नैनी एरिया के तमाम हॉस्पिटल्स के पास नही है पार्किंग व्यवस्था

रोड पर पड़ा रहता है हॉस्पिटल का सामान, वाहन भी होते हैं पार्क

नैनी एरिया के हॉस्पिटल्स भी वेल मेंटेन हैं। लेकिन, पार्किंग के नाम पर वह सरकार और प्रशासन की आंख में धूल झोकने का काम कर रहे हैं। उनके पास मरीजों और परिजनों का वाहन खड़ा कराने के लिए जगह नही है। इसके लिए वह सड़क का यूज करते हैं जो नियम विरुद्ध है। बुधवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इन हास्पिटल्स की पार्किंग व्यवस्था का जायजा लिया तो हकीकत सामने आ गई।

आने दीजिए, हम पार्क करा देंगे

रिपोर्टर ने पार्किंग की असलियत पता लगाने के लिए बुधवार को अरैल मोड़ स्थित जहांगीर हॉस्पिटल का रुख किया। इस हॉस्पिटल के सामने मेन रोड पर ही तमाम टू व्हीलर खड़ी थी जिससे बार बार जाम लग रहा था। मेन गेट पर बैठा गार्ड लोगों को अपने वाहन गेट छोड़कर लगाने की हिदायत दे रहा था। रिपोर्टर ने पूछा कि उसका मरीज फोर व्हीलर से आ रहा है। गाड़ी कहां पार्क करा दें। इस पर गार्ड बोला कि वाहन आने दीजिए मैं पार्क करा दूंगा। पार्किंग के बारे में पूछने पर उसने नही बताया।

सरकारी सड़क को बना लिया पार्किंग

रिपोर्टर ने आसपास के लोगों से पूछा तो उन्होंने बताया कि यहां कोई पार्किंग नही है। हॉस्पिटल के पीछे वाली रोड के किनारे यह आपकी कार खड़ी करवा देंगे। जिसकी जिम्मेदारी भी आपकी होगी। हमने जब इसकी तस्दीक की तो सही निकला। हमने जब मरीजों से बात की तो उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल आने के बाद पार्किंग की बड़ी समस्या होती है। कई बार जाम लगने पर लोग टक्कर वाहन क्षातिग्रस्त कर देते हैं। सबसे अहम कि मेन रोड पर ही हॉस्पिटल के बेड भी पड़े हुए थे।

आप लगा दीजिए हम देख लेंगे

जहांगीर के ठीक सामने हयात हॉस्पिटल है। यहां भी पार्किंग का ही रोना है। यहां पर गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी कराई जाती है। पूछने पर पता चला कि पुरुषों के भर्ती की व्यवस्था नही है। रिपोर्टर ने कहा कि वह फोर व्हीलर से है और डॉक्टर को महिला को दिखाना चाहता है। इस पर हॉस्पिटल के गार्ड ने कहा कि आप अरैल रोड के किनारे गाड़ी पार्क कर दीजिए। जब रिपोर्टर ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस वाले गाड़ी उठा ले जाएंगे तो इस पर गार्ड ने कहा कि आप परेशान मत हों, मैं हूं ना। इस हॉस्पिटल के सामने भी दस मिनट के दौरान कम से कम तीन बार जाम की स्थिति पैदा हुई।

बेसमेंट है लेकिन अपने यूज के लिए

अरैल मोड़ से ठीक पहले रोड किनारे शिखा हॉस्पिटल है। यहां भी पार्किंग नजर नही आई। हॉस्पिटल के ठीक सामने तीन फोर व्हीलर खड़ी थीं। इनमें संभवत: मरीजों को लाया गया था। रिपोर्टर ने जब अंदर जाकर देखा तो बेसमेंट बना हुआ था लेकिन वह हॉस्पिटल के पर्सनल यूज के लिए था। इसमें मरीजों का वेटिंग रूम बनाया गया था।

हमारे पास पार्किंग दो जगह है। एक तो हॉस्पिटल के पीछे है और दूसरी हमारे कार्यालय के सामने है। लेकिन एक बात कहूंगा कि जिन हॉस्पिटल्स के पास पार्किंग नही है, उसके लिए जिम्मेदारी सरकार और उनका सिस्टम भी है। इस पर ध्यान देना चाहिए।

डॉ। अल्ताफ अहमद,

निदेशक, जहांगीर अस्पताल

पार्किंग हमारे अस्पताल के सामने है। हमारे पास मरीज कम भर्ती होते हैं। उनकी गाडियों को अस्पताल के सामने खड़ा करवाया जाता है।

डॉ। हेमंत कृष्ण मौर्या, शिखा हॉस्पिटल