप्लोमा और पीजी डिप्लोमा की परीक्षाओं में किया जा चुका है। इसमें सफलता मिलने के बाद इसे सभी पाठ्यक्रमों के लिए लागू करने का निर्णय लिया गया है।
- यूनिवर्सिटी डिजिटल क्वैश्चन पेपर के जरिए परीक्षा कराने के लिए तैयारी कर रहा है। इससे पेपर की गोपनीयता बनी रहने के साथ ही खर्च में भी कटौती होगी। इसका सफल ट्रायल किया जा चुका है। नए सेशन से ये व्यवस्था लागू हो जाएगा।
प्रो। केएन सिंह
कुलपति, यूपीआरटीओयू