प्रयागराज (ब्यूरो)

केस स्टडी एक
दस साल पहले सीपीएमटी यानी यूपी कम्बाइंड प्री मेडिकल टेस्ट रद कर दिया गया था। कारण पेपर लीक था। बताया गया था कि नोएड के इलाहाबाद बैंक और एसबीआई में स्ट्रांग रूम में रखे क्वेश्चन पेपर्स के बक्से को खोलने की कोशिश की गई थी। इस एग्जाम में यूपी में दस लाख से अधिक बच्चे एपीयर हो रहे थे। लेकिन शक के चलते इस परीक्षा को अंत में रद कर दिया गया।

केस स्टडी टू
उप्र शासन की ओर से इसी साल फरवरी में यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा को रद कर दिया गया था। शुरुआती दौर में टेस्ट कराने वाली एजेंसी ने पेपर लीक के आरोप को नकार दिया था। इस पर छात्रों ने व्यापक पैमाने पर दबाव बनाया और साक्ष्य लेकर सामने आने लगे तब सरकार ने इस परीक्षा को रद्द करके फिर से कराने का फैसला लिया। एजेंसियों की जांच में साबित भी हो गया कि पेपर लीक हुआ था।

केस स्टडी थ्री
इसी साल 11 फरवरी को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की आरओ एआरओ परीक्षा पर भी दाग लगे। परीक्षा के दिन ही दोपहर में आरोप लगा दिया गया कि पेपर लीक हो गया था। ने इसी साल आरओ एआरओ एग्जाम को रद करने का फैसला किया था। छात्रों के इस आरोप को शुरुआती दौर में यूपीपीएससी ने सिरे से खारिज कर दिया। दबाव बनने पर उसने इंटरनल जांच कमेटी बैठा दी। छात्रों को इस जांच कमेटी पर भरोसा नहीं था तो उन्होंने पेपर रद करने की मांग को लेकर प्रदेश भर में आंदोलन खड़ा कर दिया। छात्र आयोग के साथ सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करने लगे तब जाकर सरकार ने हस्तक्षेप किया और इस परीक्षा को रद कर दिया। यह परीक्षा अब दिसंबर में प्रस्तावित की गयी है।
नीट 2024 के रिजल्ट में अनियमितता और धांधली पूरी तरह से उजागर हो चुकी है। 24 लाख बच्चों का भविष्य अधर में जा चुका है। सभी का कहना है कि नीट को दोबारा आयोजित कराया जाए। हालांकि यह आसान नही है। क्योंकि पूरी प्रक्रिया को फिर से दोहराना होगा। पूर्व में पेपर लीक सहित अन्य कारणों के चलते यूपीपीएससी की आरओ एआरओ, पुलिस भर्ती परीक्षा और दस साल पूर्व यूपी सीपीएमटी परीक्षा को भी सरकार ने रद कर दोबारा कराने का फैसला किया था। इस बार भी हालात ऐसे बने हैं। अब अभ्यर्थियों और उनके पैरेंट्स को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है।
बिहार में लीक हुआ था पेपर!
नीट 2024 का क्वेश्चन पेपर लीक हुआ था। यह सवाल अपने आप में काफी बड़ा है। दरअसल बिहार में पेपर लीक होने का प्रकरण सामने आ चुका है और इसमें पुलिस ने तमाम गिरफ्तारी भी की है। अब मामले में पूछताछ चल रही है। यहां के पावापुरी का महावीर कॉलेज भी जांच के दायरे में आ गया है और यहां पर पुलिस की टीम कैंप कर रही है। लगातार कॉलेज के स्टाफ और संदिग्धों से पूछताछ चल रही है। अभ्यर्थियों का कहना था कि नीट का पेपर लीक हो चुका था और इसके साक्ष्य पुलिस का उपलब्ध कराए गए हैं।
इससे सभी को नही मिलेगा इंसाफ
एक्सपट्र्स का कहना है कि अगर एनटीए उन 1563 अभ्यर्थियों का दोबारा एग्जाम कराता है जिनको ग्रेस मार्क मिला था। तो इससे सभी को इंसाफ कहां मिलेगा। जबकि गे्रस मार्क बड़ी संख्या में अभ्यथियों को दिया गया था। यह संख्या खुद एनटीए नही बता पा रहा है। इसलिए केवल 1563 की जगह दोबारा नीट कराकर परीक्षा में शामिल 24 अभ्यर्थियों का इंसाफ दिलाया जाना चाहिए।
इन सवालों के जवाब का भी इंतजार
आखिर नीट एग्जाम में 67 स्टूूडेंट्स को एआईआर वन रैंक कैसे मिल गई? यह भी सवाल बहुत बड़ा है जिसके जवाब का भी एनटीए से इंतजार है। ग्रेस मार्क काफी बड़ा विवाद का विषय बना ही हुआ है। इतना ही नही तय समय से दस दिन पहले रिजल्ट निकालने का क्या औचित्य था। वह भी उस दिन जब लोकसभा चुनाव का रिजल्ट घोषित किया जा रहा था। एनटीए के क्रिया कलाप अपने आप तमाम सवाल पैदा कर रहे हैं। जिनका जवाब खुद एनटीए के पास नही है।

अगर बच्चों के भविष्य और उनके साथ इंसाफ की बात की जाए तो नीट को दोबारा आर्गनाइज कराना होगा। क्योंकि केवल ग्रेस मार्क का एग्जाम कराने से सभी का भला नही होगा। अभी तो यह भी क्लीयर नही है कि कितनों को यह मार्क दिया गया है। इसलिए कोर्ट चाहे तो लाखों बच्चों को राहत दे सकती है।
ब्रजेश पांडेय

नीट एग्जाम में केवल एक लेवल पर दिक्कत नही है। सभी जानते हैं कि बिहार में पेपर लीक हुआ था और इसको लेकर एफआईआर भी दर्ज की गई है। पूर्व में कुछ एग्जाम रद किए गए थे। इसका कारण अभ्यर्थियों को इंसाफ दिलाना और परीक्षा की शुचिता को प्रभावित होने से बचाना था।
डॉ सुमंत सिंह, अध्यापक