प्राइवेट के साथ परीक्षा छोड़ने वाले भी होंगे प्रमोट
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छात्र रजिस्टर्ड थे पिछले साल हाईस्कूल में वर्ष 2020 में
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छात्र ही हुए थे हाई स्कूल की बोर्ड परीक्षा में शामिल
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छात्रों ने छोड़ दी थी हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा
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छात्र प्राइवेट परीक्षार्थी के रूप में थे रजिस्टर्ड
19471
प्राइवेट परीक्षार्थी ही शामिल हुए थे बोर्ड परीक्षा में
29.94
लाख छात्र हैं इस साल हैं बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा के लिए रजिर्स्ड
यूपी बोर्ड के इतिहास में पहली बार होगा ऐसा, लाखों में होती है प्राइवेट छात्रों की संख्या
जेल में रहकर परीक्षा परीक्षा देने वाले भी प्राइवेट छात्र के रूप में होते हैं रजिस्टर्ड
यूपी बोर्ड का सौ साल से अधिक पुराना रिकॉर्ड अब बदल जाएगा। पहली बार ऐसा होगा कि बोर्ड की हाईस्कूल के छात्र बिना परीक्षा दिये नेक्स्ट क्लास में प्रमोट हो जाएंगे। इसमें वे छात्र भी शामिल होंगे जो प्राइवेट परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा में शामिल होना चाहते थे। माध्यमिक शिक्षा परिषद की तरफ से छात्रों को प्रमोट किये जाने का फैसला लिये जाने के बाद कुछ ऐसे सवाल भी उठ खड़े हुए हैं जिस पर फैसला लेना बेहद कठिन होगा।
बड़ी संख्या में परीक्षार्थी छोड़ते हैं परीक्षा
यूपी बोर्ड की परीक्षा में रेग्युलर स्टूडेंट के रूप में रजिस्टर्ड होने वाले छात्र भी बड़ी संख्या में परीक्षा छोड़ते हैं। यह रिकॉर्ड पहले से चला आ रहा है। औसत के रूप में लिया जाय तो ऐसे छात्रों की संख्या आठ फीसदी तक होती है। यानी पचास लाख से अधिक रजिस्टर्ड छात्रों में से करीब चार लाख तक ऐसे छात्र होते हैं जो परीक्षा में एपीयर नहीं होते। पिछले साल अकेले हाईस्कूल में परीक्षा छोड़ने वाले परीक्षार्थियों की संख्या दो लाख से अधिक थी। इंटरमीडिएट की परीक्षा छोड़ने वालों की संख्या 23845 थी। इंटर में पिछले साल 68015 छात्र प्राइवेट परीक्षार्थी के रूप में एपीयर हुए थे। माना जाता है कि परीक्षा छोड़ने वाले छात्र डमी के रूप में फॉर्म भरने में कामयाब होते हैं। सेटिंग के आधार पर वे परीक्षा में शामिल होते हैं। हालांकि बोर्ड का दावा होता है कि नकल न होने से छात्र परीक्षा में शामिल नहीं होते। सच चाहे जो हो लेकिन, इतना तो तय है कि इस बार कम से कम हाईस्कूल में तो ऐसे छात्र भी पास होने जा रहे हैं।
टाइम सेविंग के फंडा से जल्द रिजल्ट
शनिवार को उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा की तरफ से आयी जानकारी के अनुसार इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों को सिर्फ तीन प्रश्न ही अटेम्प्ट करने होंगे। उनका समय आधा कर दिया जाएगा। यानी परीक्षा डेढ़ घंटे की ही होगी। जबकि उनके पास प्रश्नो का विकल्प कम नहीं होने जा रहा है। बताया जा रहा है कि बोर्ड परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र पहले ही तैयार करा चुका है। इसमें संशोधन नहीं कराया जाएगा। छात्रों के सिर्फ तीन सवाल अटेम्प्ट करने से यूज होने वाली कापियों की संख्या कम हो जाएगी। इसका फायदा कापी चेकिंग में लगने वाले स्टॉफ को भी होगा। बोर्ड को इससे रिजल्ट जल्द तैयार करने में भी मदद मिलेगी। वैसे सरकार के फैसले से हाईस्कूल और इंटर के कुल 56 लाख रजिस्टर्ड छात्रों को ही नहीं बल्कि छह से 11वीं तक रजिस्टर्ड एक करोड़ से अधिक छात्रों को फायदा होने जा रहा है।
किस कक्षा में कितने छात्र
2824012 पंजीकृत थे कक्षा नौवी में इस साल
इसमें 15 लाख 68 हजार 275 छात्र व 12 लाख 55 हजार 737 छात्राएं हैं
11वीं में कुल 22 लाख 89 हजार 556 पंजीकृत थे।
इसमें 12 लाख 37 हजार 284 छात्र व 10 लाख 52 हजार 272 छात्राएं हैं।
29.94 लाख परीक्षार्थी हाईस्कूल के हैं, जो प्रोन्नत होंगे
यूपी बोर्ड परीक्षा में सवालों का पैटर्न
हिंदी में 14
अंग्रेजी में 12
गणित में 07
बायोलॉजी में 09
ज्योग्राफी में 26
संस्कृत में 22
नागरिक शास्त्र में 32
(इनमें अति लघुउत्तरीय, लघुउत्तरीय, दीर्घ उत्तरीय जैसे प्रश्न होते रहे हैं)
हाईस्कूल के सभी छात्रों को प्रमोट किया जाएगा। कक्षा छह से लेकर 11वीं तक के छात्र नेक्स्ट क्लास में प्रमोट किये जाएंगे। यूपी बोर्ड में रजिस्टर्ड छात्रों की संख्या एक करोड़ से अधिक है। 12वीं की बोर्ड परीक्षा पर शासन के निर्देशानुसार काम होगा।
दिव्यकांत शुक्ला
सचिव, यूपी बोर्ड