32 निजी अस्पताल में कोरोना वैक्सीनेशन की है सुविधा

15 प्राइवेट हॉस्पिटल में ही शुरू हो सकी कोरोना वैक्सीनेशन

2500 के करीब पर-डे सरकारी अस्पताल में हो रहा वैक्सीनेशन

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- कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल की अपेक्षा सरकारी अस्पताल में पब्लिक की है रुचि

- सरकारी अस्पताल में नि:शुल्क लग रही है कोरोना वैक्सीन, प्राइवेट में देना पड़ता है 2500 रुपये

सरकार ने ग्रामीण एरिया के लिए भेजी 21 हजार वैक्सीन की डोज, अगले सप्ताह से शुरू होगा वैक्सीनेशन

सिटी के प्राइवेट हॉस्पिटल में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर पब्लिक का इंट्रेस्ट कम दिख रहा है। यही कारण है कि सिटी के 32 अस्पताल में से मात्र 15 हॉस्पिटल में कोरोना का वैक्सीनेशन किया जा रहा है। बाकी हॉस्पिटल में वैक्सीनेशन की शुरुआत नहीं की गई है। वहीं सरकारी हॉस्पिटल कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर पब्लिक को अट्रैक्ट कर रहे हैं। यही कारण है कि जिले के सरकारी अस्पताल में करीब ढाई हजार वैक्सीनेशन पर-डे हो रहे हैं।

एक-दो लाभार्थियों के लिए नहीं खुलती वायल

वैक्सीन की एक वायल में दस डोज होती है। लेकिन प्राइवेट हॉस्पिटल्स में लाभार्थी नहीं पहुंचने से यहां वायल नहीं खोला जा रहा है। बताया जा रहा है अधिकतर लाभार्थी सरकारी हॉस्पिटल में निशुल्क वैक्सीनेशन करवा रहे हैं जबकि प्राइवेट में एक डोज का 250 रुपए लिया जा रहा है। यही कारण है कि प्राइवेट में पूरी तरह से कोरोना वैक्सीनेशन शुरू नहीं हो सका है।

कम से कम सौ डोज लेना जरूरी

सरकार प्राइवेट हॉस्पिटल को कम से कम सौ डोज बेचने को कह रही है। ऐसे में उनको 15 हजार रुपए की वैक्सीन दी जा रही है। अगर उनकी एक भी डोज खराब हो गई तो लेने के देने पड़ जाएंगे। वैक्सीन की एक्सपायरी छह माह रखी गई है और एक बार खुलने के बाद इसे दस लोगों को लगाना जरूरी होता है वरना इसके खराब होने का डर लगा रहता है।

अगले सप्ताह से मिलेगी राहत

वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन की स्थिति काफी दयनीय है। ऐसे में सरकार चाहती है कि वहां पर सप्ताह में छह दिन तक वैक्सीनेशन कराया जाए। लेकिन इस बार माइक्रो प्लान तैयार हो जाने से सप्ताह में तीन दिन ही वैक्स्ीनेशन कराया जाएगा। अगले मंडे यानी 22 मार्च से छह दिन लगातार कोरोना का इंजेक्शन लगाया जाएगा। जबकि शहर के हॉस्पिटल्स में पूरे छह दिन तक वैक्सीशेन किया जाएगा।

मिली वैक्सीन की नई खेप

प्रयागराज को शनिवार को सरकार ने पुन: 21 हजार वैक्सीन की नई डोज उपलब्ध कराई है। इसमें से दस हजार को वैक्सीन शामिल है। अधिकारियों का कहना है कि पूरी वैक्सीन ग्रामीण एरिया में भेज दी गई है। को वैक्सीन की पांच हजार डोज लगाने को दी गई है। बाकी पांच हजार डोज को 28 दिन बाद दूसरी डोज के लिए रखा गया है। अधिकारियों का कहना है कि शुरुआत से जिले में सबसे ज्यादा कोविशील्ड की डोज भेजी गई है।

किया जा रहा है प्रेरित

जो लोग वैक्सीन की पहली या दूसरी डोज लेने नहीं पहुंच रहे हैं उनसे स्वास्थ्य विभाग फीडबैक ले रहा है। उनसे पूछा जा रहा है कि आखिर उन्होंने ऐसा किस कारण से किया। इन लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। सरकार चाहती हैं कि हेल्थ वर्कर्स, फ्रंट लाइन वर्कर्स सहित बुजुर्गो को शत प्रतिशत वैक्सीनेट किया जाए। इसके बाद आम जनता का नंबर आएगा।

सभी सेंटर्स पर वैक्सीन की खेप भेजवाई जा रही है। प्राइवेट हॉस्पिटल्स भी डोज ले जा रहे हैं। एक वायल खोलने के लिए दस लोगों का होना जरूरी है वरना लॉस बढ़ जाता है।

डॉ। सतेंद्र राय, एसीएमओ स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज