देश के अग्रणी बैंक एसबीआई में पीओ के पद पर हुआ शिवानी का चयन

मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। यह पंक्तियां झूंसी के प्रतिष्ठानपुरी एचआईजी कॉलोनी में रहने वाले विष्णु बल्लभ मिश्रा की तीन बेटियों में शिवानी पर फिट बैठती है। 2008 में वह जगतारन इंटर कॉलेज से दसवीं की पढ़ाई कर रही थी। इसी दौरान उसे पैरालिसिस का अटैक पड़ा। जिसके चलते वह चलने फिरने में असमर्थ हो गई, लेकिन शिवानी ने हिम्मत नहीं हारी। उसका हौसला ही था हाई स्कूल की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। यही वजह थी कि इंटरमीडिएट की परीक्षा में उसने अच्छे अंक हासिल किए। पिछले दिनों ही उसने देश के सबसे अग्रणी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में प्रोबेशनरी ऑफिसर के पद पर चयन पाया। शनिवार को वह दिल्ली के लिए रवाना होगी।

मन के हारे हार है, मन के जीते जीत

शिवानी कहती हैं, पैरालिसिस का अटैक पड़ने के बाद मम्मी पापा परेशान हो गए थे कि अब आगे क्या होगा। लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी मुश्किलों के आगे घुटने टेकने की जगह हालातों का सामना किया.उन्होंने कहा कि प्रतियोगी छात्र-छात्राओं के पास डिप्रेशन का विकल्प ही नहीं होना चाहिये।