प्रयागराज (ब्यूरो)। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने इस साल से फीस में करीब चार सौ फीसदी का इजाफा किया है। इसके विरोध के साथ छात्र संघ बहाली की मांग को लेकर संयुक्त संघर्ष समिति का अनशन मंगलवार को 804वें दिन जारी रहा। आमरण अनशन का आज 29वां दिन था। आमरण अनशन पर बैठने वालों में विवेक सुल्तानवी हैं। छात्र प्रतिनिधियों के आंदोलन को समाप्त कराने के लिए प्रशासनिक अफसरों ने संडे को पहल की थी। उन्होंने छात्रों की बात सुनी और फिर यूनिवर्सिटी प्रशासन के साथ बातचीत करके मसले का हल निकालने के लिए माहौल बनाया। इस पर मंगलवार को फिर से मिटिंग कॉल की गयी थी। यूनिवर्सिटी डेलिगेशन प्रो। मनमोहन कृष्णा की अध्यक्षता में पहुंचा था। प्रशासन की तरफ से एडीएम और सीओ मौजूद थे। मिटिंग में श्री कृष्णा को देखकर छात्रों ने सवाल उठा दिया कि रिटायर्ड प्रोफेसर किस हैसियत से इसे लीड कर रहे हैं। इसके बाद फीस वृद्धि वापस लेने की मांग उठी तो परिस्थितिजन्म तर्कों के साथ इसे खारिज कर दिया गया।
एयू के रवैये को कोसा
किसी मेधावी, गरीब की पढ़ाई नहीं रुकेगी
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की तरफ से पीआरओ जया कपूर ने बताया है कि मंगलवार को नार्थ हॉल में हुई बैठक में विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि प्रोफेसर अनामिका रॉय, प्रोफेसर मनमोहन कृष्ण, रजिस्ट्रार प्रोफेसर एनके शुक्ला, डीएसडब्ल्यू और राजीव गुप्ता ने छात्र प्रतिनिधियों से बात की। आंदोलनकारी छात्रों ने फीस वृद्धि को पूरी तरह से वापस लेने और छात्र संघ चुनाव कराकर छात्र संघ को बहाल करने की मांग की। यूनिवर्सिटी ने फीस वृद्धि के लिए कारण और औचित्य बताते हुए दोनों मुद्दों पर अपना रुख स्पष्ट किया। कहाकि, छात्र संघ के संबंध में मामला हाई कोर्ट में पेंडिंग है। इसलिए इस मामले में विश्वविद्यालय के अधिकारियों द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है। कहा गया कि कुलपति ने आश्वासन दिया है कि फीस वृद्धि के कारण कोई भी मेधावी लेकिन गरीब छात्र विश्वविद्यालय में शिक्षा पाने से वंचित नहीं रहेगा। ऐसे सभी छात्रों के विषय में निर्णय लेने के लिए एक समिति का गठन किया जायेगा।