प्रयागराज ब्यूरो ।
सीजन में डेंगू की दस्तक हो, इसके पहले मरीजों की एक बड़ी समस्या हल होने जा रही है। डेंगू मरीजों की अधिकृत एलाइजा जांच इस बार से बेली और काल्विन अस्पताल में एक साथ उपलब्ध होगी। जांच मशीन भी अस्पतालों में इंस्टाल हो गई है और इसे एक सप्ताह के भीतर चालू करने
की कवायद चल रही है। अभी तक डेंगू के दर्जनों मरीज एलाइजा जांच के अभाव में बेनाम मौत मर जाते थे। क्योंकि एलाइजा जांच को सरकार ने अधिकृत किया है और पिछले साल तक यह केवल एमएलएन मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायलाजी लैब में ही होती थी।
शासन ने भेजी दोनों मशीनें
पिछले छह साल से डेंगू का डंक प्रयागराजवासियों को जमकर परेशान कर रहा है। हर साल हजारों मरीज सामने आते हैं। ऐसे में जांच की प्रॉपर सुविधा नही होने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। सरकार ने डेंगू की एलाइजा जांच को ही अधिकृत किया है। ऐसे में हजारों ऐसे मरीज हैं जिनकी डेंगू के लक्षणों से मौत हो जाती है या वह ठीक हो जाते हैं। लेकिन एलाइजा जांच नही हो पाने से वह डेंगू की पुष्टि नही कर पाते थे। यही कारण था कि लंबे समय से एलाइजा जांच मेडिकल कॉलेज के अलावा बाकी अस्पतालों में मुहैया कराने की पुरजोर मांग चल रही थी। जिसको देखते हुए शासन ने हाल ही में एलाइजा रीडर नाम की दो मशीनें बेली और काल्विन अस्पताल में भेजकर इंस्टाल करा दिया है।

फ्र होगी या पैसे से होगी जांच?
दोनों अस्पतालों में एलाइजा जांच पैसे से होगी या निशुल्क होगी। यह अभी क्लीयर नहीं हो पाया है। अस्पतालों का कहना है कि इस बारे में शासन से कोई गाइड लाइन नही आई है। मेडिकल कॉलेज में एलाइजा जांच के एवज में चार सौ रुपए फीस ली जाती है। माना जा रहा है कि इसी दर पर इन दोनों अस्पतालों मं भी डेंगू की जांच की जाएगी। इस जांच में किट का प्रयोग होता है और उसकी कास्ट महंगी होती है। इसलिए यह कदम उठाया जा सकता है।

जांच के नाम पर ली जाती है मोटी रकम
शहर की नामचीन प्राइवेट पैथोलाजी द्वारा एलाइजा जांच के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है। कहीं 1500 तो कहीं दो हजार रुपए लिए जाते हैं। चूंकि मेडिकल कॉलेज में भीड़ अधिक होने की वजह से तीन से चार दिन में रिपोर्ट आती है और इसलिए मरीज जल्दी जांच कराने के चक्कर में प्राइवेट लैब की फीस भरने से पीछे नही हटते हैं। अब बेली और काल्विन में यह जांच शुरू हो जाने के बाद डेंगू के सीजन में प्राइवेट पैथोलाजी जांच के नाम पर मोटी कमाई नही कर सकेंगे। यही कारण है कि माना जा रहा है कि दोनों अस्पताल में एलाइजा जांच शुरू हो जाने से डेंगू मरीजों की संख्या में भी इजाफा होगा.शासन से एलाइजा रीडर मशीन भेजी गई है और उसे इंस्टाल करा दिया गया है। जल्द ही जांच भी शुरू कराने की तैयारी है। पिछले साल तक एलाइजा जांच के लिए सैंपल मेडिकल कॉलेज भेजे जाते थे।
डॉ। एके अखौरी, अधीक्षक, बेली अस्पताल

जांच को शुरू कराने का काम तेजी से चल रहा है। एक सप्ताह के भीतर मरीजों को इस जांच का लाभ मिल सकता है।
डॉ। राजेश कुमार, काल्विन अस्पताल


कब मिले कितने मरीज
वर्ष मरीजों की संख्या
2018 830
2019 1121
2020 57
2021 1299
2022 1465
2023 505
डेंगू की रोकथाम के लिए लगाई गई टीमें
विभाग टीमों की संख्या
स्वास्थ्य विभाग 644
पंचायती राज 1540
नगर निगम 40
आईसीडीएस 1790
माध्यमिक शिक्षा 1065
प्राथमिक शिक्षा 2238
कृषि रक्षा 23
पशू चिकित्सा अधिकारी 50
दिव्यांगजन अधिकारी 20
साल दर साल डेंगू से होने वाली मौतें
वर्ष डेंगू से मौत
2018 2
2019 निल
2020 निल
2021 2
2022 7
2023 6