प्रयागराज (ब्‍यूरो)। नगर निगम सदन की बैठक में लंच ब्रेक के बाद मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी द्वारा स्लैब रेट पेश किया गया। जिस पर जमकर बहस हुई। कुछ पार्षदों का कहना था कि यह ठीक नही है। इससे शहर के एक लाख मकान टैक्स के दायरे से छूट जाएंगे। इसे संतुलन के साथ नही बनाया गया है। वहीं बड़ी संख्या में पार्षद स्लैब रेट का समर्थन भी कर रहे थे। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच बहस और हल्की नोक झोक भी हुई। नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके मिश्रा ने कहा कि अभी तक जो लोग वाटर टैक्स, सीवेज टैक्स और सर्विस टैक्स मिलाकर 2301 रुपए जमा कर रहे थे, नए स्लैब में उन्हें महज 1302 रुपए देना होगा। जिससे उन्हें 999 रुपए का फायदा होगा। इस पर पार्षदों ने खुशी जाहिर की।

हर कैटैगरी के लिए राहत
नए स्लैब में हर कैटेगरी को राहत देेने की बात कही गई। बताया गया कि नगर निगम द्वारा मूल्यांकित भवनों को पांच कटैगरी में बांटा गया है। इन कैटेगरी में सात जोन के कुल 2.16 लाख घरों को शामिल किया गया है। इनको अलग अलग स्लैब के हिसाब से वाटर टैक्स जमा करना होगा। प्रत्येक स्लैब में वाटर टैक्स की दरों को कम किया गया है और यह अगले वित्तीय वर्ष से लागू हो जाएगा। एक दो पार्षदों के विरोध का सदन पर फर्क नही पड़ा और स्लैब को हरी झंडी दे दी गई।
वाटर टैक्स का नया स्लैब रेट
मूल्यांकित भवनों की कैटेगरी भवनों की संख्या निर्धारित टैक्स
1- 0 से 2500 19969 804
2- 2501 से 5000 49958 1508
3- 5001 से 7500 35031 1809
4- 7501 से 10000 22505 2010
5- 10001 से अधिक 2814 2814
किस कैटेगरी पर कितना पड़ेगा प्रभाव
1- वर्तमान में प्रचलित स्लैब रेट के अनुसार न्यूनतम 804 रुपए वाटर टैक्स देने वाले उपभोक्ताओं की संख्या 2952 है, प्रस्तावित स्लैब रेट में इस श्रेणी में उपभाक्ताओं की संख्या बढ़कर 21020 हो गई है। अर्थात 18068 उपभोक्ता जिन्हें वर्तमान में 1508 रुपए टैक्स देना पड़ रह हैा, अब उन्हे केवल 804 रूपए वाटर टैक्स देना होगा। जिससे प्रत्येक उपभोक्ता को 704 रुपए का लाभ होगा।
2- वर्तमान स्लैब में 1508 रुपए वाटर टैक्स देने वालों की संख्या 8659 है, जबकि प्रस्तावित स्लैब रेट में इस श्रेणी के उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर 52587 हो गई है। अर्थात 43928 उपभोक्ता जिन्हें वर्तमान में 1809 रुपए टैक्स या इससे अधिक टैक्स देना पड़ रहा है, अब उन्हे 1508 रुपए देना होगा। इससे उपभोक्ता को 301 रुपए का लाभ होगा।
3- वर्तमान स्लैब में 1809 रुपए टैक्स देने वाले उपभोक्ताओं की संख्या 23753 है, जबकि प्रस्तावित स्लैब रेट में इस श्रेणी के उपभोक्ता बढ़कर 36875 हो गए हैं। अर्थात 13122 उपभोक्ता जिन्हें वर्तमान में 1809 या इससे अधिक देना पड़ रहा था, अब उन्हें केवल 1809 रुपए का भुगतान करना होगा जिससे प्रत्येक उपभोक्ता को 201 रुपए का लाभ होगा।
4- प्रतिवर्ष 2010 रुपए वाटर टैक्स देने वाले उपभोक्ताओं की संख्या अपरिवर्तित रहेगी।
5- वर्तमान स्लैब में 2814 वाटर टैक्स देने वाले उपभोक्ताओं की संख्या 139268 है, जबकि प्रस्तावित स्लैब रेट में इस श्रेणी के उपभोक्ताओं की संख्या घटकर 94168 हो गई है। अर्थात 45100 उपभोक्ता जिन्हे वर्तमान में 2814 या इससे अधिक टैक्स देना पड़ रहा है, अब उन्हें केवल 2010 रुपए का भुगतान करना होगा और प्रत्येक उपभोक्ता को इससे 804 रुपए का लाभ होगा।

बढ़ जाएगी नगर निगम की आय
सदन में नगर निगम की ओर से बताया गया कि 2014-15 के वार्षिक मूल्यांकन के आधार पर वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल 4503.17 लाख रुपए का वाटर टैक्स प्राप्त होता है। प्रस्तावित टैक्स के लागू हो जाने के बाद अगले वित्तीय वर्ष 2022-23 में 4517.38 लाख की धनराशि प्राप्त होगी। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने बताया कि इस स्लैब मेें शहर के 204796 आवासीय और 22518 अनआवासीय भवनों को शामिल किया गया है। नए स्लैब के लागू होने से 52 प्रतिशत उपभोक्तओं यानी 120218 उपभोक्ताओं को वाटर टैक्स में अनुपातिक वृद्धि नही देनी होगी।

इस तरह से टैक्स में आएगी कमी
सदन में एग्जाम्पल देकर वाटर टैक्स में होने वाली कमी के बारे में बताया गया। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने बताया कि लोगों को अभी तक वाटर टैक्स के साथ 40 रुपए सर्विस चार्ज देना होता है। इसके अलावा सीवेज टैक्स भी लागू हो जाता है। ऐेसे में उनका कुल टैक्स 2301 रुपए तक पहुंच जाता है। नए स्लैब में यह काफी हद तक कम हो जाएगा। इस मौके पर मेंयर अभिलाषा गुप्ता नंदी, नगर आयुक्त रविरंजन सहित तमाम अधिकारी व पार्षद उपस्थित रहे।

नए स्लैब से पब्लिक को वाटर टैक्स में राहत मिलेगी। अब मानकर चलिए कि 10 बाई 12 स्क्वायर मीटर के मकान में रहने वाला व्यक्ति घर में एक दुकान से आजीविका चला रहा है तो उसको अब सेमी कामर्शियल श्रेणी का टैक्स नहीं लिया जाएगा। उससे आवासीय श्रेणी का टैक्स ही लिया जाएगा। सदन में सर्व सम्मति से नया स्लैब पास कर दिया गया है और इसे नए वित्तीय वर्ष में लागू कर दिया जाएगा।
अभिलाषा गुप्ता नंदी मेयर प्रयागराज