30000 व्यापारियों को मिलेगा फायदा

01 जुलाई 2017 से लागू किया गया है।

जीएसटी के नियमों में बदलाव से जिले के हजारों व्यापारियों ने ली राहत की सांस

सरकार के एक फैसले से जिले के 30 हजार व्यापारियों ने राहत की सांस ली है। रिटर्न भरने में देरी करने से उनको ग्रॉस पर टैक्स देना पड़ सकता था लेकिन अब उन्हें केवल नेट टैक्स पर ब्याज देना होगा। बजट में लाये प्रस्ताव के माध्यम से केंद्र सरकार ने जीएसटी के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। व्यापारियों ने इस फैसले का स्वागत भी किया है।

पिछली डेट से लागू किया गया नियम

- बता दें कि एक फरवरी 2021 को आए बजट में जीएसटी में सेक्शन 50 (1) में एक नया प्रावधान जोड़ा गया है। जिसमें यदि कोई व्यापारी अपना रिटर्न देरी से भरता है तो अब उससे नेट लाइबिलिटी पर ब्याज लिया जाएगा। - अभी तक देरी से रिटर्न भरने पर ब्याज की गढ़ना ग्रॉस पर की जाती थी - लेकिन अब ब्याज उसी अवस्था में लिया जाएगा जबकि व्यापारी चालान के माध्यम से कर जमा करता है।

- यह नियम एक जुलाई 2017 से लागू किया गया है। इसका सबसे बड़ा फायदा व्यापारी को यह होगा कि यदि उसने रिटर्न लेट भरा है और उस पर टैक्स का दयित्व नहीं है तो उस पर ब्याज की देनदारी नहीं होगी।

जीएसटी काउंसिल ने किया था रिक्वेस्ट

कंफडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स के महामंत्री अजय अग्रवाल का का कहना है कि व्यापारियों की मांग पर यह निर्णय लॉकडाउन के दौरान ही जीएसटी काउंसिल ने लिया था लेकिन सरकार के द्वारा इसे कानूनी जामा नही पहनाया गया था। अब बजट में इसे क़ानूनी रूप दे देने से प्रयागराज के लगभग 30000 व्यापारियों को राहत होगी। व्यापारी दिनेश केसरवानी ने कहा कि सरकार को धारा 35 (4) को भी समाप्त कर देना चाहिए।

ई कॉमर्स और जीएसटी पर कैट शुरू करेगा अभियान

कंफेडरेाश्न आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) शीघ्र ही विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों की मनमानी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन करने जा रही है। इस अभियान को सफल बनाने हेतु देश के सभी राज्यों के 200 से अधिक प्रमुख व्यापारी नेता 8 फरवरी से 10 फरवरी तक कैट द्वारा नागपुर में तीन दिवसीय राष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन में भाग लेंगे। इस राष्ट्रीय सम्मेलन में देश भर के नेता जीएसटी के सरलीकरण कराने को लेकर एक रणनीति भी बनाएंगे जिसमें देश भर में भारत व्यापार बंद करने पर भी निर्णय ले सकते हैं। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि देश के व्यापारी किसी भी विदेशी या घरेलू ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन उनकी मनमानियों का जरूर विरोध किया जाएगा।

जीएसटी के अंतर्गत सरकार ने बड़ा बदलाव किया है। इससे व्यापारियों को काफी लाभ मिलेगा। बजट के माध्यम से सरकार ने यह राहत दी है। कैट की ओर से इसकी लगातार मांग की जा रही थी।

महेंद्र गोयल, प्रदेश अध्यक्ष, कैट