प्रयागराज ब्यूरो । बारिश के सीजन में सब्जियों से बहुत अधिक प्रेम बेहतर साबित नही होता है। लापरवाही से सब्जियों का यूज करने से तमाम तरह की बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है। इसमें फूड प्वाइजनिंग से लेकर दिमाग में कीड़ों के अंडे जाने तक के मामले सामने आते हैं। हर साल कई लोगों की जान इन्ही कारणों से चली जाती है। इसलिए मानसून में सब्जियों का चुनाव करने से पहले बार बार सोचना जरूरी है।

आसानी से पनप जाते हैं बैक्टीरिया और कीड़े

बारिश के सीजन में नमी अधिक रहती है और धूप कम निकलती है। ऐसे में बैक्टीरिया, वायरस और तमाम परजीवी कीड़े आसानी से पनपने लगते हैं। हर पत्तेदार और रूट वाली सब्जियों में इनकी तादाद अधिक रहती है। यह आसानी से नजर नही आते और भोजन के साथ पेट में पहुंचकर तमाम तरह की बीमारियों को जन्म देते हैं। खासकर फूड प्वाइजनिंग, पेट दर्द, उल्टी, गैस, खट्टी डकार और सिर में दर्द। इतना ही नही, शलजम, मूली और चुकंदर जैसी सब्जियां जमीन के नीचे उगाई जाती हैं। ऐसे में इनमें दूसरी सब्जियों से अधिक बैक्टीरिया, वायरस और परजीवी रहते हैं। इसलिए इनसे बचने की अधिक जरूरत होती है।

चाऊमीन से सर्वाधिक खतरा

इस सीजन में पत्तागोभी का सबसे ज्यादा फास्ट फूड में इस्तेमाल किया जाता है। खासकर चाऊमीन में इस सब्जी को बिना धोए और साफ किए मिक्स किया जाता है। ऐसे में पत्तोगाभी में मौजूद परजीवी और उसके अंडे सीधे पेट में चले जाते हैं और फिर खून के साथ बे्रन की नसों में अटक जाते हैं। बाद में इसकी वजह से मरीज को झटके आने लगते हैं और वह न्यूरो से संबंधित बीमारियों का शिकार हो जाता है। कई बार मरीज की जान भी चली जाती है। यह बीमारी कॉमन है और यही कारण है कि अक्सर ऐसी सब्जियों को अच्छी तरह से साफ करके यूज करने की सलाह दी जाती है। इसी तरह से मानसून के दौरान बैंगन से बचना चाहिए। इससे फंगल होने का सबसे ज्यादा खतरा होता है। इसका सेवन करने से स्किन संबंधी रोग हो सकते हैं।

बेस्ट है करेला और परवल

वही बारिश में ऐसी सब्जियों को बेहतर माना जाता है जो बॉडी के इम्युन सिस्टम को बढ़ाकर भरपूर मात्रा में फाइबर दें। इनमें करेला और परवल को बेस्ट माना जाता है। क्योंकि करेला में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसी तरह से परवल भी बॉडी को बैक्टीरिया के प्रकोप से बचाने का काम करता है। साथ ही लौकी, भिंडी और तोरई का भी खाने में उपयोग किया जा सकता है।

इन बातों का रखना होगा ध्यान

- सब्जियों को पकाने से पहले कायदे से उनको धोएं।

- सब्जियों को कच्चा मत खाएं। सलाद में ककड़ी और खीरे का उपयोग कम करें।

- टमाटर बेस्ट आप्शन हो सकता है लेकिन इसे भी बेहतर तरीके से धोकर यूज करें।

- पत्ता गोभी और फूल गोभी से बचने की कोशिश करें।

- बाजार में बिकने वाले चाऊमीन, रोल और फ्राइड राइस जैसे आइटम्स से दूरी बनाएं ता बेहतर। क्योंकि इनमें सब्ज्यिों का अन हाइजीनिक तरीके से यूज किया जाता है।

हम लोगों को सलाह देते हैं कि बारिश के सीजन में कई सब्जियों का सेवन न करें तो बेहतर है। इससे पेट संबंधी बीमारी अधिक होती है। जो भी खाएं धोकर और पकाकर खाएं। रूट वेजिटेबल्स का कम यूज करें तो सेहत के लिए अच्छा होगा।

नेहा सिंह, डाइटीशियन

बच्चों को चाऊमीन अधिक पसंद होता है। लेकिन इसमें यूज होने वाली पत्तागोभी को धुला नही जाता है। ऐसे में इसमें मौजूद परजीवी और उसके अंडे आदि शरीर में पहुंचकर तमाम रोग पैदा करते हैं जो ठीक नही है।

डॉ। संजय त्रिपाठी, पीडियाट्रिशन