मिर्जापुर की महिला के भाई ने लगाए थे आरोप, एसआरएन में महिला की मौत के बाद दर्ज हुई थी रिपोर्ट
एसआरएन हॉस्पिटल के ओटी में कथित गैंग रेप मामले की जांच में पुलिस को कोई एवीडेंस नहीं मिला है। गुरुवार को आई फोरेंसिक रिपोर्ट में भी दुष्कर्म की पुष्टि न होने पर पुलिस ने केस बंद करने का फैसला ले लिया गया है। मामले में सभी साक्ष्य और तथ्यों के आधार पर क्लोजर रिपोर्ट लगाई गई है। पुलिस के इस कदम से आरोपित डाक्टर समेत अन्य कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है।
अफसरों ने दी जानकारी
गुरुवार शाम पुलिस लाइन सभागार में डीएम, एसएसपी, सीएमओ और मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्राचार्य ने मामले में अब तक हुए परीक्षण, बयान, विवेचना समेत दूसरे तथ्यों से मीडिया को अवगत कराया। एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने बताया कि सामूहिक दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज होने के बाद भौतिक साक्ष्य, परिस्थितिजन्य साक्ष्य, वैज्ञानिक और तकनीकी साक्ष्य जुटाए गए थे। आरोपित और आसपास के लोगों का बयान दर्ज किया गया था, लेकिन सामूहिक दुष्कर्म के प्रमाण नहीं मिले। पीडि़ता का वेजाइनल स्वैब की स्लाइड बनवाकर फोरेंसिक लैब भेजी गई थी। लैब की रिपोर्ट में भी दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हो सकी है। सभी साक्ष्यों का परीक्षण और तथ्यों को समाहित करने के बाद केस में क्लोजर रिपोर्ट लगाई गई है। कई दिनों तक चली विवेचना में आरोपों की पुष्टि न होने पर अब केस को बंद कर दिया गया है।