प्रयागराज ब्यूरो । सरकार ने बिना छह अंक वाले एचयूआईडी और हालमार्किंग वाला सोना बेचने पर पाबंदी लगा दी है। लेकिन क्या आपने गौर किया है जो सोना आप खरीद रहे हैं वह वाकई उतने ही कैरेट का है, जितने का आपने दाम दिया है। सरकार की सख्ती का फायदा उठाने वालों ने नकली हालमार्किंग का धंधा जोरों से अपना लिया है। यूपी के कई शहरों में ऐसे फर्जी सेंटर्स को सील भी किया जा रहा है। एक्सपट्र्स का कहना है कि सोना खरीदते समय उसकी जांच जरूर करवा लें। वरना आगे चलकर भारी भरकम चूना लग सकता है।

बीआईएस की टीम ने शुरू की चेकिंग
शहर में रोजाना 5 से 10 करोड़ के बीच सोने का कारोबार होता है। जबसे केंद्र सरकार ने हालमार्किंग अनिवार्य कर दी है, सोने के कारोबार में नए परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में अब कारोबारियों को सोना बेेचने से पहले उसकी हालमार्किंग करानी पड़ती है। यह हालमार्किंग बीआईएस द्वारा निर्धारित सेंटर्स पर होती है। लेकिन लगातार फाल्स हालमार्किंग की शिकायत आने पर बीआईएस ने इसकी जांच करनी शुरू कर दी है। प्रयागराज में भी शिकायत मिलने पर टीम ने कई बार दौरा किया है। हाल ही में कानपुर, सहारनपुर, आगरा, नोयडा आदि शहरों में फाल्स हालमार्किंग की सूचना मिलने पर पुलिस ने कार्रवाई भी की है।

क्या है फाल्स हालमार्किंग
सोने पर हालमार्किंग लेजर तकनीक के जरिए की जाती है।
इसके अलावा 6 अंक का यूनिक कोड यानी एचयूआईडी डाला जाता है।
बीआईएस का लोगो लगाया जाता है। इसके बाद ही सोने का आइटम बेचने के लिए अप्रूव्ड होता है।
लेकिन फर्जीवाड़े के तहत सोने के गलत कैरेट को अंकित कर फाल्स हालमार्किंग की जाती है।
इसके जरिए 16 कैरेट के सोने को 22 कैरेट बताकर चूना लगा दिया जाता है और इसे समझ भी नही पाते हैं।

शहर में खुल गए दो सेंटर
बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) की ओर से प्रयागराज में दो हालमार्किंग सेंटर खोले गए हैं।
बीआईएस की टीम इनकी लगातार निगरानी भी करती है।
जानकारी के मुताबिक देश में 500 से अधिक हालमार्किंग सेंटर खोले जा चुके हैं।
इनको सोने की हालमार्किंग का पूरा अधिकार दिया गया है।
इनके अलावा कहीं से भी सोने की हालमार्किंग वैध नही मानी जाएगी।


क्या होता है कैरेट सोना
बता दें कि कैरेट से सोने की शुद्धता अंदाजा लगाया जाता है।
24 कैरेट सोना 99.9 फीसदी और 22 कैरेट सोना 91 फीसदी शुद्ध होता है।
22 कैरेट सोने में 9 फीसदी दूसरी धातु की मिलावट की जाती है। 22 कैरेट सोने से ज्वैलरी बनाई जाती है।
24 कैरेट सोना नरम होता है और इसकी डेंसिटी कम होती है। इससे बने आभूषण आसानी से टूट जाते हैं।
इसलिए लोग 18 और 22 कैरेट की ज्वैलरी बनवाते हैं।

हर ज्वैलरी का अपनी एचयूआईडी
शायद आपको नही पता होगा कि हर ज्वैलरी अपनी अलग एचयूआईडी होती है। इसे हालमार्किंग यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर कहते हैं। यह छह अंकों का होता है। अगर आपके पास एक पेयर कान की बाली है तो दोनों की अलग एचयूआईडी होगी। इस यूनिक नंबर को बीआईएस केयर ऐप पर डालने पर असली और नकली हालमार्किंग का पता चल जाता है।

महिलाएं गहना खरीदते समय सावधानी कम बरतती हैं। ऐसा नही होना चाहिए। नए नियमों के तहत सोने की शुद्धता परखना जरूरी है। अगर चूक हुई तो पैसे का नुकसान होना संभव है।
रिंकू देवी

हाल ही में बताया गया था कि छह अंक का एचयूआईडी सोने के गहने पर अंकित होगा। इसे परखना जरूरी होता है। इसके अलावा हालमार्किंग भी होना जरूरी है। यह सब गहने खरीदते समय देखना जरूरी है।
नेहा श्रीवास्तव

सोने के गहने अब पहले से अधिक सतर्कता के साथ खरीदना होगा, क्योंकि जिनको फर्जीवाड़ा करना है वह किसी भी हद तक जा सकते हैं। ऐसे में सोच समझकर सोने के आभूषण खरीदना चाहिए।
विभा

शहर में केवल दो हालमार्किंग सेंटर हैं। इसके अलावा कोई हालमार्किग करता है तो वह गैरकानूनी होगी। फाल्स हालामार्किंग की शिकायत पर बीआईएस की टीम आकर शहर में जांच भी करती है।
पवन तिवारी, संचालक, हालमार्किंग सेंटर