लॉकडाउन खुलने की उम्मीद में कर्मचारियों का वैक्सीनेशन करा रहा आटोमोबाइल सेक्टर

काम बंद होने से गवर्नमेंट को भी लगा झटका, न जीएसटी आयी और न ही रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस से टैक्स

लॉकडाउन के चलते लंबे समय से टू और फोर व्हीलर शोरूम पर ताला लगा है। इस सहालग सीजन में उतनी गाडि़यां भी नहीं बिकीं जितनी ड्राई सीजन में बिक जाया करती थीं। इस बिजनेस से जुड़े लोग चाहते हैं कि जल्द शोरूम को खोलकर बिक्री की अनुमति मिले। इसका खामियाजा सिर्फ व्यवसायी नहीं भुगत रहे हैं। सरकार और इंश्योरेंस सेक्टर को भी भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। केन्द्र और राज्य सरकार को मिलने वाली जीएसटी के साथ परिवहन विभाग को भी रजिस्ट्रेशन शुल्क का झटका लगा है।

उनका जीवन है हमारी जिम्मेदारी

संचालकों का कहना है कि कोरोना के चलते अप्रैल, मई और जून का सहालग का बिजनेस चौपट हो चुका है। उम्मीद है कि जून की शुरुआत से लॉकडाउन जल्द खत्म होगा और शोरूम खुलने लगेंगे। हमारी पहली स्टॉफ को वैक्सीनेट कराना है, वह शुरू हो चुका है। क्योंकि, यही टीम पब्लिक से इंटरैक्ट करती है। इस बिजनेस से जुड़े लोगों का मानना है कि कॉमन लोग भी वेहिकल परचेज करने के लिए शोरूम खुलने का इंतजार कर रहे हैं। इस स्थिति में अपने कर्मचारियों को भी सिक्योर करना है और पब्लिक को भी। व्यापारी कहते हैं कि हर साल सहालग में आटो मोबाइल सेक्टर की बिक्री में 20 से 25 फीसदी का बूम आता है। दो साल से यह सीजन ड्राई जा रहा है। व्यापारियों का करोड़ों का नुकसान हुआ है। व्यापारियों का कहना है कि पिछले साल लॉक डाउन के बाद सरकार ने टैक्स भरने में तीन माह की राहत दी थी लेकिन बाद में टैक्स पूरा ले लिया था। समय की रियायत मिली थी, टैक्स की नही।

मांगी थी, नही मिली परमिशन

व्यापारियों का कहना है कि हमारे पुराने जीएसटी का आडिट करा दिया जाए साथ ही इस बार टैक्स जमा करने में समय दिया जाए। बहुत से व्यापारी अभी तक अपना जीएसटी रिटर्न नही जमा कर पाए हैं। सरकार चाहे तो आटो मेाबाइल सेक्टर पर लगाए जाने वाले टैक्स में राहत के बारे में भी विचार कर सकती है।

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फीसदी जीएसटी एप्लीकेबल है प्रत्येक वाहन की बिक्री पर

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फीसदी सीजीएसटी एप्लीकेबल है प्रत्येक वाहन की बिक्री पर

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फीसदी के करीब रोड टैक्स के रूप में जाता है परिवहन विभाग के पास

300

रुपये जमा होते हैं रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में

8

फीसदी के करीब है इंश्योरेंस का एमाउंट (गाड़ी की बेस प्राइज से तय होता है)

28

फीसदी जीएसटी लगती है (आई और सी जीएसटी) इंश्योरेंस एमाउंट पर

हमारे यहां भी व्यापारियों ने बाकी शह्रारों की तरह सशर्त शोरूम खोलने की परमिशन मांगी थी लेकिन नही मिली। बिजनेस काफी चौपट हो चुका है। अब लॉकडाउन खुले तो बिजनेस को बढाया जाएगा।

अंकित गुप्ता

ग्रांड हांडा

पिछले साल और इस साल भी सहालग पर लॉक डाउन लग जाने से काफी नुकसान हुआ है। उम्मीद है कि शोरूम खुलने के बाद बिक्री बढ़ेगी। कोरोना संक्रमण को देखते हुए नियमों का पालन करना होगा। स्टाफ को भी वैक्सीन लगवा रहे हैं।

हरप्रीत सचदेवा,

जीएस ड्रीम हांडा

अभी तक तो लॉक डाउन नही खुला है। खुले तेा फिर आगे देखा जाए। लास्ट ईयर तो टैकस में कोई राहत नही मिली थी। इसलिए व्यापारियों को खुद से स्टैंड करना होगा। शोरूम खुलने के बाद कई बातों का ख्याल रखना होगा।

रजत, जेपी मोटर्स

कोरोना के नियमों के साथ व्यापार करना होगा। लोग काफी टूट चुके हैं और बाजार भी काफी ठंडी हो चुकी है। लॉक डाउन खुलने के बाद मोर्केट में तेजी लाने का काम किया जाएगा। अभी तो हम लोग सरकार के अगले निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।

ऋषि गुलाटी

बजाज