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वेंटीलेटर बेली में इस समय गंभीर मरीजों के लिए है उपलब्ध

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सामान्य रोग से पीडि़त मरीज हैं बेली अस्पताल में एडमिट

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फरवरी को बेली हॉस्पिटल को सामान्य मरीजों के लिए खोल गया था

- बेली हॉस्पिटल को कोविड लेवल टू बनाने का निर्देश

- हॉस्पिटल को बंद कराकर साफ सफाई का काम शुरू

- सामान्य मरीजों को काल्विन हॉस्पिटल में किया जायेगा शिफ्ट

कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए बेली हॉस्पिटल को कोविड लेवल टू हॉस्पिटल बनाने का निर्देश जारी कर दिया गया है। गुरुवार को डीएम भानुचंद्र गोस्वामी ने हॉस्पिटल की सीएमएस डॉ। किरण मलिक को इस बाबत आदेश दिया है। इसके बाद नए मरीजों की भर्ती को रोक दिया गया और पुराने मरीजों को काल्विन हॉस्पिटल शिफ्ट किया जाने लगा है। साथ ही हॉस्पिटल की साफ सफाई भी शुरू कर दी गई है।

कभी भी चालू हो सकता है कोविड सेंटर

बेली हॉस्पिटल में इस समय 30 मरीज भर्ती हैं। इनमें तमाम बीमारियों के मरीज भी शामिल हैं। कुछ ऐसे भी हैं जिनका आपरेशन होना था। लेकिन कोविड के बढ़ते मरीजों को देखते हुए प्रशासन ने आनन-फानन में इस हॉस्पिटल को कोविड लेवल टू सेंटर बनाने का फैसला लेना पड़ा है। गुरुवार को एक भी नए मरीज को भर्ती नहीं किया गया। जो पुराने मरीज हैं उनको काल्विन हॉस्पिटल भेजा जा रहा है। क्योंकि कभी भी बेली हॉस्पिटल में कोविड के मरीज भर्ती कराए जा सकते हैं।

क्या है लेवल टू हॉस्पिटल

- बता दें कि कोरोना के मरीजों को तीन श्रेणी में डिवाइड किया गया है।

- इनमें पहली श्रेणी में बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले मरीज होते हैं। इनको होम आइसोलेशन में रखा जाता है या लेवल वन हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाता है।

- दूसरी श्रेणी में लेवल टू मरीज होते हैं। इनको कोरोना के पूरे लक्षण होते हैं और सांस लेने मे तकलीफ की हल्की परेशान होती है। इसलिए उनको भर्ती कराकर ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जाता है।

- लेवल थ्री में गंभीर मरीज होते हैं जिनको आईसीयू में भर्ती कराया जाता है।

दो माह भी नहीं मिला इलाज

पिछले साल 12 अप्रैल को कोरोना संक्रमण को देखते हुए बेली हॉस्पिटल को लेवल टू कोविड सेंटर बनाया गया था। इसके बाद यहां हजारों मरीजों को भर्ती कर यहां इलाज किया गया। जब कोरोना के मरीज कम हो गए तो सरकार ने इस साल तीन फरवरी को बेली हॉस्पिटल को सामान्य मरीजों के लिए खोल दिया। लेकिन दो माह भी सामान्य मरीजों को इलाज नहीं मिल सका कि तब तक कोरोना ने दोबारा दस्तक दे दी है।

काल्विन हॉस्पिटल पर बढ़ेगा लोड

बेली को सामान्य मरीजों के लिए बंद किए जाने का असर सबसे ज्यादा काल्विन हॉस्पिटल पर होगा। मरीजों का लोड यहां अचानक बढ़ जाएगा। खासकर सर्जरी दोगुनी हो जाएगी और ओपीडी में सामान्य से डेढ़ से दोगुना मरीज आएंगे। पिछले साल भी यही हुआ था। बेली में कोरोना मरीज भर्ती किए जाने के बाद काल्विन हॉस्पिटल की व्यवस्था लगभग लोड से चरमरा गई थी।

कोटवा हॉस्पिटल भी हुआ तैयार

इसी तर्ज पर कोटवा में बने अस्पताल को भी लेवल वन मरीजों के लिए तैयार कर दिया गया है। 50 बेड के इस हॉस्पिटल में हल्के लक्षण वाले मरीजों को भर्ती किया जाएगा। पिछले साल भी इस हॉस्पिटल में बड़ी संख्या में मरीजों का इलाज किया गया था। उसी तर्ज पर इस बार भी तैयारियां कर ली गई हैं। उम्मीद है कि एक या दो दिन में यहां मरीजों भर्ती कराया जाएगा।

जैसे पिछले साल सितंबर अक्टूबर में मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा था उसी तरह इस बार भी बेली और कोटवा हॉस्पिटल को तैयार रहने के आदेश दिए गए हैं। जरूरत पड़ने पर यहां कोविड मरीजों का इलाज किया जाएगा।

डॉ। एके तिवारी, डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस आफिसर, प्रयागराज

हॉस्पिटल में नए मरीज भर्ती नहीं किए जा रहे हैं। जो ठीक हो गए हैं उन्हें डिस्चार्ज किया जा रहा है। हॉस्पिटल को कोविड के लिए तैयार कर बंद कराया जा रहा है। जैसे ही संक्रमित आएंगे उनको भर्ती कर इलाज शुरू करा दिया जाएगा।

डॉ। एमके अखौरी, अधीक्षक, बेली हॉस्पिटल