प्रयागराज (ब्यूरो)।
07 दिन में सात लोगों से हुई साइबर ठगी
02 लाख 73 हजार 301 रुपये की कुल ठगी
02 लाख 20 हजार रुपये टीम ने कराई वापस
पिछले सात दिनों में सात लोगों के साथ साइबर ठगी की घटनाएं हुई हैं। विभिन्न माध्यमों से शातिर उन लोगों के अकाउंट से ढाई लाख से भी ज्यादा रुपये गायब कर दिए। रुपये खाते से कटने के मैसेज आए तो लोगों को ठगी का अहसास हुए। वह पुलिस से शिकायत किए तफ्तीश साइबर सेल भेज दी गई। छानबीन में जुटी साइबर सेल की टीम द्वारा लोगों के दो लाख 20 हजार रुपये वापस कराने में कामयाब रही। तकरीबन 45 हजार रुपये फिर भी साइबर शातिर ठगी करने मेें कामयाब रहे।
इन माध्यमों का हुआ था प्रयोग
साइबर शातिरों ने कई माध्यमों का उपयोग कर लोगों को अपना शिकार बनाया। जिसके जरिए रुपये गायब किए गए उनमें एटीएम ओटीपी, फोन-पे, एनी डेस्क एप और पे-टीएम शामिल हैं। साइबर सेल के मुताबिक साइबर शातिरों द्वारा लोगों को फोन किए गए। खुद को बैंक कर्मचारी, किसी कंपनी का अधिकारी, इनाम आदि निकलने का झांसा देकर डिटेल मांगे। डिटेल देते हुए इन सभी के खाते से रुपये निकले के मैसेज मोबाइल आने लगे। इसी मैसेज से उन्हें साइबर ठगी के शिकार हो जाने का अहसास हुआ। रुपये वापस कराने के बाद टीम द्वारा इन्हें बुलाकर साइबर ठगी से बचाव को लेकर जागरूक किया गया।
झांसे में आए लोग व ठगी की रकम
जार्जटाउन निवासी राजेश पांडेय से ओटीपी पूछकर साइबर ठग 60 हजार रुपये खाते से उठाए 30 हजार वापस
जार्जटाउन के ही राममूर्ति मिश्रा से भी ओटीपी पूछी कर साइबर शातिर द्वारा खाते से निकाले गए 30 हजार रुपये वापस हुए
धूमनगंज के सुनील प्रजापति से फोन-पे के जरिए 30 हजार की ठगी की गई पूरे रुपये साइबर सेल वापस कराया
बारा निवासी आकाश केसरवानी से एनी डेस्क एप के मध्य से 11 हजार रुपये की हुई शिकायत साइबर सेल वापस कराया
मऊवाइमा निवासी इकरार अहमद के खाते से एनी डेस्क एप के माध्यम से 20 हजार रुपये निकाले गए 10 हजार वापस
हंडिया निवासी रविन्द्र कुमार को भी झांसा देकर ओटीपी पूछे और 23 हजार 301 रुपये गायब किए 10 हजार वापस
इसी तरह ऐश्वर्य केसरवानी के अकाउंट से पेटीएम एप के जरिए 99 हजार रुपये गायब हुए साइबर सेल पूरा वापस कराया
टीम ने दिए सतर्कता के मंत्र
साइबर टीम द्वारा बताया गया कि फोन से अकाउंट डिटेल कभी बैंक के अफसर या लोग नहीं मांगते
इस तरह के आने वाली कॉल पर बात करने वाले शातिर के झांसे से बचें और उसे कोई जानकारी नहीं दें
आपके मोबाइल पर आए ओटीपी जैसी चीजें यदि कोई मांगे तो कभी भी उसे न बताएं और सतर्क हो जाएं
बैंक अकाउंट सम्बंधित डिटेल किसी भी सूरत में किसी दूसरे को न दे और चीजों को गोपनीय रखें
एटीएम हो या फिर पेटीएम आदि माध्यम, अपने द्वारा बनाए गए पिन कोड को बीच-बीच चेंज करते रहे
घटना के शिकार यदि हो ही जाएं तो बगैर देर किए तत्काल शिकायत पुलिस से करें, देरी पर रुपये वापस नहीं हो पाते
साइबर ठगी से बचने का एक मात्र रास्ता है कि लोग फोन कॉल व मैसेज को लेकर सतर्क रहें। किसी को भी ओटीपी या अकाउंट डिटेल नहीं दें। घटना के बाद शिकायत करने में देरी न करें। देर हो जाने पर रुपयों के वापस होने के चांस बहुत कम रहते हैं।
सतीशचंद्र, एसपी क्राइम