प्रयागराज (ब्यूरो)। लोगों के भीतर देश प्रेम और आदर की भावना जगाने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
बताया गया कि 11 से 17 अगस्त के बीच निजी आवासों और प्रतिष्ठानों पर लगाए जाने वाले झंडों को समयावधि के बाद उतारकर सुरक्षित रखा जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि तिरंगे को सरकारी परिसर में फहराया जाता है तो सूर्योदय के उपरांत ध्वजारोहण किया जाना चाहिए और साथ ही सम्मान के साथ इसे उतारना होगा।
यह भी बताया गया कि विशेष परिस्थितियों में झंडा रात्रि मेें फहराया जा सकता है।
आधा झुका, फटा या कटा झंडा लगाना निषेध होगा।
समूह बनाएंगे तिरंगा
नौ लाख झंडो के निर्माण के लिए स्वयं सहायता समूहों को सम्मिलित कर झंडा निर्माण समूहों का गठन किया जाएगा।
नौ जून तक स्वयं सहायता समूहों, टेलर्स, आईटीआई व अन्य वोकेशनल केंद्रों के दक्षकारों का चयन कर लिया जाएगा।
इसके बाद झंडों की बिक्री और वितरण शहर और गांव एरिया की सरकारी राशन की दुकानों के जरिए किया जाना है।
इसके अलावा विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा झंडे खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा।
कैसा होगा तिरंगा
तिरंगे का आकार आयताकार होगा।
इसकी लंबाई 3 फिट और चौड़ाई 2 फिट रखी गई है।
झंडा खादी, सूती, पालीस्टर, ऊनी या सिल्क कपड़े का बना होगा।
फहराते समय सबसे ऊपर केसरिया रंग होगा और बीच में सफेद और नीच हरा रंग रखा जाएगा।
एक नजर में प्रयागराज
आबाद गांव- 2809
गैर आबाद गांव- 244
नगरों की संख्या- 25
कुल जनसंख्या- 59.59 लाख
घरों की संख्या- 9.8 लाख
झंडा फहराने का लक्ष्य- 7.5 लाख
झंडा निर्माण का लक्ष्य- 9 लाख
डीएम को बनाया गया अध्यक्ष
हर घर तिरंगा अभियान की सफलता के लिए गठित समिति का अध्यक्ष डीएम संजय खत्री को बनाया गया है। उपाध्यक्ष सीडीओ शिपू गिरि और एसएसपी अजय कुमार होंगे। सदस्य के रूप में विवि कुलपति के नामित प्रतिनिधि, नगर आयुक्त, सीईओ छावनी परिषद, सीएमओ, डीडीओ, डीपीओ आदि को सदस्य नामित किया गया है।
फंड नही, कहां से आएगा कपड़ा
हालांकि अभियान को लेकर एक चिंता है जो अधिकारियों को सता रही है। उनका कहना है कि झंडा निर्माण के लिए कपड़ा खरीदने का फंड नहीं दिया गया है। उनका कहना है कि अगर एक मीटर कपड़े में दो झंडे बनेंगे तो भी 4.5 लाख मीटर कपड़े की जरूरत पड़ेगी। इसकी खरीद में लाखों रुपए का खर्च आएगा। प्रशासन झंडा निर्माण की कवायद में जुट गया है।