प्रयागराज ब्यूरो रिपोर्टर एक पेंशेंट के लिए जांच कराने की स्थिति को परखने के लिए निकला था। डेंगू जांच किट की बात करते ही पैथालॉजी संचालक ने कह किया। सिर्फ ढाई सौ रुपये की रैपिड जांच किट से डेंगू पकड़ में नहीं आयेगा। इसके लिए छोटी-छोटी तीन जांच और करानी होगी। इसके बाद डेंगू का कोई छोटा लक्षण भी होगा तो पकड़ में आ जायेगा। इस तर्क के सहारे उसने ढाई सौ रुपये की जांच को 1500 रुपए की पैकेज जांच में कन्वर्ट कर दिया था। उसकी बातों को सुनने के बाद कौन बार बार जांच कराने जाएगा, सोच के साथ पब्लिक 1500 की जांच के लिए हामी भर दे रही थी। दिन में दो बजे के करीब चार पैथालॉजी से डाटा लेने पर पता चला कि करीब दो सौ लोग सिर्फ डेंगू की जांच कराने पहुंचे हैं।
फल फूल रही है पैथालॉजी
प्रयागराज में साढ़े तीन सौ से अधिक पैथोलॉजी हैं।
सिर्फ सिटी के अंदर ही इनकी संख्या दो सौ से अधिक है।
सभी में डेंगू की जांच भी रैपिड किट से होती है।
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट टीम ने रविवार को सिविल लाइंस पत्रिका चौराहा समीप पाथकिंड लैब, ताशकंट मार्ग स्थित साइटों केअर पैथोलॉजी सेंटर्स की पड़ताल की
दोनों में डेंगू जांच के नाम पर अतिरिक्त वसूली करने की बात सामने आई।
पाथकिंड लैब के रिसेप्शन काउंटर पर बैठे व्यक्ति ने बताया कि डेंगू की जांच एक हजार रुपये में होती है।
इसके साथ सीबीसी, विडाल और मलेरिया जांच नहीं कराये तो बेकार है। सिर्फ डेंगू जांच से बहुत कुछ पकड़ में नहीं आता है।

घर से सैंपल लेने पर एक्स्ट्रा चार्ज
पैथोलॉजी स्टाफ ने बताया कि लैब में आकर जांच करवाते है तो डेंगू का एक हजार, सीबीसी का 210, विडाल का 130 और मलेरिया का 130 लगेगा।
यदि पांच किलोमीटर के अंदर घर से जाकर सैंपल लेना होगा तो सौ रुपये एक्स्ट्रा चार्ज लगेगा।

एक बार निकलेगा ब्लड होगी भी जांच
जार्जटाउन स्थित इशिता पैथोलॉजी में डेंगू जांच का चार्ज 1300 रुपए था।
रिसेप्शन पर बैठे स्टाफ ने बताया कि डेंगू जांच के 1000 रुपए लगते हैं।
तीन सौ और देने पर अन्य जांच भी हो जाएगा। इसके लिए मरीज का ब्लड सैंपल देना होगा।
इसी एक बार में निकले ब्लड सैंपल से सब जांच हो जाएगी। एक घंटे के अंदर रिपोर्ट मिल जाएगी।

30 मिनट में रिजल्ट
निजी पैथोलॉजी में रैपिड किट से होने वाली जांच में 20 से तीस मिनट का समय लगता है।
इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर पैथोलॉजी रिपोर्ट देते हैं। जबकि हेल्थ डिपार्टमेंट इस जांच को मानता भी नहीं है।
बिना एलाइजा जांच के रिपोर्ट अधूरी मानी जाती है।

चार कंपनी की किट अवेलेबल
जिस किट से निजी लैब में जांच की जाती है, उसकी कीमत दो सौ से 250 रुपए तक होती है।
चार कंपनियों की किट बाजार में मिल रही हैं। इसके अलावा चाइनीज किट एएस-वन एंटीजन भी बाजार में हैं। इसकी कीमत 250 रुपए है।
इससे एंटीबॉडी जांच भी हो जाती है। एलाइजा जांच की सुविधा शहर के कुछ ही जगहों पर उपलब्ध है।
डेंगू की जांच एलाइजा और आरटीपीसीआर दोनों से होती है, लेकिन इस जांच में छह से सात घंटे लगते हैं।
यही कारण है कि लोग इस जांच को नहीं कराते हैं।
निजी पैथोलॉजी संचालक डेंगू की जांच के नाम पर मनमाना रेट नहीं वसूल सकते हैं

पैथोलॉजी को जांच की रेट लिस्ट चस्पा करने को कहा गया है। जहां पर इस आदेश का पालन नहीं हो रहा है तो वहां कड़ी कार्रवाई की जाएगी। चेक कराया जायेगा आखिर किस हिसाब से चार्ज कर वसूला जा रहा है।
नानक सरन
सीएमओ प्रयागराज क्रद्गड्डद्यद्बह्ल4 ष्टद्धद्गष्द्म
एक नहीं चार जांच से पुष्ट होता है डेंगू
डेंगू के साथ सीबीसी, विडाल और मलेरिया जांच का पैकेज बनाकर वसूल रहे हैं 1470 रुपये
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डेंगू जांच के लिए किट तो है। लेकिन, सिर्फ इस किट से होने वाली जांच से पता नहीं चल पायेगा कि डेंगू का प्रभाव बॉडी पर है या नहीं। कन्फर्म रिपोर्ट चाहते हैं तो चार जाचें करानी होंगी। सभी को एक साथ कराने पर कुल 1470 रुपये खर्च आएंगे। काम्बो पैक लेंगे तो फायदे में रहेंगे। डॉक्टर को शक हो गया तो ये जांचें अलग से लिख देंगे और सेपरेट जांच कराने पर आपको दोगुना तक पे करना पड़ सकता है। अब आपकी मर्जी है जो कहेंगे वही जांच करके रिपोर्ट हम दे देंगे। जी हां, डेंगू के आलमोस्ट पीक सीजन में कमाई का यह फंडा निकाला है प्राइवेट पैथालॉजी संचालकों ने। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने सोमवार को रियलिटी चेक किया तो यह चौंकाने वाला सच खुलकर सामने आया। पड़ताल में यह तथ्य भी सामने आया कि पैथॉलॉजी संचालक स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी गाइड लाइन का पालन भी नहीं कर रहे हैं। इससे पब्लिक वही करने पर मजबूर है जो पैथालॉजी संचालक बोल रहे हैं।

ऐसे तर्क कि हो जाएंगे निरुत्तर
रिपोर्टर एक पेंशेंट के लिए जांच कराने की स्थिति को परखने के लिए निकला था। डेंगू जांच किट की बात करते ही पैथालॉजी संचालक ने कह किया। सिर्फ ढाई सौ रुपये की रैपिड जांच किट से डेंगू पकड़ में नहीं आयेगा। इसके लिए छोटी-छोटी तीन जांच और करानी होगी। इसके बाद डेंगू का कोई छोटा लक्षण भी होगा तो पकड़ में आ जायेगा। इस तर्क के सहारे उसने ढाई सौ रुपये की जांच को 1500 रुपए की पैकेज जांच में कन्वर्ट कर दिया था। उसकी बातों को सुनने के बाद कौन बार बार जांच कराने जाएगा, सोच के साथ पब्लिक 1500 की जांच के लिए हामी भर दे रही थी। दिन में दो बजे के करीब चार पैथालॉजी से डाटा लेने पर पता चला कि करीब दो सौ लोग सिर्फ डेंगू की जांच कराने पहुंचे हैं।
फल फूल रही है पैथालॉजी
प्रयागराज में साढ़े तीन सौ से अधिक पैथोलॉजी हैं।
सिर्फ सिटी के अंदर ही इनकी संख्या दो सौ से अधिक है।
सभी में डेंगू की जांच भी रैपिड किट से होती है।
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट टीम ने रविवार को सिविल लाइंस पत्रिका चौराहा समीप पाथकिंड लैब, ताशकंट मार्ग स्थित साइटों केअर पैथोलॉजी सेंटर्स की पड़ताल की
दोनों में डेंगू जांच के नाम पर अतिरिक्त वसूली करने की बात सामने आई।
पाथकिंड लैब के रिसेप्शन काउंटर पर बैठे व्यक्ति ने बताया कि डेंगू की जांच एक हजार रुपये में होती है।
इसके साथ सीबीसी, विडाल और मलेरिया जांच नहीं कराये तो बेकार है। सिर्फ डेंगू जांच से बहुत कुछ पकड़ में नहीं आता है।

घर से सैंपल लेने पर एक्स्ट्रा चार्ज
पैथोलॉजी स्टाफ ने बताया कि लैब में आकर जांच करवाते है तो डेंगू का एक हजार, सीबीसी का 210, विडाल का 130 और मलेरिया का 130 लगेगा।
यदि पांच किलोमीटर के अंदर घर से जाकर सैंपल लेना होगा तो सौ रुपये एक्स्ट्रा चार्ज लगेगा।

एक बार निकलेगा ब्लड होगी भी जांच
जार्जटाउन स्थित इशिता पैथोलॉजी में डेंगू जांच का चार्ज 1300 रुपए था।
रिसेप्शन पर बैठे स्टाफ ने बताया कि डेंगू जांच के 1000 रुपए लगते हैं।
तीन सौ और देने पर अन्य जांच भी हो जाएगा। इसके लिए मरीज का ब्लड सैंपल देना होगा।
इसी एक बार में निकले ब्लड सैंपल से सब जांच हो जाएगी। एक घंटे के अंदर रिपोर्ट मिल जाएगी।

30 मिनट में रिजल्ट
निजी पैथोलॉजी में रैपिड किट से होने वाली जांच में 20 से तीस मिनट का समय लगता है।
इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर पैथोलॉजी रिपोर्ट देते हैं। जबकि हेल्थ डिपार्टमेंट इस जांच को मानता भी नहीं है।
बिना एलाइजा जांच के रिपोर्ट अधूरी मानी जाती है।

चार कंपनी की किट अवेलेबल
जिस किट से निजी लैब में जांच की जाती है, उसकी कीमत दो सौ से 250 रुपए तक होती है।
चार कंपनियों की किट बाजार में मिल रही हैं। इसके अलावा चाइनीज किट एएस-वन एंटीजन भी बाजार में हैं। इसकी कीमत 250 रुपए है।
इससे एंटीबॉडी जांच भी हो जाती है। एलाइजा जांच की सुविधा शहर के कुछ ही जगहों पर उपलब्ध है।
डेंगू की जांच एलाइजा और आरटीपीसीआर दोनों से होती है, लेकिन इस जांच में छह से सात घंटे लगते हैं।
यही कारण है कि लोग इस जांच को नहीं कराते हैं।
निजी पैथोलॉजी संचालक डेंगू की जांच के नाम पर मनमाना रेट नहीं वसूल सकते हैं

पैथोलॉजी को जांच की रेट लिस्ट चस्पा करने को कहा गया है। जहां पर इस आदेश का पालन नहीं हो रहा है तो वहां कड़ी कार्रवाई की जाएगी। चेक कराया जायेगा आखिर किस हिसाब से चार्ज कर वसूला जा रहा है।
नानक सरन
सीएमओ प्रयागराज