प्रयागराज ब्यूरो । अशासकीय माध्यमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक संगीता पाल प्रदेश अध्यक्ष (बीएड उत्थान जन मोर्चा एवं युवा अधिकार मंच उप्र) ने मुख्यमंत्री को ट्वीट कर प्रस्तावित शिक्षा सेवा चयन आयोग में शिक्षकों की सेवा सुरक्षा के लिए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 1982 की धारा 21 को शामिल करने का अनुरोध किया है। उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हुए उल्लेख किया है कि अगर धारा 21 को शामिल नहीं किया गया तो महिला शिक्षिकाओं के शारीरिक व मानसिक उत्पीडऩ में इजाफा होगा। कहा कि वर्तमान में ही दर्जनों महिला शिक्षिकाओं का उत्पीडऩ के कई मामले सामने आए हैं।
मामले को उलझाकर रखी है सरकार
प्रेस बयान में उन्होंने कहा कि शिक्षा सेवा चयन आयोग के जल्द से जल्द गठन के पक्ष में शिक्षक हैं लेकिन सरकार जानबूझकर कर पूरे मामले में उलझाए रखना चाहती है। बताया कि इस मुद्दे को लेकर महिला शिक्षिकाओं और उनके परिजनों में सुरक्षा को लेकर भय व्याप्त है। गौरतलब है कि सहायक अध्यापक में चयनित होने के पूर्व संगीता पाल की सक्रियता रोजगार आंदोलन में प्रमुखता से रही है। आंदोलन के दरम्यान क ई बार उनके नेतृत्व में छात्राओं ने गिरफ्तारी तक दी है। इस संबंध में प्रेस को जारी बयान में युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह ने बताया कि 5 सितंबर दिवस पर पत्थर गिरजाघर में आयोजित युवा पंचायत में धारा 21 को शामिल कर शिक्षा आयोग के गठन का मुद्दा उठाया जाएगा।