प्रयागराज ब्यूरो । 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस है। राज्य और केंद्र सरकार ने इस दिवस के तहत तंबाकू से होने वाले नुकसान के प्रचार प्रसार को लेकर गाइड लाइन जारी कर दी है। पब्लिक प्लेस से लेकर स्कूल-कॉलेज और सरकारी कार्यालयों में धूम्रपान और गुटखे आदि के सेवन को रोकने की कवायद शुरू करने पर जोर दिया जा रहा है। लेकिन, क्या आपको पता है कि पिछले छह साल से कोटपा एक्ट के तहत किसी भी सरकारी कार्यालय में धूम्रपान करने पर एक भी व्यक्ति पर जुर्माना नही लगाया गया है। जबकि प्रत्येक कार्यालय के एचओडी के पास जुर्माने की रसीद मौजूद है।
एक बार हुई थी सख्ती
कोटपा एक्ट 2003 के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर रोक लगाई गई है।
अगर कोई सिगरेट, पान या गुटखे का सेवन करते पकड़ा जाता है तो उस पर 200 रुपए तक जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है।
2017-18 में स्वास्थ्य विभाग की पहल पर तमाम सरकारी कार्यालयों में कुल 230 लोगों पर जुर्माना लगाया गया था।
कई जगह कार्रवाई के दौरान आपस में बहस भी हुई थी।
लेकिन इसके बाद से अभी तक कोई कर्रवाई नही होने से अभियान ठंडा पड़ गया है।
हर एरिया के सीओ को दी गई जिम्मेदारी
वर्तमान में तमाम सरकारी कार्यालयों में जहां तहां लोगों ने पीक दान बना रखा है। ज
गह जगह पान-गुटखे की पीक बिखरी पड़ी है। विकास भवन, कलेक्ट्रेट, जिला कचहरी और सदर तहसील के हालात सबसे ज्यादा बदतर हैं।
इस पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सभी विभागों के एचओडी के पास जुर्माने की रसीद मौजूद है।
उनको कोटपा एक्ट के पालन करवाने की ट्रेनिंग भी दी गई है। यहां तक कि प्रत्येक सर्किल के सीओ के कार्यालय में भी रसीद भिजवाई गई है।
जिससे थानों में सार्वजनिक रूप से धूम्रपान करने या पान की पीक थूकने वालों पर कार्रवाई की जा सके।
क्या कहता है कोटपा एक्ट
शैक्षणिक संस्थानों के सौ मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पाद बेचने की दुकान नहीं होनी चाहिए।
सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान के साथ सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर रोक।
18 साल से कम उम्र के व्यक्ति को तंबाकू उत्पाद बेचने पर प्रतिबंध।
कोटपा एक्ट के तहत नियमों का उल्लंघन करने पर 200 से 10 हजार रुपए तक जुर्माना और पांच साल की सजा का प्रावधान है।
सीसीटीवी नही फिर भी दे डाली चेतावनी
पान, सिगरेट और गुटखे के सेवन को रोकने के लिए विकास भवन में सीसीटीवी कैमरे की फेक चेतावनी दी जा रही है। यहां पर सीढिय़ों पर लिखाया गया है कि आप कैमरे की नजर में हैं। जबकि हकीकत है कि यहां पर एक भी कैमरा नही लगा है। इसी तरह कलेक्ट्रेट में सूचना विभाग की बिल्डिंग की सीढिय़ों पर किनारे किनारे भगवान की फोटो लगाई गई हैं। सरकारी कार्यालयों में रोजाना पान की पीक थूकने वाली जगहों पर हजारों का चूना छिड़का जाता है। इतना सब करने के बावजूद किसी पर भी जुर्माना लगाने की कोशिश नही की गई।
तमाम विभागों को कोटपा एक्ट के तहत जुर्माना किए जाने की रसीद दे दी गई है। अब उनकी जिम्मेदारी है कि वह अपने यहां सिगरेट और गुटखा-पानी के सेवन पर रोक लगाएं। हालांकि लंबे समय से किसी भी कार्यालय में जुर्माना लगाने की कार्रवाई नही की गई है।
डॉ। राजेश सिंह
इंचार्ज, एनसीडी सेल स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज