भोर में करीब पांच बजे घने कोहरे में ट्रैक पार करते वक्त नहीं दिखाई दी ट्रेन

चपेट में आने से मौके पर ही हो गई उसकी मौत, जा रहा था फ्रेश होने

PRAYAGRAJ: रेलवे ट्रैक को शुक्रवार भोर कोहरे में पार करना सब्जी कारोबारी उमेश (35) के लिए काल बन गया। भोर करीब पांच बजे चौफटका के पास घना कोहरा था। कोहरे में आ रही ट्रेन नजर नहीं आई। ट्रेन का चालक भी ट्रैक पार कर रहे उमेश को नहीं देख सका। परिणाम यह हुआ कि सब्जी कारोबारी ट्रेन की जद में आ गया। ट्रेन की चपेट में आते ही उसके टुकड़े हो गए। खबर मिली तो जीआरपी पहुंची और बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया।

कौशाम्बी जिले का था निवासी

सब्जी कारोबारी उमेश भेलखा निवासी श्रीलाल के तीन बेटों में बड़ा था। उसके एक भाई की मौत पहले ही हो चुकी थी। वह चकिया में किराए पर रहकर सब्जी बेचता था। बताते हैं कि शुक्रवार को उसे घर जाना था। भोर में उठा और फ्रेश होने के लिए चौफटका के पास तालाब की तरफ जाने लगा। घने कोहरे के बीच वह वह ट्रैक को पार कर रहा था। अचानक आई ट्रेन उसे दिखाई नहीं दी। जैसे ही वह ट्रैक पार करते हुए बीच में पहुंचा कि ट्रेन आ गई। चपेट में आते ही वह टुकड़ों में बंट गया। करीब छह सात बजे लोगों की उस पर नजर पड़ी। सूचना पर जीआरपी ने उसकी बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया है। उमेश के दो बच्चे हैं। मौत की खबर सुनते ही उसकी पत्‍‌नी मीरा चीख पड़ी। पिता की मौत से बेसहारा हुए बच्चे भी बिलख पड़े।

बाउंड्री लांघ कर जाते हैं लोग

चौफटका पर फ्लाईओवर ब्रिज बनने के बाद नीचे से ट्रैक पारकर के आवागमन पर रोक है

मनाही के बावजूद लोगों के न मानने पर ब्रिज के नीचे ट्रैक के पास काफी दूर तक बाउंड्री करवा दी गई है

बाउंड्री का मकसद ही यही था कि अब लोग इधर से ट्रैक पार करके आवागमन न कर सकें

बावजूद इसके लिए तमाम लोग बाउंड्री लांघ कर ट्रैक पार करते हुए चौफटका से चकिया साइड आते जाते हैं

बाउंड्री की दीवार में एक जगह होल कर दिया गया है, लोग इस होल से निकलकर भी आवागमन करती हैं

बस यही लापरवाही शुक्रवार को सब्जी कारोबारी उमेश की जान के लिए आफत बन गई

यदि वह होल से निकल कर ट्रैक न पार कर रहा होता तो कोहरे में आ रही न दिखने वाली ट्रेन से बच गया होता