प्रयागराज (ब्यूरो)। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट गुरुवार को पीडि़त व्यापारी प्रियंक गुप्ता से मिला और घटना का डिटेल लिया। प्रियंक का कहना था कि मैं और मेरा भतीजा मनी काउंटर के पास बैठे हुए थे। क्लोजिंग टाइम था को कैश की काउंटिंग का काम चल रहा था। तभी दो नकाबपोश लोग दुकान के अंदर घुसे। एक नकाबपोश बाहर खड़ा था। इन लोगों ने मुंह को पूरी तरह से गमछे और रुमाल से बांध रखा था। एक व्यक्ति की हाइट करीब 5 फिट 8 इंच थी। उसने तमंचा ले रखा था। इसकी उम्र करीब 30 साल रही होगी। दूसरा 20-22 साल का लड़का था। उसकी हाइट 5 फिट 4 इंच रही होगी। उसके पास कट्टा था। जैसे ही ये लोग अंदर इंट्री किये मैंने उस 30 साल के बदमाश को दबोचते हुए उसके गन को उसकी ओर कर दिया। इतने में पीछे खड़े दूसरे बदमाश ने मेरे भतीजे मनी को गन प्वाइंट पर ले लिया और मार देने की धमकी दी। मैं असहाय हो गया था। उस बदमाश से हाथपाई बंद कर दी। उस वक्त मेरे पास करीब 6 लाख रुपये कैश थे। इन लोगों ने उस कैश को एक बैग में बटोरना शुरू कर दिया।
दुकान के बाहर चाचा को कर रखा था कवर
प्रियंक का कहना है कि कुल करीब दो मिनट के भीतर बदमाशों ने पूरा कैश समेट किया और बाहर निकलने लगे। मैंने उनका पीछा किया, सामने नजर गयी तो देखा कि एक शख्स गन लेकर मेरे चाचा की दुकान के पास खड़ा था। वहीं पर उसकी बाइक भी खड़ी थी। उसने इन दोनों बदमाशों को देखते ही, अपने गन को अंदर रखा और बाइक को स्टार्ट किया। इसके बाद दोनों नकाबपोश बदमाश उस बाइक पर बैठे और मेरी ओर गन प्वाइंट करते हुए म्योहाल की ओर चले गए।
पुराने घटनाओं का कनेक्शन तो नहीं!
6 लाख की लूट के मामले में पुलिस ने पूर्व कर्मचारी सहित 10 लोगों को शक के आधार पर पूछताछ के लिए उठाया है। इन सभी से पूछताछ चल रही है। लेकिन, कई राउंड की पूछताछ के बाद भी लुटेरों का कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। पूर्व कर्मचारी व दुकान के दूसरे कर्मचारियों के मोबाइल की लोकेशन भी पुलिस ट्रेस कर रही है कि घटना के वक्त वे कहां थे और क्या कर रहे थे। इस बहाने लूट कांड से उनका कनेक्शन तलाशा जा रहा है। गुरुवार को दिनभर दुकान के आसपास पुलिस मुस्तैद दिखी तो लगातार क्राइम बांच के लोग और कर्नलगंज पुलिस पूरी घटना क्रम को लेकर होमवर्क करते नजर आए। पुलिस से पूछताछ में आरपी गुप्ता ने बताया कि 2014 में भी उनके साथ घटना हुई थी। उस घटना में उनके स्टाफ तक शामिल थे। उसमें से एक का नाम सद्दाम था। कुछ अन्य लोग भी घटना में शामिल थे। इस जानकारी को भी पुलिस ने सुराग के तौर पर लिया है और इसकी पड़ताल शुरू कर दी है कि घटना में इन दोनों का तो कोई इनवाल्वमेंट नहीं है।
शुक्र है कि घटना से कुछ देर पहले ही कैश का कलेक्शन अपने जगह पर चला गया था। दो मिनट देरी हुई होती तो पांच हजार नहीं बल्कि हमारे यहां से भी लाखों रुपये जा चुके होते। व्यापार करने के साथ एक्टिव रहना पड़ रहा है। कैश थोड़ा बहुत कलेक्ट होते ही हटा दे रहे हैं।
ललित मोहन
लक्ष्मी सरिया
ज्यादा कैश रहने पर अब तो टेंशन होने लग रही है। इस घटना को अंजाम देने वाले के बारे में बताने पर एक लाख रुपये का इनाम मेरी तरफ से रखा गया है। व्यापारी अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहा है।
प्रियंक गुप्ता
डायरेक्टर चौधराना आयरन ट्रेडर्स प्रा। लि।
इस घटना से यह सबक तो मिल ही गया है कि दुकान में कैश नहीं रखना है। थोड़े-थोड़े एमाउंड को भी बैंक में सुरक्षित जमा करवा देने में ही भलाई है। चौराहे पर पुलिस की जीप अक्सर रहती है। उसके बाद भी ऐसा हो गया तो अब हम खुद सतर्क हो जाएंगे।
अरुण गुप्ता
सार्थक क्लीनिक कटरा