सुबह से ही दर्शन पूजन के लिए पहुंच रहे भक्त, नवरात्र के दूसरे दिन मां के ब्रम्हचारिणी स्वरूप का हुआ दर्शन
prayagraj@inext.co.in
PRAYAGRAJ: नवरात्र के पावन पर्व को त्याग और तपस्या का समय भी माना जाता है। ऐसे में हर कोई मां भगवती की आराधना करके हर कोई अपने मन की मुराद पूरी होने की कामना करता है। भक्त निष्काम भाव से व्रत रखकर मां भगवती का दर्शन व पूजन करते है। नवरात्र के दूसरे दिन बुधवार को मां के ब्रह्माचारिणी स्वरूप भक्तों ने पूजन किया। इस मौके पर व्रती महिलाओं व पुरुषों ने घर में ज्योति जलाकर दुर्गा सप्तशती का पाठ करके मां से आत्मशक्ति और कोरोना महामारी के जल्द खत्म होने की कामना की। महिलाओं ने घर में भजन करके मां को रिझाने का प्रयास किया।
मंदिरों में ब्रम्हचारिणी स्वरूप में श्रृंगार
नवरात्र के दूसरे दिन देवी मंदिरों में मां के ब्रम्हचारिणी स्वरूप में श्रृंगार हुआ। जिसकी एक झलक पाने के लिए भक्तों की भीड़ देर शाम तक पहुंचती रही। मां कल्याणी देवी मंदिर के महामंत्री श्याम जी पाठक ने मंत्रोच्चार के बीच मां कल्याणी का रत्नजडि़त आभूषणों से श्रृंगार करके विधि-विधान से पूजन किया। इसके बाद मां की आरती उतारकर जनकल्याण की कामना की। मां के दिव्य स्वरूप का दर्शन पाकर मौजूद भक्त मंत्रमुग्ध हो गए और भक्तों की टोली ने पूरे उत्साह के साथ कल्याणी देवी का जयकारा लगाकर उनका आर्शिवाद प्राप्त किया। मां ललिता देवी मंदिर में दर्शन-पूजन करने का सिलसिला सुबह से शुरू हो गया। शाम को मां ललिता का ब्रह्माचारिणी स्वरूप का श्रृंगार करके आरती उतारी गई। मंदिर समिति के अध्यक्ष हरिमोहन वर्मा व महामंत्री धीरज नागर ने भक्तों के मास्क लगाने, दो गज की दूरी मानक का पालन करने की व्यवस्था को सुनिश्चित की।
मां को चढ़ाई नारियल चुनरी
मां खेमा माई का दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भक्त पहुंचे। मां को चुनरी, नारियल व प्रसाद अर्पित करके अखंड ज्योति की परिक्रमा की। अलोपशंकरी मंदिर में भक्तों के मां के पालने का दर्शन करने का सिलसिला सुबह से लेकर रात तक चलता रहा। नाइट कर्फ्यू लगने से पहले तक मंदिर में भक्तों की लाइन लगी रही। मइया के पालने में फूल, चुनरी, नारियल व इलायची अर्पित करके भक्तों ने मनोवांछित फल प्राप्ति की अरदास लगाई।
मंदिरों में चल रहे यज्ञकुंड में पड़ी आहुति
नवरात्र के अवसर पर सिटी के देवी मंदिरों में जनकल्याण के लिए शतचंडी यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। इस मौके पर मां अलोपशंकरी, मां कल्याणी देवी, मां ललिता देवी मंदिर में मंत्रोच्चार के बीच यज्ञकुंड में आहुतियां डाली गई। मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोग यज्ञ में शामिल हुए। कोरोना के कारण आम भक्तों को अनुष्ठान से दूर रखा गया है।