इनकम टैक्स की वेबसाइट का रिस्पांस यूजर्स को कर रहा है परेशान, आधार से नहीं हो पा रहा वेरिफिकेशन

इस समय इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना परेशानियों से भरा है। न तो आधार से डेटा का वेरिफिकेशन हो पा रहा है और न ही डाउनलोड हो रहा है। इससे लोगों का आईटीआर पेंडिंग होता जा रहा है। चार्टर्ड एकाउंटेंट्स का कहना है कि आईटीआर फाइल करने की लास्ट डेट नजदीक आ रही है। इस वक्त वेबसाइट का ठीक से काम नहीं करना चिंता का विषय है।

90 प्रकार की दिक्कतें हैं सामने

इनकम टैक्स विभाग के नए ई-फाइलिंग पोर्टल में 90 प्रकार की दिक्कतें बताई जा रही हैं। चार्टर्ड एकाउंटेंट्स का कहना है कि लोगों के लिए आरटीआर फाइल करना जरूरी होता है। वह हमारे पास आते हैं। हम उन्हें फिलहाल रोकने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि, पोर्टल की समस्या से उनकी फाइलिंग में प्राब्लम हुई तो इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।

प्राब्लम जो फेस कर रहे हैं

आईटीआर फाइल करने के बाद डेटा डाउनलोड नहीं हो रहा है।

रिटर्न भरने के बाद कितना रिफंड है यह भी पता नहीं चल रहा है।

एग्जम्प्शन के लिए फार्म अपलोड नहीं किया गया है।

एक आईटीआर फाइल करने के लिए मल्टीपल अटेम्प्ट करने पड़ रहे हैं।

आईटीआर का वेरिफिकेशन आधार से कराने में मुश्किल आ रही है।

नोटिस का जवाब देने और अपील फाइल करने में एरर आ रहा है।

सोसायटी और ट्रस्ट का नया फार्म जमा नहीं हो पा रहा है।

डिजिटल सिग्नेचर में प्राब्लम फेस करनी पड़ रही है।

लास्ट डेट से पहले दो लाख फाइलिंग

इंडिविजुअल की रिटर्न फाइल करने की लास्ट डेट 30 सितंबर है और आडिट वालों की आईटीआर फाइलिंग की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर है। एक्सप‌र्ट्स के अनुसार प्रयागराज में दो लाख ऐसे लोग हैं जो हर साल आईटीआर फाइल करते हैं। इन लोगों को इस पोर्टल की अनियमितता से प्राब्लम फेस करनी पड़ रही है। सीए संस्थाओं ने सरकार को शिकायती पत्र भी भेज रखा है।

पोर्टल में यह हैं खास फीचर

नई वेबसाइट अधिक यूजर फ्रेंडली है। जिससे आईटीआर फाइल करने में आसानी होगी और रिफंड भी जल्द मिलेगा।

सभी ट्रांजेक्शन, अपलोड और पेंडिंग एक्शन एक ही डैशबोर्ड पर दिखते हैं।

ताकि यूजर उसे रिव्यू कर सकें और जरूरत के हिसाब से एक्शन लें।

आईटीआर फाइल करना, उसे रिव्यू करना और कोई एक्शन लेना आसान हो जाएगा।

ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही स्थितियों में आईटीआर के लिए तैयारी करने का सॉफ्टवेयर मुफ्त में उपलब्ध है।

करदाताओं को असिस्ट करने की सुविधा के साथ प्री-फाइलिंग का विकल्प भी है। ताकि कम से कम डेटा एंट्री करनी पड़े।

डेस्कटॉप पोर्टल की सभी जरूरी सुविधाएं मोबाइल ऐप पर भी उपलब्ध हैं।

नए पोर्टल में एक नया टैक्स पेमेंट सिस्टम लाया गया है, जिसमें भुगतान के कई विकल्प होंगे, जैसे नेट बैंकिंग, यूपीआई, आरटीजीएस, एनईएफटी आदि।

अभी तो हम लोग दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। पोर्टल ठीक से वर्क नहीं कर रहा है। इसमें अपने आप फिगर को देखना भी मुश्किल हो रहा है।

नितिन मेहरोत्रा, सीए

पोर्टल सात जून को लांच हुआ है। इसमें डेटा रिफ्लेक्ट नहीं हो रहा है इसकी वजह से पता ही नहीं चलता कि आईटीआर फाइल करने में क्या डेटा डाला गया है।

दिव्या चंद्रा, सीए

हमारे जिले में दो लाख लोग हैं जो आईटीआर फाइल करते हैं। इनमें से बड़ी संख्या में लोग परेशान हैं। हम लोगों की अप्लीकेशन को अभी पेंडिंग कर रहे हैं।

गौरव अग्रवाल, सीए

आईटीआर वेरिफाई की अपील दाखिल नहीं हो रही है। एक-एक फाइलिंग में बार बार एफर्ट करना पड़ रहा है। जिससे प्राब्लम फेस करनी पड़ रही है।

अनिल गुप्ता, सीए