प्रयागराज ब्यूरो । नवरात्रि की धूम बाजारों में भी देखने को मिली। कटरा, सिविल लाइंस और अन्य प्रमुख बाजारों में पूजन सामग्रियों की खरीदारी के लिए भीड़ उमड़ी रही। पूजा सामग्री, नारियल, चुनरी, कलश और बत्ती के साथ-साथ मां की मूर्तियों की खरीदारी
की। स्थापना के लिए कलश की भी खरीदारी हुई। इस बार पूजा सामग्री के दामों में 10 से 20 रुपये की वृद्धि देखी गई है। बावजूद इसके, श्रद्धालु उत्साहपूर्वक नवरात्रि की तैयारियों में जुटे रहे। बाजार में विभिन्न प्रकार की मूर्तियां मिट्टी, प्लास्टर ऑफ पेरिस और संगमरमर से बनी उपलब्ध थीं, जिनकी कीमत 50 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक थी।
ऑनलाइन और ऑफलाइन छूट
नवरात्र पर श्रद्धालुओं को ऑनलाइन और ऑफलाइन दुकानों में कई आकर्षक ऑफर्स मिल रहे हैं। विभिन्न ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स पर इलेक्ट्रॉनिक्स, घरेलू सामान, कपड़े और जूते जैसी वस्तुओं पर 70 से 80 प्रतिशत तक छूट दी जा रही है। ग्राहक उत्साहपूर्वक इन ऑफर्स का लाभ उठाकर खरीदारी कर रहे हैं, जिससे नवरात्रि की तैयारी और भी आसान हो गई है। लोग अपने आवश्यक सामान के साथ-साथ त्योहार की खास खरीदारी भी कर रहे हैं।

नवरात्रि के आज पहले ही दिन लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला है। ग्राहकों ने दुर्गाजी की प्रतिमाओं के साथ पूजन सामग्रियों की भी जमकर खरीदारी की।
इस पर्व के प्रति श्रद्धा और भक्ति साफ दिखाई दे रही है।
- विकास, दुकानदार

नवरात्रि का पहला दिन हमेशा खास होता है, और इस बार भी बाजार में रौनक देखी जा रही है। लोग पूजा सामग्री और मां दुर्गा की मूर्तियां खरीदने के लिए बड़ी संख्या में आ रहे हैं। हालांकि, इस बार कीमतों में थोड़ा इजाफा हुआ है, फिर भी श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ है। यह पर्व हर किसी के लिए खुशी और समर्पण का अवसर लेकर आता है।
- सौरभ, दुकानदार


नवरात्रि का पहला दिन मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आज मैंने कलश पूजा की और मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त किया। यह मेरे परिवार के लिए सुख-समृद्धि और खुशियों का प्रतीक है। करीब तीन साल से हमारे घर में कलश पूजा की जा रही है.मैं हमेशा से मानती हूं कि इस समय की गई पूजा से जीवन में सकारात्मकता आती है।
- सीमा, श्रद्धालु

नवरात्र का मतलब है नौ रातें जो बुराई पर अच्छाई की जीत, नकरात्मकता पर सकारात्मकता, घृणा पर करुणा, पक्षपात पर समानता, उत्पीडऩ पर सशक्तिकरण और अन्य चीजों का प्रतीक है। इस पर्व पर उपवास, ध्यान और खुद को तरोताजा करने के लिए नौ दिन का व्रत रखी हूं।
- वर्षा