प्रयागराज (ब्यूरो)। सुरक्षा के मद्देनजर हर गांव और मोहल्ले में गश्त की जिम्मेदारी थाने पर तैनात पुलिस कर्मियों को दी जाती है। जानकार बताते हैं कि बीट पर तैनात सिपाही की जिम्मेदारी है कि वह इलाके की हर छोटी बड़ी चीजों की खबर रखे। एरिया में कौन व्यक्ति संदिग्ध है और अड्डेबाजी या दबंगई कौन कर रहा यह जानकारी भी रखना उसकी जिम्मेदारी है। खास कर यदि किसी के बीच विवाद चल रहा और मुकदमें दर्ज हैं तो उस परिवार की बराबर मानीटरिंग करते भी बीट के जवान का ही दायित्व है। गश्त से लौटने के बाद क्षेत्र में प्राप्त स्थिति की खबर इंस्पेक्टर को भी देने के प्राविधान हैं। इतना ही नहीं संदिग्धों के नाम व विवाद की स्थिति और शांति व्यवस्था तक थाने पर बने बीट रजिस्टर में भी उसे दर्ज करना चाहिए था। लोगों का कहना है कि यदि ऐसा किया गया होता और पुलिस गंभीर होती तो शायद आज फूलचंद व उसका परिवार जिंदा होता।
शराबियों का अड्डा बन गया था भट्ठा
परिवार सहित मारे गए फूलचंद के घर के ठीक पीछे ईंट भट्ठा है। लोगबाग यह भी कहते हैं कि सूरज के ढलते ही भट्ठे पर दबंग व अराजकतत्वों का जमावड़ा लग जाता था। यहां बैठकर सभी शराब पिया करते थे। लोगों की मानें तो भट्ठे पर आने वालों की दबंगई से आसपास के तमाम लोग काफी परेशान थे। मगर, उनकी दहशत के चलते कोई विरोध करने का साहस नहीं जुटा पा रहा था। छानबीन में पब्लिक द्वारा शायद यह सारी बातें पुलिस अफसरों को बताई गई हैं। यही कारण है कि चारों के मर्डर केस की जांच करी पुलिस व अफसर ईंट भट्ठे के लोगों से पूछताछ और जांच में जुटे हैं।