प्रयागराज ब्यूरो । बगैर टाइम टेबल के जिले में 'यातायात माहÓ ट्रैफिक पुलिस के लिए टाइम पास बन गया है। डे-प्लान के अभाव में चौराहों पर वाहनों चेकिंग का जवान कोरम पूरा कर रहे हैं। पुलिस की इस सुस्ती के चलते वाहन चालक यातायात माह में भी ट्रैफिक रूल्स की धज्जियां उड़ा रहे हैं। चौराहों पर ड्यूटी में तैनात जवानों का दिन ट्रैफिक कंट्रोल में ही बीत रहा है। चार पहिया वाहनों में हूटर लगाने पर चालान की संख्या नहीं के बराबर है। हर तीसरी चौथी कार में शीशे पर ब्लैक शीशा यहां नजर आता है। मगर इस यातायात माह में भी पुलिस को वह सारी ब्लैक फिल्म वाली कारें नजर नहीं आ रही। कार में हूटर लगाकर भीड़ में बजाते हुए निकलने वाले भौकालियों की तादाद शहर में बहुतायत में है। फिर भी भौकाली कार वाले लोगों को पुलिस नजरें नहीं देख पा रही हैं। 'दैनिक जागरण आईनेक्स्टÓ द्वारा शुक्रवार को किए गए रियलिटी चेक में यातायात माह की चौंकाने वाली स्थिति नजर आई। हालात ऐसे दिखाई दिए मानों भौकाली कार को देखते ही पुलिस कार्रवाई के बजाय खुद कांप जा रही है।
बाइक पर चालान का जोर, कार छोड़
शहर सहित पूरे जिले में एक नवंबर से यातायात माह चल रहा है। इस महीने में 17 दिनों का वक्त बीत चुका है। पंद्रह दिन से भी कम समय अब ट्रैफिक पुलिस के पास बचे हैं। इस बीच यह पुलिस वाहन चेकिंग और कार्रवाई में क्या करेगी? यह बता पाना मुश्किल है। क्योंकि विभाग के पास टाइम टेबल और पुख्ता डे-प्लान है ही नहीं। टाइम टेबल और चेकिंग के पुख्ता प्लान नहीं होने से चौराहों पर यातायात माह के मद्देनजर लगाए गए जवान सुस्त पड़ गए हैं। जिसका फायदा उठाते हुए गाड़ी चालकों के जरिए खुलेआम नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। बीते करीब 17 दिनों के यातायात माह में हुई कार्रवाई पर गौर करें तो कार सवालों की संख्या नहीं के बराबर है। जबकि सीट बेल्ट नहीं लगाने व हूटर और प्रेशर हार्न एवं कार के शीशे पर ब्लैक फिल्म लगाने वालों की संख्या शहर के अंदर हजारों में हैं।
सिविल लाइंस समेत अन्य इलाकों में घूमती है कारें
हर रोज सिविल लाइंस सहित अन्य इलाकों में ऐसी भौकाली कारें घूमती रहती हैं। फिर भी जवान आंख में पट्टी बांध कर बैठे हैं। यातायात माह के पंद्रह दिनों में ट्रैफिक पुलिस के द्वारा चालान के जबरदस्त जावे किए जा रहे हैं। कहना है कि यहां कुल 15 हजार चालान विभिन्न गुनाहों के लिए गए हैं। इनमें प्रेशर हॉर्न पर 24, नो सीट बेल्ट पर 605 और ब्लैक फिल्म पर मात्र 18 कार के चालान किए गए हैं। पंद्रह दिन में चौराहों पर वाहन चेकिंग करने वाली ट्रैफिक पुलिस को मात्र 04 अवयस्क गाड़ी चलाते हुए मिले। जिनका चालान किया गया। कार से नियमों को रौदने वालों पर मेरहबान हुई यह पुलिस सर्वाधिक बाइक सवारों का नो हेलमेट में चालान किया गया है। विभाग के हाकिम कहते हैं कि नो हेलमेट में पंद्रह दिनों के बीच 5063 लोगों के वाहनों का चालान किया गया। जबकि नो डीएल में 2094 और नो प्रदूषण में 1026, नो बीमा में 1051, रॉग साइड में 297 और ड्राइविंग के वक्त मोबाइल यूज पर 40 लोगों की गाडिय़ों का चालान काटा गया। इसी तरह तमाम अन्य धाराओं के तहत कुल पंद्रह हजार वाहनों के चालान बताए गए हैं। सर्वाधिक कम चालान कार वालों का हुआ है।
तीन चौराहों पर मिली तीन स्थितियां
शुक्रवार दोपहर करीब एक बजे रिपोर्टर म्योहाल चौराहे पर पहुंचा, यहां स्टेडियम साइड पुलिस के जवान दिखाई दिए।
एक जवान बाइक पर तो दूसरा स्मार्ट सिटी के द्वारा फुटपॉथ पर लगाई गई कुर्सी पर बैठा रहा। डेढ़ बजे तक आधे घंटे में यह एक भी वाहन की चेकिंग नहीं किए।
इसके आगे लोक सेवा आयोग चौराहे पर भी पुलिस के जवान मुस्तैद रहे। मगर यातायात माह के तहत चेकिंग में नहीं।
वह जवान यहां चारों तरफ से आने वाली गाडिय़ों को कंट्रोल करने यानी ट्रैफिक संचालन में ही काफी व्यस्त नजर आए।
ट्रैफिक संचालन के प्रेशर से झल्लाए एक जवान ने गुस्से में कहा कि वाहन चेकिंग करें या फिर ट्रैफिक सिस्टम को संभाले?
इसके बाद आगे धोबीघाट चौराहा पहुंचा, तब तक करीब दो बज चुके थे।
इस चौराहे पर वाहन चेकिंग तो छोडि़ए कोई जवान नजर नहीं आया। जबकि रिपोर्ट इस चौराहे पर करीब बीस से पच्चीस मिनट तक खड़ा रहा।
इस बार यातायात माह में चेकिंग के लिए शासन स्तर से कोई डे-प्लान नहीं मिला है। लोकल स्तर से चेकिंग के आदेश निर्देश दिए जा रहे हैं। किस दिन किस चीज की चेकिंग होगी यह बात डे बाई डे तय कर दिया जाता है। पर्व और तमाम व्यस्तता के चलते इसका चार्ट तैयार नहीं किया जा सका है। छठ पर्व बाद सख्त चेकिंग अभियान शुरू किया जाएगा।
सीता राम, पुलिस उपायुक्त यातायात