प्रयागराज (ब्यूरो)।
केस नंबर एक : सिविल लाइंस के रहने वाले शेखर कुमार का भतीजा अपनी फैमिली को लेकर दिल्ली गया था। उसे गुरुवार को वापस प्रयागराज लौटना था। लेकिन फ्लाइट कैंसिल होने की वजह से उसके परिवार को रात होटल में गुजारनी पड़ी। शुक्रवार की नाइट प्रयागराज एक्सप्रेस से पूरा परिवार वापस रवाना हुआ।
केस नंबर दो- आर्किटेक्ट एसोसिएशन के सचिव विशाल खरे को जरूरी काम से दिल्ली जाना था। फ्लाइट लगातार फॉग के चलते रद होने से वह मजबूरी में गुरुवार रात ट्रेन से गए। यह ट्रेन दिल्ली सुबह पांच घंटे लेट पहुंची। इसकी वजह से उनका काम काफी प्रभावित हुआ। दिनभर वह वापसी के लिए फ्लाइट का टिकट ढूंढते रहे लेकिन यहां भी उड़ान कैंसिल मिली। शुक्रवार रात वह भी प्रयागराज एक्सप्रेस से रवाना हुए।
केस नंबर तीन- बिजनेस मैन राकेश शर्मा को अपनी यूनिट का दौरा करने मुंबई जाना था। पिछले चार दिन से अपनी यात्रा टाल रहे हैं। ट्रेन में उनको टिकट नही मिल रहा है। क्योंकि एक माह तक सभी ट्रेनें फुल हैं। तत्काल में भी लंबी वेटिंग चल रही है। अब उन्होंने पांच जनवरी को जाने का फैसला किया है। उनका कहना है कि फॉग की वजह से उनका लाखों का नुकसान हो रहा है।
यह तीन उदाहरण तो केवल बानगी मात्र हैं। असलियत में तो रोजाना सैकड़ों परिवार मजबूरी में गंतव्य तक नही पहुंच पाने पर इधर उधर रात काट रहे हैं। हालात यह हैं कि ट्रेनें घंटों लेट चल रही हैं और कोहरे की वजह से फ्लाइट उड़ान नही भर पा रही हैं। सबसे कठिन मुुंबई का सफर हो गया है। इस रूट की ट्रेनों में अगले एक माह तक सीट नही मिल रही है। तत्काल की स्थिति अधिक खराब है। इसकी वेटिंग सौ से अधिक चल रही है। दिल्ली के रूट पर कुछ आराम है तो ट्रेनों की लेटलतीफी उसे पूरा कर दे रही है। कुल मिलाकर इस सीजन में यात्रा करने का प्लान बनाने वालों का दो से तीन दिन केवल वेटिंग में गुजर रहा है।
दो दिन बाद दो उड़ानों को हरी झंडी
लगातार छठवें दिन भी हवाई यात्रा ने लोगों को जमकर रुलाया। शुक्रवार को भी एयरपोर्ट पर कोई भी फ्लाइट नहीं आई। सभी उड़ाने रद रहीं। यात्री लगातार फोन पर हालचाल लेते रहे लेकिन उनको निराशा ही हाथ लगी। मजबूरी में इमरजेंसी के चलते लोगों को निजी वाहनो ंसे रवाना होना पड़ा। कईयों को अपनी यात्रा को टालना पड़ा। बता दें कि पिछले दो दिन से रनवे पर खड़े दिल्ली और बेंगलुरु के विमान को शुक्रवार को उड़ान की अनुमति मिली। इन्होंने ही उड़ान भरी। इनमें 373 यात्री गए। इसके अलावा मुंबई, बेंगलुरु, भोपाल, देहरादून, भुवनेश्वर समेत सभी नौ शहरों की शुक्रवार को आने-जाने वाली सभी उड़ाने निरस्त रही। शनिवार को मौसम साफ नही रहा तो यही हालात बने रह सकते हैं।
'मुश्किल भरा ट्रेनों का सफर
कोहरे की वजह से ट्रेनों का सफर भी दुर्गति साबित हो रहा है। ट्रेनों को कई कई घंटे रीशेड्यूल किया जा रहा है। राजधानी ट्रेनों को भी आठ-आठ घंटे रीशेड्यूल किया जा रहा है। इसके बाद भी वह छह से आठ घंटा देरी से प्रयागराज पहुंची। इन ट्रेनों में यात्रा करने वालों का कहना है कि वह देरी से पहुंचेंगे तो उनका दो नुकसान होगा। एक तो उनकी छुट्टियां खराब होंगी और दूसरे उनका काम भी बिगड़ सकता है। आइए जानते हैं कि शुक्रवार को ट्रेनों की स्थिति क्या रही।
ट्रेन देरी
वंदे भारत 1.30 घंटे
डिब्रूगढ़ राजधानी सवा छह घंटा
भुवनेश्वर तेजस एक्सप्रेस पौने सात घंटा
राजेंद्र नगर राजधानी सात घंटा
प्रयागराज एक्सप्रेस साढ़े चार घंटा
हमसफर एक्सप्रेस चार घंटा
इस समय मुंबई की ट्रेनों की हालत बहुत खराब है। अगले एक माह तक न तो सीट मिल रही है और न ही तत्काल में कोई चांस है। ट्रेनों में भीड़ अधिक है। जो लोग फ्लाइट से जाने वाले हैं वह भी घर पर ही बैठे हैं। लगातार छह दिन से फ्लाइट कैंसिल होने से यह स्थिति बनी हुई है।
आकाश कुमार, ट्रेवल एजेंसी संचालक