रिसर्च में मिले हैं पॉजिटिव रिजल्ट
प्रो। पाण्डेय ने बताया कि रिसर्च में पता चला है कि इन पौधों से प्राप्त रसायनों का प्रभाव लाइफ स्टाइल एवं जीवाणु जनित बीमारियों के इलाज में भी काफी हेल्पफुल है।
साथ ही हृदय रोग, मानसिक रोग, क्षय रोग, डायबिटीज, कैंसर आदि के इलाज में उपयोगी अंग्रेजी दवाओं के दुष्प्रभाव को भी ये कंपाउंड कम करती है।
इनमें से कई केमिकल कंपाउंड अंग्रेजी दवाइयों के लंबे समय तक उपयोग करने से उत्पन्न होते हैं।
रिसर्च में ये पाया गया कि इनमें से कई दवाओं के अधिक प्रयोग से बॉडी के कई अंगों पर खराब असर पड़ता है।
इन कंपाउंड के प्री क्लीनिकल रैट मॉडल्स के रिजल्ट सकारात्मक रहे।
इन रिजल्ट को कई शोध पत्रों ने साइट किया है। इनके रिजल्ट पर पर क्लीनिकल ट्रायल भी कई देशों में शुरु हो चुका है।
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में हुए रिसर्च में प्रो। अभय कुमार पाण्डेय के साथ उनकी टीम में डॉ। शिववरदान सिंह, डॉ। आशुतोष गुप्ता, डॉ। रमेश कुमार, अमित कुमार सिंह, रिशा गांगुली, हर्वेश कुमार राना, आकांक्षा पाण्डेय एवं कृतिका जायसवाल शामिल है।
प्रो। पाण्डेय ने बताया कि उनके लैब के कई पुरा छात्र प्रतिष्ठित संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
पुराछात्र डॉ। शशांक कुमार वर्तमान में बायोकमेस्ट्री विभाग सेंट्रल यूनिवर्सिटी आफ पंजाब एवं वर्तमान में कार्यरत अमित कुमार सिंह छत्तीसगढ़ द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्त है।

नेचुरल चीजें उनके कंपाउंड बीमारियां
काफी के बीज - क्लोरोजेनिक एसिड- डायबिटीज
सहजन की पत्तियां व बीज- मोरिन हाईड्रेड - ट्यूबरक्लोसिस
दालचीनी, तेजपत्ता - सिनामेल्डिहाइड - जीवाणु जनित रोग
क्लोव आयल (लौंग का तेल) - जीवाणु जनित रोग
बाटल ब्रश का पौधे की पत्तियां- कैलिस्टेमोन लैंसियोलेट्स- डायबिटीज व कैंसर
बहेड़ा के बीज- इलैजिक एसिड - डायबिटीज, एन्टी-एनफ्लामेटोरी
स्क्रुटेलिरिया के पौधे की जड़ - न्यूरोलॉजिकल डिसआर्डर एवं जीवाणु जनित बीमारियां

रिसर्च में कई कंपाउंड ऐसे मिले है, जिनका प्री क्लीनिकल ट्रायल में सकारात्मक रिजल्ट मिले हैं। इन रिसर्च को कई रिसर्च पेपर ने साइट किया है।
प्रो। अभय कुमार पाण्डेय
बायोकमेस्ट्री डिपार्टमेंट, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी एंड एग्जीक्यूटिव एडिटर अतंराष्ट्रीय जर्नल वेजीटॉस