प्रयागराज (ब्यूरो)। नार्थ और साउथ के कल्चर में जितना अंतर है, उतनी ही सिमिलैरिटी भी है। दोनों जगह अध्यात्म सर्वाेपरि है। आकर्षक मंदिर हैं और लोगों में सेवा की भावना बहुत अधिक है। खासकर नार्थ इंडिया के लोग अधिक रेस्पेक्टिंग और हार्ड वर्किंग हैं। यह कहना था काशी तमिल संगमम के पहले जत्थे में शामिल यंगस्टर्स का। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से बातचीत में उन्होंने खुलकर अपनी बात की।
दोनों राज्यों में है सिमिलैरिटी
जत्थे में आए यंगस्टर्स का कहना था कि यूपी और तमिलनाडु में काफी समानता भी है। हम दोनों राज्यों के लिए स्प्रिचुअल हैं। अगर कोई आता है तो उसके साथ सेवा भाव से जुड़ते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे यहां का भोजन, डोसा, इडली, सांभर, उत्पम आदि जितना स्वादिष्ट है उतना ही यहां क डिश भी लगी। हालांकि यूपी का खाना थोड़ा कम स्पाइसी है, लेकिन स्वाद में कोई कमी नही है।
अचानक हुआ चयन, यहां आना बड़ी उपलब्धि
तमिलनाड़ से आए से आए यंगस्टर्स में सभी स्टूडेंट थे और इनकी एज 30 साल से कम थी। इनकी संख्या 215 रही। स्टूडेंट्स का कहना था कि जत्थे के साथ आने के लिए उनका चयन इंस्टीट्यूट की ओर से किया गया। उनके लिए काशी और प्रयागराज का दौरा बड़ी उपलब्धि है। यह दिन यादगार रहेंगे। कहा कि जहां भी गए सभी ने दिल खोलकर स्वागत किया। यहां की हास्पिटेलिटी देखकर दिल खुश हो गया।
संगम पर स्नान कर कमाया पुण्य
तमिल संगमम जत्थे को सबसे पहले संगम पर स्नान कराया गया और इसके बाद उन्हें लेटे हनुमानजी का दर्शन कराया गया। उनका कहना था कि यह अदभुत पल थे। लाइफ में पहली बार तीन नदियों का संगम देखा। यहां स्नान कर हमने भी पुण्य कमाया है। मौका मिला तो महाकुंभ में भी आएंगे। बताते हैं कि तब प्रयागराज की देखने लायक होगी। यंगस्टर्स ने लेटे हनुमानजी की महिमा को जमकर बखाना। उनका कहना था कि इंडिया में शायद ही कोई जगह हो जहां हनुमानजी इस रूप में विराजे हैं। उनका दर्शन कर जीवन धन्य हो गया।
सरकार का अच्छा इनीशिएटिव
लोगों का कहना था कि यह केंद्र सरकार का अच्छा इनीशिएटिव है। खासकर यंगस्टर्स को अपने देश की संस्कृति को करीब से जानने की अधिक जरूरत है। किताबों में काशी और प्रयागराज के बारे मं सुनते और पढ़ते थे। आज करीब से देख रहे हैं। काशी में लोगों ने कहा कि हम प्रधानमंत्री मोदी के अतिथि हैं। प्रयागराज में लोगों ने हाथ जोड़कर हर जगह अभिवादन किया। वाकई यूपी के लोग बहुत रेस्पेक्ट देने वाले हैं।
वीआईपी घाट पर कराया स्नान
इसके पहले ''काशी तमिल संगमम कार्यक्रम के प्रथम दल के सदस्यों का मंगलवार का पुष्पवर्षा एवं मां तमिल की वंदना के साथ स्वागत किया। इस अवसर पर डीएम नवनीत सिंह चहल, एडीएम सिटी मदन कुमार, एडीएम नजूल प्रदीप कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट विनोद कुमार सिंह ने अभिनंदन किया। स्कूली बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं गीत प्रस्तुत किए गए। उनको सुसज्जित नावों के द्वारा वीआईपी घाट से संगम ले जाकर मां गंगा, यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के संगम का अवलोकन व स्नान कराया गया। डीएम ने टीम के सदस्यों को मोमेंटो एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद पार्क पर जत्थे का भाजपा पिछड़ावर्ग मोर्चा के महानगर अध्यक्ष मनोज कुमार कुशवाहा के द्वारा स्वागत किया गया, श्री मुरुगन जी के नेतृत्व में आये सभी अतिथियों ने प्रांगण में ही सांस्कृतिक विभाग के द्वारा काकोरी के शहीदों पर आधारित प्रदर्शनी का प्राविधिक सहायक राकेश वर्मा जी के साथ सभी ने अवलोकन किया, कर नमन किया गया।
मैं इस जत्थे के साथ आया हूं। यहां आने के बाद काफी बेहतर महसूस हो रहा है। काशी के बाद प्रयागराज आकर देखा कि यहां के लोग बहुत हार्ड वर्किंग हैं। जिस तरह से हमारा स्वागत हुआ वह देखकर काफी अच्छा लगा।
अरुण शंकर, तेनगा डिस्ट्रिक्ट, तमिलनाडु
काशी में गंगा जी की आरती देखा और प्रयागराज में संगम का विहंगम नजारा। यह देखकर अलौकिक अहसास हुआ। लेटे हनुमानजी का भी अद्वितीय दर्शन हुआ। यह सब यादें हम साथ लेकर वापस जाएंगे।
आकाश, चेन्नई, तमिलनाडु
कल्चर में नार्थ और साउथ में काफी अंतर है। दोनों के यहां के मंदिरों की बनावट अलग है। लेकिन एक चीज कामन है और वह है स्प्रिचुएलिटी, दोनो प्रदेश इसमें कहीं आगे हैं। लोगों ने सेवाभाव के साथ वीआईपी ट्रीटमेंट दिया।
धनराज, विरुद्धनगर, तमिलनाडु
यूपी में हमने खिचड़ी खाई और साउथ में यह डिश पोंगल नाम से बनती है। दोनों की रेसिपी सेम है। इसलिए कल्चर में अंतर है लेकिन समानता भी काफी है। इसलिए यहां आने के बाद कही न कही अपना सा लग रहा है। यहां के लोग साउथ से अधिक सेलिब्रेशन करते हैं।
सर्वनंद, पांडिचेरी यूनिवर्सिटी
संगम का नजारा बेहद बढिय़ा था। हम लोग ने काफी इंज्वाय किया। आटो रिक्शा वाले ने भी प्यार से अभिवादन किया। यहां के डीएम ने हमारा वेलकम किया। बाकी अधिकारी भी थे। जिन्हे देखकर काफी अच्छा फील हुआ।
साई आकाश, मदुरै, तमिलनाडु