प्रयागराज (ब्‍यूरो)। आज के दौर में बाइक बड़ा सहारा है। दिन भर कामकाज निपटा पाना कितना आसान होता है बाइक से। चोर के लिए बाइक चुरा लेना कितना आसान होता है, मगर जिसकी बाइक चोरी गई, उसकी तो जिंदगी का रास्ता ही खो जाता है। ये बड़ी गंभीर बात है। बाइक खो जाने पर कोई भी पैदल हो जाता है। लोग भी लापरवाही से बाज नहीं आते हैं। महज बीस रुपये स्टैण्ड पर जमा करके सुरिक्षत बाइक खड़ी करने के बजाए लोगों को जब चपत लग जाती है कि कितनी बड़ी गलती हो गई। और पुलिस का क्या कहना। साल भर से कोई बाइक चोरी गैंग गिरोह का खुलासा भी नहीं हुआ। जबकि आए दिन बाइक चोरी की घटना हो रही है।

हनुमान मंदिर पार्किंग से हुई चोरी
नैनी डांडी के रहने वाले हैं अर्पित द्विवेदी। सिविल लाइंस में हाउसिंग फाइनेंस कंपनी में सेल्स मैनेजर हैं। रोज सुबह साढ़े नौ बजे ऑफिस पहुंचने का टाइम है। नया यमुना पुल बंद था तो घंटों लग जाते थे डांडी से सिविल लाइंस पहुंचने में, वो भी बाइक से। पिछले शनिवार को अर्पित हनुमान मंदिर सिविल लाइंस पहुंचे। मंदिर के अंदर पार्किंग है। वहां बाइक खड़ी की। शाम को करीब सात बज रहे थे। अर्पित अंदर मंदिर में गए। हनुमान चालीसा पढ़ी। इसके बाद बाहर निकले। पार्किंग पहुंचे तो बाइक गायब थी। अर्पित के होश उड़ गए। फौरन 100 डॉयल को सूचना दी। पुलिस ने तेजी दिखाई, मगर बाइक पकड़ी नहीं जा सकी। पुलिस ने जांच में सीसीटीवी फुटेज में देखा तो शाम सात बजकर 44 मिनट पर बाइक लोकसेवा आयोग चौराहा से गुजरी थी। एक पतला लड़का बाइक ले जा रहा था। खैर, बाइक अर्पित को मिल नहीं सकी।

बदल गई लाइफ स्टाइल, अब आते हैं टेंपो से
बाइक चोरी के दूसरे दिन से अर्पित की लाइफ स्टाइल ही बदल गई। जहां सवेरे नौ बजे अर्पित बाइक लेकर ड्यूटी पर निकल पड़ते थे, साढ़े नौ बजे ऑफिस सिविल लाइंस पहुंच जाते थे, वहीं अब अर्पित टेंपो से ऑफिस पहुंच रहे। डांडी नैनी से सिविल लाइंस पहुंचने में अर्पित को चार जगह टेंपों बदलनी पड़ती है। अर्पित के पिता गिरीशचंद्र द्विवेदी अग्रसेन इंटर कॉलेज में क्लर्क हैं। घर में दो बाइक थी। एक चोरी हो गई। ऐसे में अर्पित की नौकरी भी प्रभावित हो रही है। अर्पित ने बताया कि फील्ड वर्क के लिए दोस्तों का सहारा लेना पड़ता है, कभी कभी दोस्तों को भी काम पड़ जाता है, ऐेेसे में कहीं जाने में दिक्कत होती है।

पत्रिका चौराहे से गायब हो गई बाइक
अनूप कुमार शुक्ला म्योराबाद में रहते हैं। अनूप पत्रिका चौराहे पर एक क्लिीनिक में लैब टेक्नेशियन हैं। सुबह दस बजे पहुंच
जाते हैं। रात में देर तक क्लिीनिक में रहते हैं। 18 जुलाई को क्लिीनिक के सामने पार्किंग से अनूप शुक्ला की बाइक चोरी हो गई। सुल्तानपुर के रहने वाले अनूप म्योराबाद में परिवार के साथ किराए पर रहते हैं। अब अनूप को टेंपों पकड़कर नौकरी पर आना पड़ता है।

सीसीटीवी भी नहीं बना पाए दबाव
शहर में कोने कोने पर पिछले कुंभ में ही पुलिस ने सैकड़ों सीटीवी कैमरे लगवाए थे। इसके अलावा अब मार्केट में भी दुकान दुकान सीसीटीवी लग गए हैं। इसके बाद भी बाइक चोरी की घटनाओं में कमी नहीं आ रही है। औसतन हर दूसरे दिन शहर में बाइक चोरी की घटना हो रही है। कई बार तो पुलिस बाइक चोरी का केस ही दर्ज नहीं करती है।

पुलिस ऐसे करती है बाइक चोरी का खुलासा
पुलिस बाइक चोरी जैसी घटनाओं को भी नहीं रोक पा रही है। वहीं बाइक चोरी हो जाए तो फिर पुलिस मामले को कैसे निपटाती है खीरी पुलिस की ये कार्यशैली महज एग्जांपल भर है। खीरी थाना क्षेत्र के नीवी मरहला गांव के गंगासागर की पल्सर बाइक उसके घर के सामने से दिन में साढ़े बारह बजे चोरी हो गई। घटना 10 जुलाई की है। गंगासागर ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने 17 जुलाई को गंगा सागर की बाइक चोरी की रिपोर्ट लिखी। इसके बाद उसकी बाइक उसे दिलवा दी। जब गंगासागर ने चोरों की गिरफ्तारी की बात कही तो पुलिस ने उसे टाल दिया।

बाइक बचाने के लिए क्या करें
- आसपास जानकारी करें, पार्किंग हो तो वहीं बाइक खड़ी करें। दस, बीस रुपये बचाने के चक्कर में नुकसान ज्यादा हो जाता है।
- बाइक का हैंडिल लॉक हमेशा दुरुस्त रखें। गड़बड़ समझ आने पर तुरंत लॉक बदल दें।
- व्हील लॉक सिस्टम का भी इस्तेमाल करने में लापरवाही न बरतें।
- बाइक खड़ी करते समय आसपास सीसीटीवी कैमरा चेक करें। कैमरा होने पर ही वहां बाइक खड़ी करें।
- बाइक खड़ी कर आसपास नजर दौड़ाएं। देखें कोई संदिग्ध आपको जाते हुए वाच तो नहीं कर रहा है।
- बाइक के कागजात दुरुस्त रखें। नई बाइक होने पर इंश्योरेंस जरुर करवाएं।
- बाइक खड़ी करने में पार्किंग का इस्तेमाल करने में लारावाही न बरतें।

बाइक चोरी की घटनाओं को पुलिस रोकने का पूरा करती है। यदि थोड़ी सावधानी बाइक स्वामी द्वारा भी बरती जाए तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है। मामूली लापरवाही में बाइक चोरी की घटना हो जाती है। जिससे बाइक स्वामी को नुकसान उठाना पड़ता है।
पवन कुमार पांडेय, ट्रैफिक इंस्पेक्टर